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गिरिडीह में ये गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित, पांच दिवसीय श्रम दान शिविर का आयोजन - आवागमन की सुविधा

गिरिडीह के गैडाही गांव में ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. यहां सड़क तक की सुविधा नहीं है. आदिवासियों के इस गांव में समस्याओं के निदान को लेकर जन संगठन एकता परिषद की ओर से गांव में पांच दिवसीय श्रम दान शिविर का आयोजन किया गया है.

Lack of facilities in Gaidahi village of giridih
गैडाही गांव में सुविधाओं का अभाव
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Published : Mar 23, 2021, 3:23 PM IST

गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के गैडाही गांव के ग्रामीण झारखंड अलग राज्य गठन के बाद भी आवश्यक सुविधाओं से वंचित हैं. गांव आने-जाने के लिए एक बेहतर सड़क तक ग्रामीणों को नसीब नहीं है. इसके अलावा पेयजल की भी समुचित सुविधा नहीं है. आंगनबाड़ी केंद्र की भी स्थापना यहां नहीं की गई है.

देखें पूरी खबर

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सुविधाओं का अभाव

बगोदर प्रखंड के जरमुन्ने पश्चिमी पंचायत में स्थित है गैडाही गांव, ये गांव आदिवासियों का गांव है और यहां की आबादी सिर्फ 200 के करीब ही है. गांव में आंगनबाड़ी केंद्र तक नहीं है, जिससे नौनिहालों को आंगनबाड़ी केंद्र के लाभ से भी वंचित रहना पड़ रहा है. गांव जाने के लिए दो अलग-अलग रास्ते हैं लेकिन दोनों कच्चे हैं और पूरी तरह से जर्जर हैं. दोनों रास्तों पर पुल नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी होती है. खासकर बरसात के दिनों में तो आवागमन और मुश्किल हो जाता है. एक रास्ते पर नाला है, जबकि दूसरे रास्ते में नहर. आवागमन की सुविधा के लिए एक जगह पर नहर में मिट्टी से भर दिया गया है. पेयजल की सुविधा के लिए गांव स्थित मिडिल स्कूल के पास सौर ऊर्जा से संचालित सोलर सिस्टम लगाया गया है. ये सिस्टम भी कुछ दिनों से खराब पड़ा हुआ है.

Lack of facilities in Gaidahi village
गांव में नल तो है लेकिन पानी नहीं

ये भी पढ़ें- वृद्धाश्रम में हुई मां की मौत, बेटियां बोलीं-हम कुछ नहीं जानना चाहते, जो करना हो कर दीजिए

बेजुबान भी परेशान

जानवरों को पेयजल की सुविधा देने के लिए सूखे तालाब के गहरीकरण का काम किया जा रहा है. गांव की 50 महिलाएं और पुरुष इसके लिए श्रमदान कर रहे हैं. जन संगठन एकता परिषद की ओर से इसे लेकर गांव में पांच दिवसीय श्रम दान शिविर का आयोजन किया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि दो- तीन कुएं और चापाकल हैं, जो पेयजल की समुचित सुविधा के लिए नाकाफी है. आम लोगों के अलावा ग्रामीणों को भी पेयजल के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के गैडाही गांव के ग्रामीण झारखंड अलग राज्य गठन के बाद भी आवश्यक सुविधाओं से वंचित हैं. गांव आने-जाने के लिए एक बेहतर सड़क तक ग्रामीणों को नसीब नहीं है. इसके अलावा पेयजल की भी समुचित सुविधा नहीं है. आंगनबाड़ी केंद्र की भी स्थापना यहां नहीं की गई है.

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सुविधाओं का अभाव

बगोदर प्रखंड के जरमुन्ने पश्चिमी पंचायत में स्थित है गैडाही गांव, ये गांव आदिवासियों का गांव है और यहां की आबादी सिर्फ 200 के करीब ही है. गांव में आंगनबाड़ी केंद्र तक नहीं है, जिससे नौनिहालों को आंगनबाड़ी केंद्र के लाभ से भी वंचित रहना पड़ रहा है. गांव जाने के लिए दो अलग-अलग रास्ते हैं लेकिन दोनों कच्चे हैं और पूरी तरह से जर्जर हैं. दोनों रास्तों पर पुल नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी होती है. खासकर बरसात के दिनों में तो आवागमन और मुश्किल हो जाता है. एक रास्ते पर नाला है, जबकि दूसरे रास्ते में नहर. आवागमन की सुविधा के लिए एक जगह पर नहर में मिट्टी से भर दिया गया है. पेयजल की सुविधा के लिए गांव स्थित मिडिल स्कूल के पास सौर ऊर्जा से संचालित सोलर सिस्टम लगाया गया है. ये सिस्टम भी कुछ दिनों से खराब पड़ा हुआ है.

Lack of facilities in Gaidahi village
गांव में नल तो है लेकिन पानी नहीं

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बेजुबान भी परेशान

जानवरों को पेयजल की सुविधा देने के लिए सूखे तालाब के गहरीकरण का काम किया जा रहा है. गांव की 50 महिलाएं और पुरुष इसके लिए श्रमदान कर रहे हैं. जन संगठन एकता परिषद की ओर से इसे लेकर गांव में पांच दिवसीय श्रम दान शिविर का आयोजन किया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि दो- तीन कुएं और चापाकल हैं, जो पेयजल की समुचित सुविधा के लिए नाकाफी है. आम लोगों के अलावा ग्रामीणों को भी पेयजल के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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