गिरिडीहः शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने के आरोप में देवरी थाना प्रभारी गौरव कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. गौरव के खिलाफ रांची में रह रही एक युवती ने आरोप लगाया कि दो साल से दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था. युवती मुख्य रूप से बोकारो की रहने वाली है. पीड़िता की शिकायत पर महिला थाना में मामला दर्ज किया गया. थाना प्रभारी गौरव कुमार बिहार के लखीसराय जिले के चेतन टोला खुटाहा गांव का रहने वाला है.
सोशल साइट पर मिली थी युवती
पीड़िता ने पुलिस को बताया है कि उसकी दोस्ती गौरव कुमार से सोशल साइट पर 2018 में हुई थी. मार्च 2019 में गौरव ने उसे प्रपोज किया और बोला कि वह उससे शादी करना चाहता है. गौरव उस वक्त ट्रेनिंग में था. उसने कहा था कि ट्रेनिंग पूरा होने के बाद वह शादी करेगा. इसके बाद जुलाई में उसने उसे बताया कि उसके घर वाले शादी के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन फिर भी गौरव उसे मैसेज करने लगा कि वह अपने परिवार को मना लेगा.
बोकारो में भर दी थी मांग
पीड़िता ने कहा है कि 19 दिसंबर 2019 को गौरव बोकारो के एक होटल में उससे मिला और उसके मांग में सिंदूर भर दिया. कहा कि वह आज से उसकी पत्नी है और जल्द ही वह कोर्ट मैरेज करेगा. 8 जनवरी 2020 को गौरव उससे रांची के एक गेस्ट हाउस में मिला. 25 से 30 जनवरी को गौरव ने उससे कहा कि उसकी शादी डुमरी के एक लड़की से उसकी मां ने तय कर दी है.
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कोर्ट मैरेज करने के लिए बुलाता था गिरिडीह
पीड़िता ने कहा है कि 27 फरवरी को गौरव कोर्ट मैरेज करने के लिए उसे गिरिडीह बुलाया पर कुछ न कुछ बहाना कर बात टाल दिया करता. उसका ओरिजनल सर्टिफिकेट अपने पास रख लिया और कहा कि वह मैरेज सर्टिफिकेट बनवाने की कोशिश करेगा. 9 मार्च 2020 को कोर्ट मैरेज और होली के लिए गौरव ने युवती को गिरिडीह बुलाया, लेकिन वह टाल मटोल कर दिया. पीड़िता ने गौरव की मां, भाई, बहन और जीजा पर भी कई आरोप लगाए हैं. पीडिता ने कहा है कि गौरव की मां ने मामला सुलझाने की बात कही थी, लेकिन बाद में फोन करने पर गाली देने लगी और जान से मारने की धमकी दी.
डीजीपी के संज्ञान में लेने के बाद हुई कार्रवाई
पीड़िता ने इसकी शिकायत पुलिस महानिदेशक एमवी राव से की थी. डीजीपी ने मामले में संज्ञान लिया और गिरिडीह एसपी को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया. डीजीपी के निर्देश पर मंगलवार को एक डीएसपी की अगुवाई में महिला थाना प्रभारी गिरिडीह से रांची पीड़िता के घर पहुंचे और पूरी जानकारी ली. इसके बाद बुधवार की सुबह पुलिस टीम पीड़िता को लेकर गिरिडीह वापस आई. मामला विभाग और पदाधिकारी से जुड़ा होने के कारण पुलिस काफी गोपनीय तरीके से कार्रवाई में जुट गई. डीआईजी हजारीबाग अमोल वेणूकांत होमकार बुधवार को गिरिडीह पहुंचे और पूरे मामले की जांच की. मामले की जांच के बाद महिला थाना में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई और गौरव कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं महिला थाना पुलिस ने पीड़िता का बुधवार की शाम को धारा 164 के तहत अदालत में बयान कलमबंद कराया. इस प्राथमिकी और गिरफ्तारी की पुष्टि जिले के एसपी अमित रेणू ने भी की है.