गिरिडीहः जैन तीर्थस्थल मधुबन में बाहरी यात्रियों के प्रवेश पर प्रशासन ने रोक लगा दी है. इस बीच शनिवार को डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने मधुबन का दौरा भी किया है. इस दौरान यात्री निवास, उप स्वास्थ्य केंद्र, कचरा डम्पिंग स्थल, आदि की स्थिति की जानकारी लेते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक और उचित दिशा-निर्देश दिया गया.
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वहीं मधुबन गेस्ट हॉउस में उपायुक्त की अध्यक्षता में कोरोना वायरस के बचाव और रोकथाम हेतु विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों तथा मंदिर के प्रबंधक, कोठियों के प्रबंधक, सचिव के साथ बैठक की. इस दौरान नोवेल कोरोना वायरस के विषयों पर चर्चा की गई की 14 अप्रैल तक कोई भी पर्यटक या यात्री मंदिर ना आवे इसके लिए सभी संस्था के प्रबंधक और सचिव लोगों को सूचित करेंगे.
साफ-सफाई के निर्देश
उपायुक्त राहुल सिन्हा ने मधुबन क्षेत्र में स्थित यात्री निवास का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि साफ-सफाई के साथ इसके सौंदर्यीकरण कार्य को जल्द से जल्द दुरुस्त कर लें. निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने निर्देशित किया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बेहतर योजना बनाकर कार्य किया जाए. इसके अलावा साफ सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाए. साथ ही यात्री सुविधा केंद्र का भी निरीक्षण किया गया जहां पर डोली मजदूरों का निबंधन और डोली बुकिंग किया जाएगा. साथ ही 4000 मजदूरों के आईडी कार्ड बनेंगे जिसका चरित्र सत्यापन संबंधित थाना से देने के बाद ही उपलब्ध कराया जाएगा. पारसनाथ स्वच्छता समिति की ओर से बताया गया कि पर्यटक मद से जो भी उन्हें सामग्री उपलब्ध कराई जानी थी, वह उन्हें उपलब्ध करा दी गई है.
बरती जा रही है पूरी सावधानी
उपायुक्त ने बताया कि नोवेल कोरोना वायरस जैसी बीमारी आज पूरे वैश्विक स्तर पर फैल चुका है. लेकिन अभी तक झारखंड राज्य और गिरिडीह जिले में कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाया गया है. इसके अलावा जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस के रोकथाम और बचाव हेतु पूरी तैयारी कर ली गई. जिला में स्थित सभी सिनेमा हॉल, मॉल, विद्यालय, कोचिंग संस्थान, पार्क आदि को बंद भी कर दिया गया है.
बता दें कि पारसनाथ एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल है जहां विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में तीर्थयात्री आते हैं. इसलिए पारसनाथ की स्थिति थोड़ी संभावनाएं बढ़ जाती है क्योंकि बाहर से आने वाले तीर्थयात्री के संपर्क में आने से यहां के लोकल लोग भी संक्रमण का शिकार हो सकते हैं. इसीलिए मधुबन क्षेत्र में पारसनाथ तीर्थस्थान को एक महीने के लिए बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए बंद किया गया है. ताकि यहां के लोकल लोग बाहर से आने वाले व्यक्तियों के संपर्क में आने से प्रभावित ना हो.