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चार नक्सलियों को विभिन्न धाराओं में सजा, जिला जज चतुर्थ ध्रुव चंद्र मिश्र की अदालत ने सुनाया फैसला

गिरिडीह में जज चतुर्थ ध्रुव चंद्र मिश्रा की अदालत ने 17 सीएलए एक्ट समेत अन्य मामलों में दोषी पाकर चार नक्सलियों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनायी है. इन नक्सलियों को 2010 में हुए एक वारदात में गिरफतार कर सजा सुनाया गया.

व्यवहार न्यायालय गिरिडीह
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Published : Nov 25, 2019, 11:10 PM IST

गिरिडीहः जिला जज चतुर्थ ध्रुव चंद्र मिश्रा की अदालत ने सोमवार को 17 सीएलए एक्ट समेत अन्य मामलों में दोषी पाकर चार नक्सलियों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनायी है. अदालत ने नक्सली संगठन के सदस्य छोटू दास, जानकी तुरी, मुंशी तुरी और जगदीश तुरी को सजा सुनायी.

यह भी पढ़ें- आरपीएन सिंह ने सरकार बनाने का किया दावा, कहा- पहले चरण के 11 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगा महागठबंधन

अलग-अलग धाराओं में सजा

गिरिडीह के जज चतुर्थ ध्रुव चंद्र मिश्रा की अदालत ने पपरवाटांड़ निवासी छोटू दास, जगदीश तुरी, जानकी तुरी और मुंशी तुरी को अलग-अलग धारा में जुर्माना के साथ सजा सुनाया है. जानकारी के अनुसार किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए 23 मई, 2010 को डुमरी थाना क्षेत्र के ढिबरा गांव में 30 से 35 की संख्या में नक्सली जुटे थे. गुप्त सूचना पर डुमरी और निमियाघाट थाना की पुलिस ने गांव की घेराबंदी कर संयुक्त छापामारी की थी.

छापेमारी के दौरान पुलिस और नक्सली में मुठभेड़ हुआ और दोनों तरफ से कई घायल हुए. इसी दौरान मुफस्सिल थाना अंतर्गत पपरवाटांड़ के छोटू दास पुलिस की गोली से घायल हुआ था और पकड़ा भी गया था. पुलिस को भारी देख सभी नक्सली भागने में सफल हुए. मौके पर पुलिस ने नक्सलियों की ओर से उपयोग में लाए जाने वाले कई हथियार और पर्चे बरामद किए. इस मामले में अदालती प्रक्रिया पूरी होने के बाद चारों आरोपियों को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया था, जिसके बाद चारों आरोपी अदालत में उपस्थित हुए. इस मामले में प्रभारी लोक अभियोजक अजय कुमार साह ने अदालत में गवाहों के बयान का परीक्षण कराया. इसके बाद अदालत ने चारों नक्सलियों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनायी है.

गिरिडीहः जिला जज चतुर्थ ध्रुव चंद्र मिश्रा की अदालत ने सोमवार को 17 सीएलए एक्ट समेत अन्य मामलों में दोषी पाकर चार नक्सलियों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनायी है. अदालत ने नक्सली संगठन के सदस्य छोटू दास, जानकी तुरी, मुंशी तुरी और जगदीश तुरी को सजा सुनायी.

यह भी पढ़ें- आरपीएन सिंह ने सरकार बनाने का किया दावा, कहा- पहले चरण के 11 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगा महागठबंधन

अलग-अलग धाराओं में सजा

गिरिडीह के जज चतुर्थ ध्रुव चंद्र मिश्रा की अदालत ने पपरवाटांड़ निवासी छोटू दास, जगदीश तुरी, जानकी तुरी और मुंशी तुरी को अलग-अलग धारा में जुर्माना के साथ सजा सुनाया है. जानकारी के अनुसार किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए 23 मई, 2010 को डुमरी थाना क्षेत्र के ढिबरा गांव में 30 से 35 की संख्या में नक्सली जुटे थे. गुप्त सूचना पर डुमरी और निमियाघाट थाना की पुलिस ने गांव की घेराबंदी कर संयुक्त छापामारी की थी.

छापेमारी के दौरान पुलिस और नक्सली में मुठभेड़ हुआ और दोनों तरफ से कई घायल हुए. इसी दौरान मुफस्सिल थाना अंतर्गत पपरवाटांड़ के छोटू दास पुलिस की गोली से घायल हुआ था और पकड़ा भी गया था. पुलिस को भारी देख सभी नक्सली भागने में सफल हुए. मौके पर पुलिस ने नक्सलियों की ओर से उपयोग में लाए जाने वाले कई हथियार और पर्चे बरामद किए. इस मामले में अदालती प्रक्रिया पूरी होने के बाद चारों आरोपियों को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया था, जिसके बाद चारों आरोपी अदालत में उपस्थित हुए. इस मामले में प्रभारी लोक अभियोजक अजय कुमार साह ने अदालत में गवाहों के बयान का परीक्षण कराया. इसके बाद अदालत ने चारों नक्सलियों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनायी है.

