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बारिश नहीं होने से भगवान की शरण में पहुंचे किसान, अखंड हरिकीर्तन के माध्यम से भगवान इंद्रदेव को मनाने की हो रही कोशिश

गिरिडीह में किसान बारिश के लिए भजन कीर्तन कर रहे हैं. किसान प्रार्थना कर रहे हैं कि बारिश हो जाए ताकि वे खेती कर सके. किसानों ने अपनी जमा पूंजी धान का बीचड़ा खरीदने में लगा दिया है और जब बीचड़ा तैयार हो गया है तो बारिश नहीं हो रही है.

farmers chanting hymns of gods for rain
farmers chanting hymns of gods for rain
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Published : Jul 29, 2023, 10:24 PM IST

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गिरिडीह: झारखंड में सूखे की आहट को देख किसानों में मायूसी है. समुचित रूप से बारिश नहीं होने से ना सिर्फ कृषि कार्य प्रभावित है. बल्कि खेतों में लगे धान का बीचड़ा भी दम तोड़ने लगा है. इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी हैं. ऐसे में बगोदर प्रखंड के कृषि बहुल अटका के किसान बारिश के लिए भगवान की शरण में चले गए हैं. वे भगवान इंद्रदेव को मना रहे हैं. इसके लिए 24 घंटे का अखंड हरिकीर्तन किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: झारखंड में लगातार दूसरे साल सूखे की आहट, खेत की जगह किसानों की आंखों में भरा पानी

ढोल-बाजे के साथ किसान अटका स्थित सतीपिंडा मंदिर परिसर में हरे राम, हरे कृष्ण मंत्र का जाप कर रहे हैं. शनिवार सुबह शुरू हुए 24 घंटे के अखंड हरिकीर्तन का समापन रविवार के दिन हवन और भंडारा के साथ संपन्न होगा. किसानों के हरिकीर्तन के माध्यम से भगवान इंद्रदेव से बारिश की कामना की जा रही है. ताकि कृषि कार्य हो सके और किसानों में खुशहाली आ सके. अखंड हरिकीर्तन में गांव के पुरूषों के साथ महिलाएं भी शामिल हो रही हैं.

बारिश नहीं होने से धानरोपनी के लिए खेत नहीं हुए तैयार: बता दें कि बगोदर प्रखंड कृषि बहुल क्षेत्र है. यहां लोगों के जीविकोपार्जन का मुख्य साधन कृषि है. साथ ही मानसून आधारित धान की खेती इलाके की मुख्य खेती है. इसके लिए घर की जमा पूंजी से धान की खरीदारी कर खेतों में बीचड़ा लगा दिया गया है. धानरोपनी के लिए बीचड़ा तैयार हो गया है. मगर बारिश नहीं होने से किसान धानरोपनी के लिए अपने खेतों को तैयार नहीं कर पाएं हैं. कुछ दिनों तक अगर बारिश नहीं हुई तो धान का बीचड़ा खेतों में ही बर्बाद हो जाएगा. इस चिंता से किसान परेशान हैं.

पिछले साल भी नहीं हो सकी थी खेती: बता दें कि पिछले साल भी मौसम की बेरूखी के कारण इलाके में धानरोपनी का काम प्रभावित रहा था. ऐसे में इस साल भी धानरोपनी नहीं होने पर किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ेगी. एक तो जमा पूंजी खेतों में लगा दिया गया है, दूसरे में धानरोपनी नहीं होने पर किसानों के साथ ही उनके पालतू जानवरों के लिए चारा की भी समस्या उत्पन्न हो जाएगी.

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गिरिडीह: झारखंड में सूखे की आहट को देख किसानों में मायूसी है. समुचित रूप से बारिश नहीं होने से ना सिर्फ कृषि कार्य प्रभावित है. बल्कि खेतों में लगे धान का बीचड़ा भी दम तोड़ने लगा है. इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी हैं. ऐसे में बगोदर प्रखंड के कृषि बहुल अटका के किसान बारिश के लिए भगवान की शरण में चले गए हैं. वे भगवान इंद्रदेव को मना रहे हैं. इसके लिए 24 घंटे का अखंड हरिकीर्तन किया जा रहा है.

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ढोल-बाजे के साथ किसान अटका स्थित सतीपिंडा मंदिर परिसर में हरे राम, हरे कृष्ण मंत्र का जाप कर रहे हैं. शनिवार सुबह शुरू हुए 24 घंटे के अखंड हरिकीर्तन का समापन रविवार के दिन हवन और भंडारा के साथ संपन्न होगा. किसानों के हरिकीर्तन के माध्यम से भगवान इंद्रदेव से बारिश की कामना की जा रही है. ताकि कृषि कार्य हो सके और किसानों में खुशहाली आ सके. अखंड हरिकीर्तन में गांव के पुरूषों के साथ महिलाएं भी शामिल हो रही हैं.

बारिश नहीं होने से धानरोपनी के लिए खेत नहीं हुए तैयार: बता दें कि बगोदर प्रखंड कृषि बहुल क्षेत्र है. यहां लोगों के जीविकोपार्जन का मुख्य साधन कृषि है. साथ ही मानसून आधारित धान की खेती इलाके की मुख्य खेती है. इसके लिए घर की जमा पूंजी से धान की खरीदारी कर खेतों में बीचड़ा लगा दिया गया है. धानरोपनी के लिए बीचड़ा तैयार हो गया है. मगर बारिश नहीं होने से किसान धानरोपनी के लिए अपने खेतों को तैयार नहीं कर पाएं हैं. कुछ दिनों तक अगर बारिश नहीं हुई तो धान का बीचड़ा खेतों में ही बर्बाद हो जाएगा. इस चिंता से किसान परेशान हैं.

पिछले साल भी नहीं हो सकी थी खेती: बता दें कि पिछले साल भी मौसम की बेरूखी के कारण इलाके में धानरोपनी का काम प्रभावित रहा था. ऐसे में इस साल भी धानरोपनी नहीं होने पर किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ेगी. एक तो जमा पूंजी खेतों में लगा दिया गया है, दूसरे में धानरोपनी नहीं होने पर किसानों के साथ ही उनके पालतू जानवरों के लिए चारा की भी समस्या उत्पन्न हो जाएगी.

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