बगोदर/गिरिडीहः 40 साल में बने कोनार नहर का उद्घाटन बड़े ही धूमधाम से सीएम रघुवर दास ने किया था. किसानों के बीच उम्मीद जगाई थी कि उन्हें सिचाई और रोपाई करने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. लेकिन, किसानों का सपना कोनार नहर के तटबंध की तरह की टूट गया. उद्धाटन के महज 16 घंटे बाद ही नहर का तटबंध बह गया. जिसके बाद प्रशासन द्वारा नहर की मरम्मती का कार्य कराया जा रहा है, जिसे किसानों ने बंद कराने की मांग की है. किसानों का कहना है कि पहले मुआवजा दिया जाए तब मरम्मती का कार्य होगा.
किसानों ने मरम्मती के कार्य पर लगाई रोक
किसानों का कहना है कि नहर का तटबंध टूटने से पानी का प्रभाव उनके खेतों पर पड़ा है. उनकी फसलों को नुकसान पहुंचा है, जिसके लिए उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है. किसानों का कहना है कि मरम्मती का कार्य तभी शुरू होगा जब उनके नुकसान की भरपाई कर दी जाएगी. पहले उन्हें मुआवजा चाहिए तभी वह काम शुरू होने देंगे.
जल संसाधन विभाग के इंजीनियर का क्या है कहना
टूटे तटबंध के मरम्मती कार्य को किसानों के द्वारा रोके जाने पर जल संसाधन विभाग हजारीबाग के मुख्य अभियंता अशोक कुमार सिंह, घोसको पहुंचे और मामले का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. उन्हें मुआवजे की राशि हर हाल में दी जाएगी.
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किसानों की फसलों को हुआ है नुकसान
बता दें कि उद्घाटन के महज 16 घंटे के अंदर कोनार नहर बह गया था. इससे फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था. बगोदर प्रखंड के कुसमरजा के निकट कच्चा नहर का तटबंध 28 अगस्त को देर रात में ही टूट गया था. इससे नहर का पानी खेतों में चले जाने से मकई की तैयार फसलें सहित धान की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था. किसानों के अनुसार लाखों रुपए का नुकसान हुआ था.
सीएम ने किया था नहर का उद्घाटन
उत्तरी छोटानागपुर के बहुप्रतीक्षित कोनार नहर सिंचाई परियोजना का सीएम रघुवर दास ने 28 अगस्त को उद्घाटन किया था. विष्णुगढ़ प्रखंड के बिलंडी के पास उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया था. बता दें कि इलाके की बहुप्रतीक्षित इस परियोजना का उद्घाटन 40 साल में किया गया था. इससे किसानों में खुशी की लहर थी, लेकिन नहर का तटबंध टूटने से किसानों के फसलों की हुई बर्बादी से कुसमरजा पंचायत के घोसको, खटैया, बरवाडीह आदि गांव के सैकड़ों किसानों के लिए यह खुशी कुछ हीं घंटे बाद निराशा में बदल गयी थी.