Intro:
गिरिडीह. जिला जज चतुर्थ ध्रुव चंद्र मिश्रा की अदालत ने सोमवार को 17 सीएलए एक्ट समेत अन्य मामलों में दोषी पाकर चार नक्सलियों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनायी है. Body:अदालत ने नक्सली संगठन के सदस्य छोटू दास, जानकी तुरी, मुंशी तुरी व जगदीश तुरी को यह सजा सुनायी. अदालत ने पपरवाटांड़ निवासी छोटू दास को धारा 147 में दो वर्ष की सजा व एक हजार का जुर्माना, धारा 148 में तीन वर्ष की सजा व दो हजार का जुर्माना, धारा 307 में दस वर्ष की सजा व पांच हजार का जुर्माना, धारा 353 में दो वर्ष की सजा व एक हजार का जुर्माना, 17 सीएलए एक्ट में तीन वर्ष की सजा व दस हजार का जुर्माना, 13यूएपीएफ में सात वर्ष की सजा व 15 हजार का जुर्माना, 25/1-बी आर्म्स एक्ट में तीन वर्ष की सजा व पांच हजार का जुर्माना, 26/35 आर्म्स एक्ट में सात वर्ष की सजा व दस हजार का जुर्माना, 27 आर्म्स एक्ट में सात वर्ष की सजा व दस हजार का जुर्माना सुनाया. इसी प्रकार अदालत ने जगदीश तुरी को 17 सीएलए एक्ट में तीन वर्ष की सजा व दस हजार का जुर्माना, 13 यूएपीएफ में सात वर्ष की सजा व 15 हजार का जुर्माना, 25/35 आर्म्स एक्ट में तीन वर्ष की सजा व पांच हजार का जुर्माना, 26/35 में सात वर्ष की सजा व दस हजार का जुर्माना सुनाया. अदालत ने जगदीश तुरी को 17 सीएलए एक्ट में तीन वर्ष की सजा व दस हजार का जुर्माना, 13 यूएपीएफ में सात वर्ष की सजा व 15 हजार का जुर्माना, 25(1-बी) ए-35 में तीन वर्ष की सजा व पांच हजार का जुर्माना सुनाया. जबकि मुंशी तुरी को धारा 147 में दो वर्ष की सजा व एक हजार का जुर्माना, धारा 148 में तीन वर्ष की सजा व दो हजार का जुर्माना, धारा 307/149 में दस वर्ष की सजा व पांच हजार का जुर्माना, धारा 353/149 में दो वर्ष की सजा व एक हजार का जुर्माना, 17 सीएलए एक्ट में तीन वर्ष की सजा व दस हजार का जुर्माना, 25(1-बी) आर्म्स एक्ट में तीन वर्ष की सजा व पांच हजार का जुर्माना, 26 आर्म्स एक्ट में सात वर्ष की सजा व दस हजार का जुर्माना व 27 आर्म्स एक्ट में सात वर्ष की सजा व दस हजार का जुर्माना सुनाया. अदालत ने कहा कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी.
Conclusion:23 मई 2010 को डुमरी के ढिबरा में हुई थी मुठभेड़
ज्ञात रहे कि किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए 23 मई, 2010 को डुमरी थाना क्षेत्र के ढिबरा गांव में 30 से 35 की संख्या में नक्सली जुटे थे. गुप्त सूचना पर डुमरी व निमियाघाट थाना की पुलिस ने गांव की घेराबंदी कर संयुक्त छापामारी की थी. इस दौरान पुलिस व नक्सली में मुठभेड़ हुआ और दोनों तरफ से कई घायल हुए. इसी दौरान मुफस्सिल थाना अंतर्गत पपरवाटांङ के छोटू दास पुलिस की गोली से घायल हुआ था और पकड़ा भी गया था. पुलिस को भारी देख सभी नक्सली भागने में सफल हुए. मौके पर पुलिस ने नक्सलियों द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले कई हथियार व पर्चे बरामद किये. इस मामले में अदालती प्रक्रिया पूरी होने के बाद चारों आरोपियों को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया था जिसके बाद चारों आरोपी अदालत में उपस्थित हुए. इस मामले में प्रभारी लोक अभियोजक अजय कुमार साह ने अदालत में गवाहों के बयान का परीक्षण कराया. इसके बाद अदालत ने चारों नक्सलियों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनायी है.

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