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डाक विभाग में 11.64 करोड़ का घोटाला, एक ही ड्राफ्ट से निकाले गए दो बार पैसे - गिरिडीह में सहायक डाकपाल पर घोटाले का आरोप

गिरिडीह में एक बड़ा घोटाला सामने आया है. इस घोटाले का आरोप प्रधान डाकघर के डाकपाल ने डाकघर के सहायक डाकपाल शशिभूषण कुमार और निलंबित सहायक डाकपाल पर लगाया है. डाकपाल सोमनाथ मित्रा ने इस मामले में नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसके आधार पर जांच की जा रही है.

डाकघर में करोड़ों का घोटाला
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Published : Oct 4, 2019, 6:41 AM IST

गिरिडीह: जिले में डाकघर के माध्यम से11.64 करोड़ की राशि फर्जी तरीके से निकालने का मामला सामने आया है. एक ही ड्राफ्ट से दो बार में यह रकम निकाली गई है. इसे लेकर गिरिडीह प्रधान डाकघर के डाकपाल सोमनाथ मित्रा ने नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

देखें पूरी खबर

सोमनाथ मित्रा ने प्राथमिकी में गिरिडीह प्रधान डाकघर के सहायक डाकपाल शशिभूषण कुमार, डाकघर के निलंबित सहायक डाकपाल मो. अलताफ और गिरिडीह टाउन उप डाकघर के उप डाकपाल वासुदेव दास को नामजद बनाया है. दर्ज प्राथमिकी में घटना की तारीख 3 अक्टूबर 2016 से 30 अगस्त 2019 बताई गई है.

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क्या है प्राथमिकी में
प्राथमिकी में डाकपाल मित्रा ने कहा है कि गिरिडीह प्रधान डाकघर के अधीनस्थ विभिन्न उप डाकघरों में प्राप्त डिमांड ड्राफ्ट को लेकर उप डाकपाल उसके साथ संलग्न खाताधारियों के एकाउंट में रकम को जमा कराते हैं, उसके बाद डिमांड ड्राफ्ट प्रधान डाकघर गिरिडीह में नगदी प्रेषण के रूप में भेज देते हैं. प्रधान डाकघर में ट्रेजरर उस डिमांड ड्राफ्ट को उप डाकपल के डेली एकाउंट के माध्यम से प्राप्त करते थे. ट्रेजरर द्वारा ही उस डिमांड ड्राफ्ट को बैंक से क्लीयर करके सरकारी खाते में जमा करते थे. उसके बाद उसी डिमांड ड्राफ्ट की रकम को गिरिडीह टाउन उप डाकघर में खुले खातों में प्रधान डाकघर गिरिडीह के सहायक डाकपाल (बचत बैंक काउंटर) के द्वारा व्यक्तिगत खातों में जमा कर दी जाती थी, लेकिन ट्रेजरी को भेजी जाने वाली फाइनल रिपोर्ट सहायक डाकपाल के काउंटर से नहीं भेजी जाती थी.

एक ही ड्राफ्ट से दो बार निकासी
प्रधान डाकपाल का कहना है की धोखा देकर एक ही डिमांड ड्राफ्ट से दोबारा व्यक्तिगत खाते में पैसे जमा कर दिए जाते थे. यह रकम 11 करोङ 64 लाख 38 हजार 635 रुपया तक पहुंच गया. उन्होंने कहा की व्यक्तिगत खाते में क्रेडिट की गई ड्राफ्ट की राशि की निकासी गिरिडीह टाउन उप डाकघर के उप डाकपाल के मदद से की गई है.

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89 लाख की वापसी
प्रधान डाकपाल ने प्राथमिकी में कहा है कि मामला प्रकाश में आने के बाद उप डाकपाल बासुदेव दास ने विभिन्न तारीखों में गबन की गई राशि में से लगभग 89 लाख, 9 हजार 867 रुपया वापस खाते में जमा किया है. प्रधान डाकपाल ने बताया कि इस गबन से संबंधित सभी कागजातों को सुरक्षित रखा गया है. वहीं, इस मामले की जांच डाक विभाग भी कर रही है.

गिरिडीह: जिले में डाकघर के माध्यम से11.64 करोड़ की राशि फर्जी तरीके से निकालने का मामला सामने आया है. एक ही ड्राफ्ट से दो बार में यह रकम निकाली गई है. इसे लेकर गिरिडीह प्रधान डाकघर के डाकपाल सोमनाथ मित्रा ने नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

देखें पूरी खबर

सोमनाथ मित्रा ने प्राथमिकी में गिरिडीह प्रधान डाकघर के सहायक डाकपाल शशिभूषण कुमार, डाकघर के निलंबित सहायक डाकपाल मो. अलताफ और गिरिडीह टाउन उप डाकघर के उप डाकपाल वासुदेव दास को नामजद बनाया है. दर्ज प्राथमिकी में घटना की तारीख 3 अक्टूबर 2016 से 30 अगस्त 2019 बताई गई है.

