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गिरिडीह: पांच सूत्री मांग को ले तीन दिनों की हड़ताल पर निगमकर्मी

गिरिडीह नगर निगम के कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मियों ने पांच सूत्री मांग को लेकर हड़ताल शुरू किया है. इस हड़ताल को कर्मी सांकेतिक बता रहे हैं जो तीन दिनों तक चलेगा.

Giridih Municipal Corporation workers strike
Giridih Municipal Corporation workers strike
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Published : Jul 11, 2022, 4:58 PM IST

Updated : Jul 11, 2022, 5:14 PM IST

गिरिडीह: 10 वर्षों से कार्यरत कर्मियों की सेवा नियमित करने समेत पांच सूत्री मांग को लेकर गिरिडीह नगर निगम से लेकर झारखंड के तमाम निकाय के कर्मी तीन दिनों की हड़ताल पर चले गए हैं. 11 से 13 जुलाई तक यह हड़ताल चलेगी जिसे झारखंड लोकल बॉडीज इम्प्लाइज फेडरेशन सांकेतिक हड़ताल बता रहा है. फेडरेशन का कहना है कि इस हड़ताल के बाद भी उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो राज्यस्तरीय हड़ताल होगी. इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई तो दीपावली से पहले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर निकाय कर्मी जाएंगे.



पूरे मामले की जानकारी देते हुए मजदूर नेता अशोक सिंह ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 10 वर्ष पूर्व नगर विकास मंत्री हुआ करते थे उस वक्त उन्होने यह वादा किया था कि जो 10 वर्षों से कार्यरत हैं उनकी सेवा नियमित की जाएगी. इसके बाद उच्च व सर्वोच्च न्यायालय ने भी सेवा नियमित करने को कह दिया. इसके बावजूद भी सेवा को नियमित नहीं किया जा रहा है.

अशोक सिंह का कहना है कि एनजीओ के माध्यम से काम करने का चस्का मंत्री व अधिकारियों को लग गया है. यही कारण है कि कर्मियों को नियमित नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एनजीओ के अंदर काम करनेवालों का भी शोषण हो रहा है. यह भी कहा कि सरकार एनजीओ को काम देना बंद करे. यदि यह नहीं होता है तो कार्य का बंटवारा हो. यह तय किया जाए कि एनजीओ कितना वार्ड में काम करेगा और निगम के कर्मी कितना वार्ड में काम करेंगे. इस दौरान लखन हरिजन, राम कुमार सिंह, प्रदीप सिन्हा, केदार हरिजन, मृत्युंजय सिंह, मो शबीर अंसारी, लखन शर्मा, अशोक हाड़ी समेत कई लोग मौजूद थे.

गिरिडीह: 10 वर्षों से कार्यरत कर्मियों की सेवा नियमित करने समेत पांच सूत्री मांग को लेकर गिरिडीह नगर निगम से लेकर झारखंड के तमाम निकाय के कर्मी तीन दिनों की हड़ताल पर चले गए हैं. 11 से 13 जुलाई तक यह हड़ताल चलेगी जिसे झारखंड लोकल बॉडीज इम्प्लाइज फेडरेशन सांकेतिक हड़ताल बता रहा है. फेडरेशन का कहना है कि इस हड़ताल के बाद भी उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो राज्यस्तरीय हड़ताल होगी. इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई तो दीपावली से पहले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर निकाय कर्मी जाएंगे.



पूरे मामले की जानकारी देते हुए मजदूर नेता अशोक सिंह ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 10 वर्ष पूर्व नगर विकास मंत्री हुआ करते थे उस वक्त उन्होने यह वादा किया था कि जो 10 वर्षों से कार्यरत हैं उनकी सेवा नियमित की जाएगी. इसके बाद उच्च व सर्वोच्च न्यायालय ने भी सेवा नियमित करने को कह दिया. इसके बावजूद भी सेवा को नियमित नहीं किया जा रहा है.

अशोक सिंह का कहना है कि एनजीओ के माध्यम से काम करने का चस्का मंत्री व अधिकारियों को लग गया है. यही कारण है कि कर्मियों को नियमित नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एनजीओ के अंदर काम करनेवालों का भी शोषण हो रहा है. यह भी कहा कि सरकार एनजीओ को काम देना बंद करे. यदि यह नहीं होता है तो कार्य का बंटवारा हो. यह तय किया जाए कि एनजीओ कितना वार्ड में काम करेगा और निगम के कर्मी कितना वार्ड में काम करेंगे. इस दौरान लखन हरिजन, राम कुमार सिंह, प्रदीप सिन्हा, केदार हरिजन, मृत्युंजय सिंह, मो शबीर अंसारी, लखन शर्मा, अशोक हाड़ी समेत कई लोग मौजूद थे.

Last Updated : Jul 11, 2022, 5:14 PM IST
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