पलामू: अफीम के खेती के खिलाफ पलामू पुलिस का अभियान लगातार जारी है. पिछले दो महीने में पलामू के इलाके में 470 एकड़ से भी अधिक में लगे अफीम की फसल को नष्ट किया गया है. जबकि 15 अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है और 9 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है.
अफीम की खेती के खिलाफ एक नए सिरे से अभियान की शुरुआत की गई है. सेटेलाइट मैपिंग के द्वारा अफीम की खेती से प्रभावित इलाकों में निगरानी रखी जा रही है. सेटेलाइट मैपिंग एवं गोपनीय सूचना के बाद कई इलाकों में खेती चिन्हित हुई है. खेती को नष्ट करने के लिए पुलिस, वन विभाग और जिला प्रशासन की एक संयुक्त टीम बनाई गई है.
पोस्ता (अफीम) की खेती शुरू होने से पहले जागरूकता अभियान चलाया गया था. उसी वक्त फसल को नष्ट करने का अभियान भी शुरू हुआ था. 20 फरवरी तक 406 एकड़ में पोस्ता की खेती को नष्ट किया जा चुका है. पोस्ता के खिलाफ अभियान जारी है. ग्रामीणों ने भी खुद से बड़े पैमाने पर खेती को नष्ट किया है. इस बार नष्ट करने के दौरान कोई परेशानी नहीं है. पिछले वर्ष अभियान के दौरान कई जगह रोड़े उत्पन्न किए गए थे. कई इलाके के ग्रामीण खुद से पुलिस को खेती के बारे में जानकारी और लोकेशन भी बता रहे हैं- रीष्मा रमेशन, एसपी पलामू
अभियान से ग्रामीणों को जोड़ने की पहल, नए इलाकों में निगरानी
अफीम की खेती के खिलाफ अभियान में स्थानीय ग्रामीणों को अधिक से अधिक जोड़ने की पहल की जा रही है. जिन इलाकों में अफीम की खेती हुई है, उन इलाकों में दोबारा लोग खेती नहीं करें, इस पर निगरानी रखी जा रही है. अफीम की खेती को चिन्हित करने के लिए नए इलाकों को भी टारगेट किया गया है.
पुलिस ने अपने सूचना तंत्र को मजबूत किया है और नए इलाके में खेती के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही है. 2015-16 से लेकर 2022-23 तक जिन इलाकों में खेती हुई है, उन इलाकों में सर्च अभियान शुरू हुआ है. खेती में शामिल पुराने आरोपियों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है.
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