गिरिडीहः पंचायत चुनाव का पहला चरण का मतदान 14 मई को है. पहले दौर में जिन उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी पेश की है उनमें कई उच्च शिक्षा प्राप्त भी हैं. कोई राजनीति शास्त्र में एमए के साथ-साथ बीएड व नृत्यांगना है तो कोई पोस्ट ग्रेजुएट. किसी ने स्नातक कर रखा है कोई एमए कर रखा है.
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ये उच्च शिक्षाधारी उम्मीदवार अलग अलग पंचायत/जिला परिषद में अपनी दावेदारी कर रहे हैं. ऐसे ही प्रत्याशियों में सदर प्रखंड के परसाटांड पंचायत से मुखिया की दावेदारी कर रही प्रीति भास्कर भी हैं. प्रीति भास्कर राजनीति शास्त्र में एमए, बीएड की पढ़ाई कर चुकी हैं, साथ ही भारत नाट्यम की भी जानकार हैं. समृद्ध व पढ़े लिखे परिवार से आने वाली ये महिला समाज को नई दिशा देना चाहती हैं. उनका कहना है कि मुखिया पति, मुखिया ससुर व मुखिया भाई-बंधू के सिस्टम को हटाने के लिए वह मैदान में उतरी हैं. उन्होंने कहा कि महिलाएं पंचायत चलाने में खुद सशक्त है.
उच्च शिक्षाधारी हैं शब्बीरः इसी तरह सदर प्रखंड के तेलोडीह पंचायत से मुखिया की उम्मीदवारी कर रहे शब्बीर आलम भी पढ़े लिखे हैं. शब्बीर ने बताया कि वो जियोलॉजी में ऑनर्स, इलेक्ट्रोनिक्स में डिप्लोमा, पशुपालन की पढ़ाई के साथ साथ उर्दू में भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं. वहीं निजी स्कूल का संचालन भी किया है. इनकी पत्नी निवर्तमान मुखिया हैं. उनका कहना है कि समाज को नई दिशा देने के लिए वे पंचायत चुनाव में लगातार अपनी भूमिका निभाते रहे हैं.आरक्षित हुआ सीट तो पत्नी मैदान मेंः इसी तरह जिला परिषद भाग 38 पर इस बार निवर्तमान जिला परिषद उपाध्यक्ष कामेश्वर पासवान की पत्नी निर्जला देवी मैदान में हैं. यह सीट महिला के लिए आरक्षित होने पर वो मैदान में उतरी हैं. स्नातक तक पढ़ाई कर चुकी निर्जला का कहना है कि वो अपने पति के अधूरे काम को पूर्ण करेंगी. इन सभी के अलावा प्रथम चरण के कई पंचायत में पढ़े लिखे उमीदवार अपनी किस्मत को आजमा रहे हैं. अब यह देखना होगा कि इन पढ़े लिखे प्रत्याशियों को लोगों का कितना समर्थन मिलता है.