गिरिडीहः निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व ( सीएसआर ) के तहत गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा गिरिडीह में गांव तक चिकित्सीय सुविधा पहुंचाने के लिए चलंत चिकित्सा वाहन दिया गया है. जिले को दो वाहन मुहैया कराए गए हैं. इसकी शुरुआत केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने की है. सोमवार को गिरिडीह परिसदन भवन से वाहन को हरी झंडी दिखायी गई. बड़ी बात यह है कि गेल इंडिया ने जिन दो वाहनों का तोहफा गिरिडीह की जनता को दिया है, इनमें एक वाहन खुद ही अनफिट है. ऑनलाइन में इसका जिक्र भी है. जो वाहन अनफिट है उसका नंबर WB19F - 6627 है. मतलब जो वाहन खुद ही अनफिट हो उसी वाहन से लोगों को फिट करने का काम किया जाएगा.
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क्या है ऑनलाइन मेंः दरअसल सोमवार को गेल इंडिया ने दो मोबाइल मेडिकल वैन जिले को उपलब्ध कराया. इन वाहनों के नंबर UP62AT/6367 और WB19F/6627 हैं. इन वाहनों का लोकार्पण केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने किया. बताया गया कि इसके माध्यम से आम जनता को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जायेगी. हरेक गांव में जाकर मरीजों का इलाज होगा. इसमें डॉक्टर, नर्स, दवाई उपलब्ध होगी. यह वाहन गांव गांव जाएगा. इन दोनों वाहनों के कागजात की स्थिति को ऑनलाइन चेक किया गया तो चौंकाने वाला मामला सामने आया. WB19F/6627 नंबर के वाहन का फिटनेस ही फेल मिला. 7 अगस्त 2023 को इस वाहन का फिटनेस फेल हुआ है. हालांकि बीमा, प्रदूषण प्रमाण पत्र सही है. जबकि UP62AT/6367 नंबर के वाहन का टैक्स फेल है.
क्या कहती है कंपनीः इस विषय को लेकर गेल इंडिया के सुशांत से बात हुई. इन्होंने बताया कि दोनों वाहन को किराए पर लिया गया है. किराया पर लेने से पहले दोनों वाहनों के सभी कागजात की जांच की गई थी. कहा कि यदि इस तरह की गड़बड़ी है तो उसे दुरुस्त किया जाएगा. उन्होंने बताया कि गाड़ी को हायर करने का काम कम्पनी के अर्पित गुप्ता ने किया था. ईटीवी भारत के संवाददाता ने सुशांत से अर्पित गुप्ता का नंबर लिया. अर्पित गुप्ता को फोन किया गया. पहली बार बात हुई तो उन्होंने कहा कि वे अभी पूजा में हैं बाद में बात करते. थोड़ी देर बात ईटीवी भारत संवाददाता ने पुनः उन्हें फोन लगाया लेकिन इस बार फोन रिसीव नहीं किया गया.
वेंडर ने एक सप्ताह में कागजात दुरुस्त करने का दिया भरोसा: हालांकि थोड़ी देर बाद आइएफआइ अर्पित ने कॉल किया और बताया कि जिस वेंडर ने इस वाहन को उपलब्ध करवाया है उसने कहा है कि फिटनेस को लेकर सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. एक सप्ताह में फिटनेस सर्टिफिकेट मिल जाएगा और ऑनलाइन अपडेट हो जाएगा. यह भी कहा कि यदि एक सप्ताह के अंदर फिटनेस अपडेट नहीं हुआ तो उक्त वाहन को हटा दिया जाएगा.
फिटनेस का महत्वः यहां बता दें कि कोई भी वाहन सड़क पर चलने के लिए फिट है या नहीं इसका प्रमाण पत्र एमवीआई देते हैं. यदि फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं रहे तो ऐसे वाहन का परिचालन करना मोटर वाहन अधिनियम का सीधा उल्लंघन है.