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भाजपा में ऑल इज नॉट वेल, EX MLA जेपी ने कहा- सक्रिय कार्यकर्ताओं को किया जा रहा है दरकिनार

गिरिडीह भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. यहां सीधे तौर पर जिला कमिटी से बड़े नेता नाराज चल रहे हैं. कार्यकर्ता सम्मेलन में यह बातें दिखी भी यहां वरिष्ठ नेता सह पूर्व विधायक प्रो जेपी वर्मा नहीं पहुंचे. पूर्व विधायक प्रो जेपी से ईटीवी भारत ने बात की है. देखिये EXCLUSIVE बातचीत.

Former BJP MLA JP Verma
Former BJP MLA JP Verma
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Published : Oct 29, 2021, 5:42 PM IST

गिरिडीह: वैसे भाजपा संगठन को और भी मजबूती देने और कार्यकर्ताओं की बातों को सुनने के लिए विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश समेत कई नेता जिलावार भ्रमण कर रहे हैं. हर जिला में कार्यकर्ता सम्मेलन हो रहा है. इतनी मेहनत के बाद भी गिरिडीह जिला भारतीय जनता पार्टी के अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.

ये भी पढ़ें- भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन में हंगामा, पूर्व विधायक को सम्मान नहीं मिलने पर नाराज हुए समर्थक

पूर्व मुख्यमंत्री सह पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के गृह जिले में पार्टी के अंदर का विवाद साफ दिख रहा है. साफ दिख रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता सह गांडेय के पूर्व विधायक प्रो जयप्रकाश वर्मा नाराज चल रहे हैं. यह नाराजगी गुरुवार को हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में दिखा. इस सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश मौजूद थे. दीपक प्रकाश के अलावा वर्तमान विधायक केदार हाजरा, जेपी भाई पटेल, पूर्व सांसद रवींद्र पांडेय, रविन्द्र राय, पूर्व विधायक निर्भय शाहबादी व नागेंद्र महतो समेत कई नेता पहुंचे लेकिन जेपी वर्मा नहीं आये. इतना ही नहीं प्रदेश अध्यक्ष से भी मिलने पूर्व विधायक नहीं आये. हालांकि पूर्व विधायक की नाराजगी की बात को प्रदेश अध्यक्ष ने सिरे से नकार भी दिया. इन सबों के बीच ETV BHARAT के संवाददाता अमरनाथ सिन्हा ने पूर्व विधायक प्रो जेपी वर्मा से सम्पर्क किया और उनसे बातचीत की.

पूर्व विधायक जेपी वर्मा के साथ बातचीत

किसके कहने पर सम्मेलन की तिथि में हुआ फेरबदल

बातचीत में पूर्व विधायक ने कहा कि एक माह पूर्व रांची में पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई थी. उसी बैठक में तय हुआ था कि 28 अक्तूबर को राज्य के सभी जिला मुख्यालय में धरना दिया जाएगा. इसकी तैयारी की जा रही थी. चूंकि उन्हें पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा का प्रधान महासचिव बनाया गया है. ऐसे में उनकी जवाबदेही बड़ी थी और इस कार्यक्रम को सफल बनाना था. मोर्चा के सभी लोगों ने कहा कि गिरिडीह में कार्यक्रम की अगुवाई मेरी उपस्थिति में होगी ऐसे में 28 अक्तूबर के इस कार्यक्रम में उपस्थित रहा है. रही बात भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन की तो वे इस कार्यक्रम में रहना चाहते थे. चूंकि पहले कार्यकर्ता सम्मेलन का यह कार्यक्रम 27 अक्तूबर को था और इस कार्यक्रम की तैयारी को लेकर 25 अक्तूबर को बैठक भी हुई थी जिसमें वे मौजूद थे और सहयोग राशि भी दी थी. लेकिन अचानक कार्यकर्ता सम्मेलन की तारीख 28 अक्तूबर कर दी गई. आश्चर्यजनक तरीके से तिथि को बदल दिया गया जबकि सभी को पता था 28 को पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा का कार्यक्रम है. वे समझ नहीं सकें कि कार्यक्रम में बदलाव किस मानसिकता से और किसके कहने पर की गई.

थकावट के कारण नहीं मिल सके

कार्यक्रम से अनुपस्थित व गिरिडीह में प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी के बावजूद मुलाकात नहीं करने के सवाल पर पूर्व विधायक ने कहा कि 28 के धरना कार्यक्रम में घण्टों बैठना पड़ा जिससे थकावट महसूस हो गई. वहीं शुक्रवार की सुबह जब वे फ्रेस होकर प्रदेश अध्यक्ष से मिलने जाते तब तक वे जा चुके थे.

संगठन विरोधियों को दिया गया दायित्व

पूर्व विधायक ने कहा अभी गिरिडीह में पार्टी की स्थिति अच्छी नहीं है. अभी उनलोगों को नेतृत्व का मौका दिया जा रहा है जिसने पार्टी विरोधी काम किया था. जिन लोगों ने चुनाव के समय पार्टी के उम्मीदवारों को हराने में अपनी भूमिका अदा की थी उन्हें मंडल अध्यक्ष से लेकर सांसद प्रतिनिधि बनाया जा रहा है और सक्रिय कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा है. इसकी शिकायत प्रदेश अध्यक्ष से लेकर धर्मपाल जी तक से की गई. रघुवर दास को भी लगातार जानकारी दी गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अब यह शिकायत बाबूलाल मरांडी से भी करनी है. उन्होंने कहा कि इन चीजों को देखकर उनके मन में भी सन्देह उत्पन्न हो रहा है लगता है कि कुछ न कुछ साजिश तो है.

