गिरिडीहः माइक्रो फाइनेंस कंपनी ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को लोन देने का काम वर्षों से कर रही है. गांव-गांव में ऐसे फाइनेंस कंपनी के एजेंट और कर्मी पहुंचते हैं और महिलाओं का ग्रुप बनाकर लोन दिया जाता है. हालांकि लोन देने के बाद किश्त में देरी होती है तो ऋणधारियों की परेशानी भी बढ़ जाती है. वसूली एजेंट हर रोज तगादा करते हैं. ऐसे ही तगादा से तंग आकर एक महिला ने आत्महत्या कर ली.
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यह मामला बेंगाबाद थाना क्षेत्र के खंडोली से जुड़ा है. महिला इसी गांव के निवासी बबलू अंसारी की 30 वर्षीय पत्नी जैबून खातून थी. जैबून की मौत सोमवार की रात को सदर अस्पताल में इलाज के क्रम में हुई है. महिला के ससुर और उसके गांव के लोगों ने बताया कि जैबून खातून ने निजी फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था. अब वह ससमय किश्त जमा नहीं कर पा रही थी. ऐसे में उसपर लगातार दबाव बनाया जा रहा था. हर तीन-चार दिनों में फाइनेंस कंपनी के अधिकारी और कर्मी उनके घर पर पहुंच रहे थे और तरह-तरह बात कही जा रही थी. परिजनों का आरोप है कि इसी प्रताड़ना से तंग आकर जैबून खातून सोमवार को जंगल चली गई. वहीं पर वो अचेत अवस्था में पायी गयी.
इसकी जानकारी मिलने के बाद सोमवार की देर शाम को उसे इलाज के लिए गिरिडीह सदर अस्पताल में भर्ती करावाया गया. यहां पर इलाज के क्रम में महिला ने दम तोड़ दिया. इधर कुछ लोगों का कहना है कि सिर्फ तगादा की वजह से महिला ने जान दी या फिर इसके पीछे की वजह कुछ और भी है, इसका खुलासा पुलिस की जांच में हो सकता है. वहीं बेंगाबाद थाना प्रभारी विकास पासवान ने बताया कि वे पूरे मामले की जानकारी ले रहे हैं.