गिरिडीह: अफगानिस्तान में अपहृत बगोदर प्रखंड के घाघरा के रहने वाले प्रवासी मजदूर प्रसादी महतो का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. इससे परिजनों में मायूसी छाई हुई है. पत्नी और बच्चे प्रसादी महतो की वापसी की खबर सुनने का दिन का इंतजार कर रही है.
बता दें कि अफगानिस्तान में झारखंड के चार मजदूरों का अपहरण दो साल पहले 6 मई 2018 को कर लिया गया था. उन मजदूरों में प्रसादी महतो भी शामिल है. वह घर का इकलौता कमाऊ सदस्य भी है. पत्नी ने अपने पति की सकुशल वापसी की मांग की है. पति को जब भी वह याद करती है पूरी तरह से टूट जाती है और बिलखने लगती है.
मुखिया ने किया सहयोग
बगोदर पश्चिमी पंचायत के मुखिया लक्ष्मण महतो ने मजदूर दिवस पर प्रसादी महतो के परिजनों का सुध लिया. उन्होंने राहत के तौर पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराते हुए हरसंभव मदद का भरोसा दिया है. मुखिया ने इस मौके पर प्रसादी महतो के परिजनों सहित आस-पास के लोगों के बीच मॉस्क का भी वितरण किया और लोगों से लॉकडाउन का पालन करने की अपील की. साथ हीं अफगानिस्तान में अपहृत प्रसादी महतो की भी सकुशल वापसी की मांग की है.
इन मजदूरों का हुआ था अपहरण
अफगानिस्तान में दो साल पहले झारखंड के चार मजदूरों का अपहरण हुआ था. इसमें बगोदर के तीन जिसमें घाघरा के प्रसादी महतो, प्रकाश महतो और माहुरी के हुलास महतो और हजारीबाग जिले के टाटीझरिया इलाके के काली महतो शामिल हैं. इसमें काली महतो की वापसी हो चुकी है जबकि प्रकाश की भी वापसी की सूचना है. मजदूरों को अफगानिस्तान भेजने वाले घाघरा गांव के हीं रहनेवाले एजेंट डेगलाल महतो ने बताया कि प्रकाश महतो हालांकि अभी गांव नहीं लौटा है. मगर कंपनी की ओर से उसके परिवार को दिल्ली बुलाया गया था और परिजनों ने उससे मुलाकात कर वापस लौट आया है. जबकि प्रसादी महतो और प्रकाश महतो का कोई सुराग अब तक नहीं मिला है. प्रसादी महतो सहित चारों मजदूरों अफगानिस्तान में टावर लेन की एक कंपनी में बतौर मजदूरी का काम करने के लिए अफगानिस्तान गए हुए थे. मजदूरों की रिहाई की मांग को लेकर पिछले साल बगोदर से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक में प्रर्दशन किया गया था.