गिरिडीह: वैसे भाजपा संगठन को और भी मजबूती देने और कार्यकर्ताओं की बातों को सुनने के लिए विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश समेत कई नेता जिलावार भ्रमण कर रहे हैं. हर जिला में कार्यकर्ता सम्मेलन हो रहा है. इतनी मेहनत के बाद भी गिरिडीह जिला भारतीय जनता पार्टी के अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.

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पूर्व मुख्यमंत्री सह पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के गृह जिले में पार्टी के अंदर का विवाद साफ दिख रहा है. साफ दिख रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता सह गांडेय के पूर्व विधायक प्रो जयप्रकाश वर्मा नाराज चल रहे हैं. यह नाराजगी गुरुवार को हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में दिखा. इस सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश मौजूद थे. दीपक प्रकाश के अलावा वर्तमान विधायक केदार हाजरा, जेपी भाई पटेल, पूर्व सांसद रवींद्र पांडेय, रविन्द्र राय, पूर्व विधायक निर्भय शाहबादी व नागेंद्र महतो समेत कई नेता पहुंचे लेकिन जेपी वर्मा नहीं आये. इतना ही नहीं प्रदेश अध्यक्ष से भी मिलने पूर्व विधायक नहीं आये. हालांकि पूर्व विधायक की नाराजगी की बात को प्रदेश अध्यक्ष ने सिरे से नकार भी दिया. इन सबों के बीच ETV BHARAT के संवाददाता अमरनाथ सिन्हा ने पूर्व विधायक प्रो जेपी वर्मा से सम्पर्क किया और उनसे बातचीत की.

पूर्व विधायक जेपी वर्मा के साथ बातचीत

किसके कहने पर सम्मेलन की तिथि में हुआ फेरबदल

बातचीत में पूर्व विधायक ने कहा कि एक माह पूर्व रांची में पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई थी. उसी बैठक में तय हुआ था कि 28 अक्तूबर को राज्य के सभी जिला मुख्यालय में धरना दिया जाएगा. इसकी तैयारी की जा रही थी. चूंकि उन्हें पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा का प्रधान महासचिव बनाया गया है. ऐसे में उनकी जवाबदेही बड़ी थी और इस कार्यक्रम को सफल बनाना था. मोर्चा के सभी लोगों ने कहा कि गिरिडीह में कार्यक्रम की अगुवाई मेरी उपस्थिति में होगी ऐसे में 28 अक्तूबर के इस कार्यक्रम में उपस्थित रहा है. रही बात भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन की तो वे इस कार्यक्रम में रहना चाहते थे. चूंकि पहले कार्यकर्ता सम्मेलन का यह कार्यक्रम 27 अक्तूबर को था और इस कार्यक्रम की तैयारी को लेकर 25 अक्तूबर को बैठक भी हुई थी जिसमें वे मौजूद थे और सहयोग राशि भी दी थी. लेकिन अचानक कार्यकर्ता सम्मेलन की तारीख 28 अक्तूबर कर दी गई. आश्चर्यजनक तरीके से तिथि को बदल दिया गया जबकि सभी को पता था 28 को पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा का कार्यक्रम है. वे समझ नहीं सकें कि कार्यक्रम में बदलाव किस मानसिकता से और किसके कहने पर की गई.

थकावट के कारण नहीं मिल सके

कार्यक्रम से अनुपस्थित व गिरिडीह में प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी के बावजूद मुलाकात नहीं करने के सवाल पर पूर्व विधायक ने कहा कि 28 के धरना कार्यक्रम में घण्टों बैठना पड़ा जिससे थकावट महसूस हो गई. वहीं शुक्रवार की सुबह जब वे फ्रेस होकर प्रदेश अध्यक्ष से मिलने जाते तब तक वे जा चुके थे.

संगठन विरोधियों को दिया गया दायित्व

पूर्व विधायक ने कहा अभी गिरिडीह में पार्टी की स्थिति अच्छी नहीं है. अभी उनलोगों को नेतृत्व का मौका दिया जा रहा है जिसने पार्टी विरोधी काम किया था. जिन लोगों ने चुनाव के समय पार्टी के उम्मीदवारों को हराने में अपनी भूमिका अदा की थी उन्हें मंडल अध्यक्ष से लेकर सांसद प्रतिनिधि बनाया जा रहा है और सक्रिय कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा है. इसकी शिकायत प्रदेश अध्यक्ष से लेकर धर्मपाल जी तक से की गई. रघुवर दास को भी लगातार जानकारी दी गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अब यह शिकायत बाबूलाल मरांडी से भी करनी है. उन्होंने कहा कि इन चीजों को देखकर उनके मन में भी सन्देह उत्पन्न हो रहा है लगता है कि कुछ न कुछ साजिश तो है.

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