बगोदर, गिरिडीह: दूसरों को सरकारी स्तर पर अनाज देने वाले दिव्यांग डीलर संतोष कुमार खुद सरकारी अनाज के लाभ से वंचित हैं. दिव्यांग डीलर संतोष कुमार राशन कार्ड के लिए 2 साल पूर्व ही ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं. बावजूद उनको अब तक राशन कार्ड नसीब नहीं हुआ है.
दिव्यांग डीलर के परिवार में पत्नी सहित तीन बच्चे हैं. परिवार में कुल 5 सदस्य है. मगर पत्नी के नाम पर भी राशन कार्ड नहीं है. दिव्यांग डीलर संतोष कुमार बगोदर प्रखंड के खटैया गांव के रहने वाले हैं. वह गांव के ही डीलर हैं और 120 कार्ड धारी उनके पास है. संतोष कुमार ने कहा कि उन्हें 2007 में ही पीडीएस की दुकान आवंटित हुई. दो साल पहले तत्कालीन डीएसओ योगेंद्र प्रसाद के कहने पर उन्होंने राशन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा किया था. मगर अब तक राशन कार्ड नहीं बना है. इससे परिवार को सरकारी अनाज और केरोसिन के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है.
संतोष कुमार शारीरिक रूप दिव्यांग हैं. वे ठीक से चल न पाते हैं और न बोल पाते हैं. बावजूद इसके दिव्यांगों की सेवा में हमेशा आगे रहते हैं. विकलांग मानव सेवा केंद्र के बैनर तले दिव्यांग बच्चों के बीच पाठ सामग्री और गर्म कपड़े का वितरण उनके द्वारा साल में दो-तीन बार किया जाता है. आर्थिक अभाव के कारण वे दूसरों से सहयोग राशि लेकर दिव्यांग बच्चों की सेवा करते हैं.
ये भी पढे़ं: कोरोना की जंग में टाटा स्टील ने बढ़ाया हाथ, झारखंड सरकार को दिए 10 करोड़ रुपए
इधर, इस संबंध में एमओ रविंद्र कुमार ने बताया कि दिव्यांग डीलर संतोष कुमार का राशन कार्ड नहीं होने की जानकारी नहीं है. मेरे संज्ञान में आपके द्वारा ही इस बात की जानकारी हुई है. संतोष कुमार को राशन कार्ड मुहैया कराने का आज से हीं प्रयास शुरू कर दिया जाएगा.