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करोड़ों खर्च करने के बाद भी नहर में नहीं पहुंचा पानी, हरियाली की आस में परती पड़ी है बंजर भूमि

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Published : Jun 29, 2019, 6:37 PM IST

गिरिडीह की कोनार नहर सिंचाई परियोजना करोड़ों खर्च के बाद भी  मूर्त रूप नहीं ले पाया है. इस नहर में पानी आने से सुखाड़ और पेयजल की समस्या से लोगों को जुझना नहीं पड़ेगा.

कोनार नहर सिंचाई परियोजना

गिरिडीह/बगोदर: उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल का महत्वाकांक्षी कोनार नहर सिंचाई परियोजना चार दशक बाद भी मूर्त रूप नहीं ले पाई है. जिसका मुख्य उद्देश्य उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के बंजर भूमि में पटवन की सुविधा लाकर हरियाली लाना था.

देखें पूरी खबर

हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड में स्थित कोनार डैम से कोनार नहर में पानी आपूर्ति करना था. इसकी शुरूआत एकीकृत बिहार के समय 1977- 78 में हुई थी. लेकिन निर्माण कार्य में अनियमितता के बाद निर्माण कार्य को बंद कर दिया गया था. इस दौरान एक अलग राज्य झारखंड का निर्माण हो गया. इसके बाद से निर्माण कार्य को पूरा कराने की जिम्मेवारी झारखंड सरकार पर आ गई.

तीन साल पहले राज्य सरकार ने शुरू कराई थी नहर रिलाइनिंग
वहीं, नहर निर्माण के अधूरे पड़े कार्य को पूरा कराने के लिए झारखंड सरकार की ओर से तीन साल पूर्व नहर रिलाइनिंग का कार्य शुरू कराया गया था. उस समय सिर्फ बगोदर डिवीजन में 100 करोड़ की लागत से नहर रिलाइनिंग का कार्य शुरू हुआ और नहर रिलाइनिंग का कार्य जैसे-तैसे संपन्न भी हुआ. लेकिन इस इलाके में कहीं- कहीं निर्माण कार्य अबी भी अधूरा पड़ा है.

बता दें कि इस परियोजना से बोकारो, हजारीबाग और गिरिडीह जिले के कई इलाकों में पानी पहुंचाकर बंजर भूमि में हरियाली लाना प्रमुख लक्ष्य है. लोगों का कहना है कि इस नहर में पानी आने से इलाके के किसानों को सुखाड़ की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा. जलस्रोत भी ऊपर रहेगा, साथ ही लोगों को पेयजल की समस्या से भी जुझना नहीं पड़ेगा.

विधायक ने कहा- जल्द आएगा पानी, प्रयास जारी
इस संबंध में सतारूढ़ सरकार के सचेतक सह बगोदर विधायक नागेंद्र महतो ने कहा कि कोनार नहर में जल्द हीं पानी आएगा. इसके लिए राज्य सरकार गंभीर है. इधर, झामुमो केंद्रीय कमेटी सदस्य छोटेलाल प्रसाद यादव ने सरकार से कोनार नहर को जल्द अस्तित्व में लाने की मांग की है. उनका कहना है कि सरकार इस मामले में गंभीर नहीं दिख रही है. दूसरी ओर इलाके के किसानों ने भी कोनार नहर में जल्द से जल्द पानी दौड़ाने की मांग की है.

गिरिडीह/बगोदर: उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल का महत्वाकांक्षी कोनार नहर सिंचाई परियोजना चार दशक बाद भी मूर्त रूप नहीं ले पाई है. जिसका मुख्य उद्देश्य उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के बंजर भूमि में पटवन की सुविधा लाकर हरियाली लाना था.

देखें पूरी खबर

हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड में स्थित कोनार डैम से कोनार नहर में पानी आपूर्ति करना था. इसकी शुरूआत एकीकृत बिहार के समय 1977- 78 में हुई थी. लेकिन निर्माण कार्य में अनियमितता के बाद निर्माण कार्य को बंद कर दिया गया था. इस दौरान एक अलग राज्य झारखंड का निर्माण हो गया. इसके बाद से निर्माण कार्य को पूरा कराने की जिम्मेवारी झारखंड सरकार पर आ गई.

तीन साल पहले राज्य सरकार ने शुरू कराई थी नहर रिलाइनिंग
वहीं, नहर निर्माण के अधूरे पड़े कार्य को पूरा कराने के लिए झारखंड सरकार की ओर से तीन साल पूर्व नहर रिलाइनिंग का कार्य शुरू कराया गया था. उस समय सिर्फ बगोदर डिवीजन में 100 करोड़ की लागत से नहर रिलाइनिंग का कार्य शुरू हुआ और नहर रिलाइनिंग का कार्य जैसे-तैसे संपन्न भी हुआ. लेकिन इस इलाके में कहीं- कहीं निर्माण कार्य अबी भी अधूरा पड़ा है.

