गिरिडीह: पुलवामा में सीआरपीएफ के शहीद जवान अजय कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया गया. शहीद जवान को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. केंद्रीय मंत्री और विधायक के साथ सैकड़ों की संख्या में लोग अंतिम विदाई में मौजूद थे. इस दौरान अजय भैया अमर रहे का नारा लगता रहा.
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शनिवार की सुबह अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए जम्मू कश्मीर के पुलवामा में तैनात सीआरपीएफ के जवान अजय कुमार गोली लगने से शहीद हो गए. इस घटना के बाद दिवंगत जवान का पार्थिव शरीर हवाई मार्ग से रांची और फिर सड़क मार्ग से गिरिडीह जिले के देवरी थाना इलाके के ढेंगाडीह लाया गया. जहां तिरंगे में लिपटे शहीद की एक झलक पाने के लिए और उसे अंतिम विदाई देने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
केंद्रीय राज्य मंत्री ने दी श्रद्धांजलि: शहीद अजय को अंतिम विदाई देने के लिए स्थानीय सांसद सह केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, स्थानीय विधायक केदार हाजरा, सीआरपीएफ कमाडेंट के साथ कई अधिकारी के अलावा सांसद प्रतिनिधि दिनेश यादव, अधिकारी और स्थानीय प्रबुद्ध लोगों के साथ काफी संख्या में आम लोग मौजूद रहे. इससे पहले रास्ते में जगह-जगह पर लोगों ने पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए.
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि पिता ने पुत्र खोया तो देश ने वीर सपूत. अजय देश की सेवा में शहीद हुए हैं. उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता. जो भी प्रावधान है, उसके अनुसार परिवार की पूरी सहायता की जाएगी.
किसान के पुत्र थे शहीद अजय: शहीद जवान अजय राय देवरी के ढेंगाडीह गांव के किसान राजो राय के पुत्र थे. ग्रामीणों ने बताया कि शहीद अजय राय बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे. परिवार में आर्थिक परेशानी के कारण उन्होंने गांव के मध्य विद्यालय घोरंजी में अपनी प्रारंभिक और जमा दो उच्च विद्यालय रामपुर घोरंजी से माध्यमिक और इंटरमीडिएट की शिक्षा ग्रहण की थी. माता फुलमंती देवी की निधन हो जाने के बाद उन्होंने सीआरपीएफ में जीडी की नौकरी हासिल की थी. ग्रामीणों ने बताया कि साल 2017 में अजय का बिहार के नवादा जिले के बैजदा गांव की करिश्मा कुमारी के साथ विवाह संपन्न हुआ. शहीद अजय और उनकी पत्नी करिश्मा के दो पुत्र हैं. एक बेटा चार साल और एक बेटा छह महीने का है. फिलहाल, उनके परिवार के सदस्य गिरिडीह के सिरसिया में रह रहे हैं.