गिरिडीह: घर से निकले युवक का अपहरण कर लिया गया. अपहरण के कुछ घंटे के अंदर ही इसकी जानकारी जिले के पुलिस कप्तान दीपक कुमार शर्मा को लग गई. दिन दहाड़े हुई अपहरण की इस घटना की जानकारी पर पुलिस ने ऐसी घेराबंदी की कि अपराधियों को चंद घंटे में ही घुटने टेकने पड़े और एक पैसा लिए बगैर भुक्तभोगी को छोड़ना पड़ा. यह पूरा मामला अहिल्यापुर थाना इलाके के जोरासिमर के युवक मिथलेश मंडल (पिता- जितेंद्र मंडल) से जुडा है. दरअसल 18 दिसंबर को सुबह मिथलेश अपनी पल्सर बाइक जेएच 11 एके - 9643 पर सवार होकर घर से निकला. इस बीच रास्ते में उसका अपहरण कर लिया गया.
सलामती के लिए मांगे पांच लाख: शाम पांच बजे मिथलेश की पत्नी अंजली देवी के मोबाइल पर अपराधियों ने फोन किया. अपहरणकर्ताओं ने कहा कि मिथलेश को किडनैप कर लिया गया है, सलामती चाहते हो तो 10 लाख लेकर तुरंत डुमरी पहुंचो. अपराधियों ने जान तक मारने की धमकी दे डाली. 18 दिसंबर की शाम पांच बजे आए इस फोन कॉल से मिथलेश का पूरा परिवार डर गया. अंधेरा होने के बाद शाम 7:30 बजे मिथलेश की मां रधिका देवी थाना पहुंची और अपहरण की जानकारी पुलिस को दी.
प्राथमिकी से पहले पुलिस हो चुकी थी रेस: दूसरी तरफ बताया जाता है कि मिथलेश के परिजनों द्वारा थाना में मामले की सूचना देने से पहले ही एसपी दीपक तक अपहरण की खबर पहुंच चुकी थी. ऐसे में एसपी ने तुरंत ही तीन टीम का गठन किया. एक टीम एसडीपीओ सदर अनिल कुमार सिंह, दूसरी टीम साइबर डीएसपी संदीप सुमन के नेतृत्व में तो तीसरी टीम सरिया-बगोदर एसडीपीओ नौशाद आलम के नेतृत्व में गठित करते हुए युवक की बरामदगी का प्रयास शुरू किया गया. टीम द्वारा अलग अलग स्थानों में घेराबंदी की जाने लगी. चारों तरफ घेराबंदी से अपराधी परेशान हो गए और युवक को बगोदर थाना इलाके के औरा में छोड़कर फरार हो गए. गठित टीम द्वारा त्वरित छापामारी करने के फलस्वरुप कांड में अपहृत मिथलेश मंडल को चंद घंटे के अंदर सकुशल बरामदगी कर ली गई तथा उक्त कांड में अपराधियों द्वारा प्रयुक्त बोलेरो पंजीयन संख्या- जेएच 12 ई -5710 को भी बरामद कर लिया गया है.
चिचाकी के सुनसान स्थान पर रखा गया था मिथलेश: इधर, बताया जाता है अपहरण के बाद अपराधी मिथलेश को सरिया-बगोदर अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत चिचाकी के सुनसान स्थान पर रखा था. यहीं से अपराधी फिरौती की मांग भी करते रहे. बताया जाता है कि अपराधियों द्वारा लगातार अनहोनी की धमकी भी दी जाती रही. हालांकि सब्र और हिम्मत के साथ एसपी की टीम ने ऐसी घेराबंदी की कि अपराधी भुक्तभोगी मिथलेश को छोड़कर भागने को मजबूर हुए.
डीएसपी साइबर ने दिया पैसे देने का लालच: इधर जानकारी मिल रही है कि अपहरण के कुछ घंटे के अंदर जानकारी मिलते ही एसपी की टीम ने पूरे योजनाबद्ध तरीके से काम करना शुरू किया. प्राथमिकता मिथलेश की सकुशलता थी. ऐसे में जिन तीन टीम का गठन किया गया उनमें शामिल हरेक अधिकारी को एसपी ने अलग-अलग जिम्मा सौंपा. साइबर डीएसपी को पीड़ित का रिश्तेदार बनाकर अपराधियों से बात करवाना शुरू करवाया गया. साइबर डीएसपी ने अपराधियों को पैसे का लालच दिया. दो घंटे तक साइबर डीएसपी अपराधियों को अपनी बातों में फंसाकर रखे रहे. अंत में सरिया-बगोदर एसडीपीओ नौशाद की टीम ने घेराबंदी कर ली तो अपराधी युवक मिथलेश को औरा-डुमरी की तरफ छोड़कर भाग निकले.
टीम में शामिल अधिकारी: अपहरण की इस घटना का उद्भेदन करने और युवक की सकुशल बरामदगी में अहम भूमिका एसडीपीओ अनिल, एसडीपीओ नौशाद, डीएसपी संदीप के अलावा इंस्पेक्टर कमाल खान, अहिल्यापुर थाना प्रभारी अमरजीत सिंह एवं सरिया तथा बगोदर के पुलिस पदाधिकारी की रही.
दबोचे जायेंगे अपराधी- एसपी: एसपी दीपक कुमार शर्मा ने अपहरण की इस घटना को अंजाम देने में शामिल अपराधियों की पहचान हो चुकी है. एक से दो दिनों में सभी अपराधी पकड़े जायेंगे.
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