बता दें कि इस परियोजना से बोकारो, हजारीबाग और गिरिडीह जिले के कई इलाकों में पानी पहुंचाकर बंजर भूमि में हरियाली लाना प्रमुख लक्ष्य है. लोगों का कहना है कि इस नहर में पानी आने से इलाके के किसानों को सुखाड़ की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा. जलस्रोत भी ऊपर रहेगा, साथ ही लोगों को पेयजल की समस्या से भी जुझना नहीं पड़ेगा.

विधायक ने कहा- जल्द आएगा पानी, प्रयास जारी
इस संबंध में सतारूढ़ सरकार के सचेतक सह बगोदर विधायक नागेंद्र महतो ने कहा कि कोनार नहर में जल्द हीं पानी आएगा. इसके लिए राज्य सरकार गंभीर है. इधर, झामुमो केंद्रीय कमेटी सदस्य छोटेलाल प्रसाद यादव ने सरकार से कोनार नहर को जल्द अस्तित्व में लाने की मांग की है. उनका कहना है कि सरकार इस मामले में गंभीर नहीं दिख रही है. दूसरी ओर इलाके के किसानों ने भी कोनार नहर में जल्द से जल्द पानी दौड़ाने की मांग की है.

Intro:करोड़ों खर्च के बाद भी कोनार नहर में नहीं पहुंचा पानी, हरियाली की आस में परती पड़ी है बंजर भूमि

बगोदर/ गिरिडीह


Body:बगोदर/ गिरिडीहः उतरी छोटानागपुर प्रमंडल का महत्वाकांक्षी कोनार नहर सिंचाई परियोजना चार दशक बाद भी मूर्त रूप नहीं ले पाया है. कोनार नहर सिंचाई परियोजना का मुख्य उद्देश्य उतरी छोटानागपुर प्रमंडल के बंजर भूमि में पटवन की सुविधा लाकर हरियाली लाना था. हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ़ प्रखंड क्षेत्र में स्थित कोनार डैम से कोनार नहर में पानी आपूर्ति करना है. इसकी शुरूआत एकीकृत बिहार के समय 1977- 78 में हुई थी. मगर निर्माण कार्य में मची लूट- खसोट के बाद बाद निर्माण कार्य को बंद कर दिया गया था. इस दौरान अलग राज्य झारखंड का निर्माण हो गया. इसके बाद निर्माण कार्य को पूरा कराने की जिम्मेवारी झारखंड सरकार को आई.


तीन साल पूर्व राज्य सरकार ने शुरू कराई थी नहर रिलाइनिंग का कार्य

नहर निर्माण का अधूरे पड़े कार्य को पूरा कराने के लिए झारखंड सरकार के द्वारा तीन साल पूर्व नहर रिलाइनिंग का कार्य शुरू कराया गया था. उस समय सिर्फ बगोदर डिवीजन में एक सौ करोड़ की लागत से नहर रिलाइनिंग का कार्य शुरू हुआ. इलाके में नहर रिलाइनिंग का कार्य जैसे- तैसे संपन्न भी हुआ. हालांकि बगोदर इलाके में कहीं- कहीं निर्माण कार्य भी अधूरा पड़ा है. कोनार नहर सिंचाई परियोजना से बोकारो, हजारीबाग एवं गिरिडीह जिले के कई इलाकों में पानी पहुंचाकर बंजर भूमि में हरियाली लाना प्रमुख लक्ष्य है. लोगों का कहना है कि कोनार नहर में पानी आने से इलाके के किसानों को सुखाड़ की समस्या से जुझना नहीं पड़ेगा, साथ हीं जलस्रोत भी ऊपर रहेगा. इससे लोगों को पेयजल की समस्या से जुझना नहीं पड़ता.


विधायक ने कहा- जल्द आएगा पानी, प्रयास जारी

इस संबंध में सतारूढ़ सरकार के सचेतक सह बगोदर विधायक नागेंद्र महतो ने कहा कि कोनार नहर में जल्द हीं पानी आएगा. इसके लिए राज्य सरकार गंभीर है और मैं भी इसके लिए प्रयासरत हूं. इधर झामुमो केन्द्रीय कमेटी सदस्य छोटेलाल प्रसाद यादव ने सरकार से कोनार नहर को जल्द अस्तित्व में लाने की मांग की है. कहा है कि सरकार इस मामले में गंभीर नहीं दिख रही है. दूसरी ओर इलाके के किसानों ने भी कोनार नहर में जल्द से जल्द पानी दौड़ाने की मांग की है.


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