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क्या है प्राथमिकी में
प्राथमिकी में डाकपाल मित्रा ने कहा है कि गिरिडीह प्रधान डाकघर के अधीनस्थ विभिन्न उप डाकघरों में प्राप्त डिमांड ड्राफ्ट को लेकर उप डाकपाल उसके साथ संलग्न खाताधारियों के एकाउंट में रकम को जमा कराते हैं, उसके बाद डिमांड ड्राफ्ट प्रधान डाकघर गिरिडीह में नगदी प्रेषण के रूप में भेज देते हैं. प्रधान डाकघर में ट्रेजरर उस डिमांड ड्राफ्ट को उप डाकपल के डेली एकाउंट के माध्यम से प्राप्त करते थे. ट्रेजरर द्वारा ही उस डिमांड ड्राफ्ट को बैंक से क्लीयर करके सरकारी खाते में जमा करते थे. उसके बाद उसी डिमांड ड्राफ्ट की रकम को गिरिडीह टाउन उप डाकघर में खुले खातों में प्रधान डाकघर गिरिडीह के सहायक डाकपाल (बचत बैंक काउंटर) के द्वारा व्यक्तिगत खातों में जमा कर दी जाती थी, लेकिन ट्रेजरी को भेजी जाने वाली फाइनल रिपोर्ट सहायक डाकपाल के काउंटर से नहीं भेजी जाती थी.

एक ही ड्राफ्ट से दो बार निकासी
प्रधान डाकपाल का कहना है की धोखा देकर एक ही डिमांड ड्राफ्ट से दोबारा व्यक्तिगत खाते में पैसे जमा कर दिए जाते थे. यह रकम 11 करोङ 64 लाख 38 हजार 635 रुपया तक पहुंच गया. उन्होंने कहा की व्यक्तिगत खाते में क्रेडिट की गई ड्राफ्ट की राशि की निकासी गिरिडीह टाउन उप डाकघर के उप डाकपाल के मदद से की गई है.

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89 लाख की वापसी
प्रधान डाकपाल ने प्राथमिकी में कहा है कि मामला प्रकाश में आने के बाद उप डाकपाल बासुदेव दास ने विभिन्न तारीखों में गबन की गई राशि में से लगभग 89 लाख, 9 हजार 867 रुपया वापस खाते में जमा किया है. प्रधान डाकपाल ने बताया कि इस गबन से संबंधित सभी कागजातों को सुरक्षित रखा गया है. वहीं, इस मामले की जांच डाक विभाग भी कर रही है.

Intro:गिरिडीह. एक ड्राफ्ट से दो बार रकम की निकासी कर कुल 11.64 करोङ का घोटाला किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. यह गबन डाकघर के माध्यम से की गयी है. इसे लेकर गिरिडीह प्रधान डाकघर के डाकपाल सोमनाथ मित्रा ने नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. प्राथमिकी में गिरिडीह प्रधान डाकघर के सहायक डाकपाल शशिभूषण कुमार, बचत बैंक (उपडाकघर) गिरिडीह प्रधान डाकघर के निलंबित सहायक डाकपाल मो अलताफ व गिरिडीह टाउन उप डाकघर के उप डाकपाल बासुदेव दास को नामजद किया गया है. दर्ज प्राथमिकी में घटना की तिथि 3 अक्तूबर 2016 से 30 अगस्त 2019 बतायी गयी है. Body:
क्या है प्राथमिकी में
दर्ज प्राथमिकी में डाकपाल मित्रा ने कहा है कि गिरिडीह प्रधान डाकघर के अधीनस्थ विभिन्न उप डाकघरों में प्राप्त डिमांड ड्राफ्ट को प्राप्त कर उप डाकपाल उसके साथ संलग्न खाताधारियों के एकाउंट में वर्णित रकम को जमा करके डिमांड ड्राफ्ट प्रधान डाकघर गिरिडीह में नगदी प्रेषण के रूप में भेज देते हैं. प्रधान डाकघर में ट्रेजरर उस डिमांड ड्राफ्ट को उप डाकपल के डेली एकाउंट के मार्फत प्राप्त करते थे. ट्रेजरर द्वारा ही उस डिमांड ड्राफ्ट को बैंक से क्लीयर करके सरकारी खाते में जमा कर देते थे. पुन: उसी डिमांड ड्राफ्ट की रकम को गिरिडीह टाउन उप डाकघर में खुले खातों में प्रधान डाकघर गिरिडीह के सहायक डाकपाल (बचत बैंक काउंटर) के द्वारा व्यक्तिगत खातों में जमा कर दी जाती थी लेकिन शाम ट्रेजरी को भेजी जाने वाली फाइनल रिपोर्ट सहायक डाकपाल के काउंटर द्वारा नहीं भेजी जाती थी.
एक ही ड्राफ्ट से दो बार निकासी
प्रधान डाकपाल का कहना है कि धोखा देकर एक ही डिमांड ड्राफ्ट से दुबारा व्यक्तिगत खाते में जमा कर दिया जाता था यह रकम 11 करोङ 64 लाख 38 हजार 635 रुपया तक पहुंच गया. व्यक्तिगत खाते में क्रेडिट की गयी ड्राफ्ट की राशि की निकासी गिरिडीह टाउन उप डाकघर के उप डाकपाल के मदद से की गयी है. Conclusion:89 लाख की वापसी
प्रधान डाकपाल ने प्राथमिकी में कहा है कि मामला प्रकाश में आने के बाद उप डाकपाल बासुदेव दास ने विभिन्न तिथियों में गबन की गयी राशि में से 89 लाख, 9 हजार 867 अवर्गीकृत जमा में जमा किया है. प्रधान डाकपाल ने बताया कि इस गबन से संबंधित सभी कागजातों को सुरक्षित रखा गया है. वहीं इस मामले की जांच विभाग के द्वारा भी की जा रही है.
बाइट: सोमनाथ मित्रा, डाकपाल
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