गिरिडीह: जेलर प्रमोद कुमार पर दिनदहाड़े गोली चलाने वाले दो अपराधियों में से पकड़े गए एक आरोपी को जेल भेज दिया गया है. जिस आरोपी को जेल भेजा गया है वह देवघर के मरगोमुंडा निवासी आशीष कुमार शाह है. आशीष की गिरफ्तारी रविवार को मुफ्फसिल थाना इलाके के उदनाबाद के समीप से की गई. आशीष के पास से घटना में प्रयुक्त देसी पिस्टल, एक गोली व दो मैग्जीन भी बरामद किया गया है. वहीं जिस बाइक पर दोनों अपराधी सवार थे उस बाइक को भी बरामद किया गया है. आशीष के पास से एक मोबाइल भी मिला है. इस गिरफ्तारी की पुष्टि एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह ने की है. उन्होंने बताया कि पकड़ा गया आशीष लूटकांड के मामले में गिरिडीह केंद्रीय कारा में ही बंद था और 12 जुलाई को ही वह जेल से बाहर आया था. आशीष के साथ बाइक पर सवार एक अन्य अपराधी अभी फरार है जिसकी जिसकी तलाश की जा रही है.
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ऐसे हुई गिरफ्तारी: एसडीपीओ ने बताया कि 20 जुलाई को जेलर प्रमोद कुमार सरकारी कार्य से गिरिडीह न्यायालय अपने सरकारी वाहन से जा रहे थे. उसी दौरान गिरिडीह मुफ्फसिल थाना क्षेत्र अन्तर्गत डांडीडीह के पास अज्ञात (02) दो अपराधकर्मियों के द्वारा उनकी गाड़ी पर 03 (तीन) राउण्ड गोली चलायी गई. इसे लेकर मुफ्फसिल थाना कांड संख्या 188/22 अंकित किया गया. एसपी अमित रेणू के निर्देशन पर विशेष अनुसंधान दल (SIT) का गठन किया गया. टीम में उनके अलावा थाना प्रभारी विनय राम, पवन कुमार, रंजन कुमार, प्रदीप कुमार, पंकज कुमार सिंह को शामिल किया गया. टीम के द्वारा कांड का त्वरित अनुसंधान करते हुए ना केवल जेलर गोलीकांड का खुलासा किया गया बल्कि इसमें संलिप्त अपराधी आशीष को गिरफ्तार भी किया गया. बताया गया कि पकड़े गए आशीष पर जामताडा नगर थाना कांड सं0- 99/2020 व वर्ष 2022 में गिरिडीह ताराटांड थाना कांड स०- 09/2022 दर्ज है और दोनों मामले में वह जेल जा चुका है.
ढाई लाख में हुई थी फायरिंग की डील: इधर सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार इस गोलीकांड का षड्यंत्र जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू द्वारा ही रची गई थी. इसे लेकर शूटर आशीष व फरार आरोपी अहिल्यापुर थाना क्षेत्र का रहनेवाला मंजेष मंडल को ढाई लाख देने का ऑफर दिया गया था. बताया जाता है कि ढाई लाख में से 50 हजार रुपए भी मंजेष को मिल चुका था. बाकी का 2 लाख घटना के बाद देने की बात कही गई थी. कहा जा रहा है कि पकड़े गए आशीष ने पुलिस की पूछताछ में यह बात बतायी है. आशीष ने यह भी बताया है कि जेल में ही बंद लौकी दास के माध्यम से अमन से उसकी व मंजेष की पहचान हुई थी. बताया जाता है कि अमन की मनमर्जी जेल के अंदर चलने नहीं दी जा रही थी ऐसे में दहशत पैदा करने के लिए यह फायरिंग की गई थी.
सेल में था अमन, लौकी था गार्ड: सूत्रों की माने तो गिरफ्तार आशीष ने जेल के अंदर की कई गतिविधि भी पुलिस को बतायी है. यहा भी बताया है कि जेल के अंदर अमन साहू मनमानी करना चाहता था. इस मनमानी को रोकने के लिए ही अमन को जेल प्रबंधन ने सेल में रखा था. अमन के गार्ड के तौर पर बंदी लौकी को जिम्मा सौपा गया था. हालांकि इन बातों पर पुलिस के अधिकारी चुप्पी साध रखे हैं और विशेष जानकारी नहीं दे रहे हैं.