गिरिडीहः जिले के ताराटांड़ थाना क्षेत्र के नवदा-पिंडरिया स्थित टोटयाटांड़ जंगल में छापेमारी कर साइबर ठगी करते रंगे हाथ पकड़े गए एक दर्जन साइबर अपराधियों को जेल भेज दिया गया. एसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी की अगुवाई में की गयी छापेमारी में पुलिस को यह सफलता मिली थी.
शनिवार को बरवाडीह पुलिस लाइन में पत्रकार सम्मेलन में साइबर डीएसपी ने पूरे मामले का खुलासा किया. डीएसपी समदर्शी ने बताया कि पकड़े गए अपराधी सोशल इंजिनियरिंग का प्रयोग कर बैंक ग्राहकों को एटीएम कार्ड का ब्लॉक होने और वेरिफिकेशन करने के नाम पर अपने आप को बैंक अधिकार और मैनेजर होने का विश्वास दिलाकर जाल में फंसाते थे. जिसके बाद लोगों को गुमराह कर एटीएम कार्ड नंबर, पासवर्ड नंबर और अन्य निजी जानकारी प्राप्त कर साइबर ठगी और धोखाधड़ी कर बैंक ग्राहकों की गाढ़ी कमाई को लूट लेते हैं.
सीरियल कॉल कर फंसाते हैं लोगों को
साइबर डीएसपी ने बताया कि पकड़े गए अपराधियों ने पूछताछ में बताया है कि उनके धंधे में एटीएम फ्रॉड सामूहिक रूप से किया जाता है. बैंक ग्राहकों को वे सिरयिल कॉल करते हैं और जो व्यक्ति उन लोगोंं के झांसे में फंसता है उससे वे एटीएम कार्ड वेरिफिकेशन के नाम पर उसका निजी जानकारी प्राप्त कर एकाउंट से पैसा गायब कर देते हैं. इस प्रकार पैसा कमाने का यह आसान जरिया है. इसमें कम मेहनत के साथ कोई झंझट नहीं है.
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गिरफ्तार साइबर अपराधी के नाम
गिरफ्तार साइबर अपराधियों में ताराटांड़ थाना क्षेत्र के नवादा गांव के राजेश मंडल, संतोष मंडल, फुलचंद मंडल, विकास प्रसाद वर्मा, तालेश्वर प्रसाद वर्मा उर्फ गोंदो और सुधीर प्रसाद वर्मा, मोहलीडीह के बहादुर मंडल, दशरथ मंडल, कोरबंधा के बबलू कुमार मंडल, झितरी के रूपेश कुमार मंडल और अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के अहिल्यापुर के पवन यादव और चिकसोरिया के राजेश मंडल शामिल है. गिरफ्तार साइबर अपराधियों में तीन सगे भाई भी शामिल है. नवादा गांव के राजेश मंडल, संतोष मंडल और फुलचंद मंडल तीनों सगे भाई हैं.
क्या-क्या हुआ बरामद
गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 22 मोबाइल, 37 सिम कार्ड, 15 एटीएम कार्ड, 07 पासबुक, 05 आधार कार्ड, 04 पैन कार्ड, 03 ड्राइविंग लाइसेंस, 04 वोटर आई कार्ड, 01 लैपटप और 01 चारपहिया वाहन (कार) बरामद किया गया है. गिरफ्तार साइबर अपराधियों में तीन पेशेवर और आदतन साइबर अपराधी हैं. गिरफ्तार नवादा के संतोष मंडल और उसका भाई फलुचंद मंडल पहले से ताराटांड़ थाना कांड संख्या 52/17 और कोरबंधा के बबलू कुमार मंडल ताराटांड़ थाना कांड संख्या 28/16 का अभियुक्त है. पूछताछ में गिरफ्तार साइबर अपराधी नवादा के राजेश मंडल ने पुलिस को बताया है कि वर्ष 2013 में उसके क्षेत्र में साइबर ठगी और धोखाधड़ी के काम का शुरूआत हुआ. क्षेत्र के लोग साइबर अपराध कर आसानी से काफी पैसा कमा रहे थे. वह और उनके भाईयों ने भी देखा देखी साइबर अपराध करने का गूर सीख लिया और साइबर अपराध करने लगे. उन लोगों को गांव के मुकेश मंडल एवं जीतन मंडल ने साइबर अपराध सिखाया है. हालांकि, वे दोनों पहले पकड़ाकर जेल जा चुके हैं. जेल से आने आने के बाद साइबर अपराध छोड़ दिया है. वर्ष 2017 में उसके दोनों छोटे भाई संतोष एवं फुलचंद साइबर अपराध करते रंगेहाथ पकड़े गए थे और ढ़ाई माह बाद जमानत पर छूट कर आए थे.
डेढ़ करोड़ रूपए कमा चुके हैं तीनों भाई
राजेश ने पुलिस के समक्ष यह भी खुलासा किया है कि वह और उनके भाई मिलकर अब तक साइबर अपराध कर लगभग डेढ़ करोड़ रूपए का कमाई किए हैं. वह साइबर अपराध के लिए फर्जी नाम लालमोहन मुर्मू और महेंद्र हांसदा के नाम पर फर्जी तरीके से अपना फोटो चिपका कर पैन कार्ड, ड्राईिवंग लाईसेंस, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र आदि बनवाया और इसका उपयोग साइबर ठगी के लिए किया है. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई फर्जी सिम कार्ड उसकी ओर से लिया गया है.