गिरिडीहः जिले में जमीन विवाद को लेकर दो पक्ष में भिड़ंत हो गई है. यहां जमकर लाठियां भांजी गई तो चाकू, टांगी, लोहे के रड से भी वार किया गया. इसके साथ ही पथराव भी हुआ है. इस घटना में एक दर्जन लोग घायल हुए हैं. यह घटना भेलवाघाटी थाना क्षेत्र के नोनियातरी गांव की है. घायलों में एक पक्ष के रामजी साव, नकुल साव, पोखन साव, रेखा देवी, ललिता देवी, ममता देवी, जमुनी देवी, संजु देवी, श्यामसुंदर साव, सोनी देवी शामिल हैं जबकि दूसरे पक्ष के पुनीत साव व मुकेश साव भी घायल हुए हैं.
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प्रशासन पर अनदेखी का आरोपः इस घटना को लेकर एक पक्ष के घायल श्यामसुंदर साव के मुताबिक गांव के पुनीत साव, विजय साव, रूपनारायण साव, किशोर साव, राहुल साव के द्वारा उनकी जमीन पर जबरन घर बनाया जा रहा था. इसकी जानकारी पर वे मना करने पहुंचे. इसी पर लाठी, रड, टांगी, चाकू से हमला कर दिया और उनके साथ मारपीट की गयी. श्यामसुंदर ने कहा कि हमला करने वाले उनकी जान लेना चाहते थे. उनका कहना है कि यह घटना टल सकती थी अगर उनके आवेदन पर अंचलाधिकारी के साथ पुलिस त्वरित कार्रवाई करती. उन्होंने कहा कि वे लगातार फरियाद लगाते रहे लेकिन उनकी शिकायतों पर ध्यान ही नहीं दिया.
क्या है दूसरे पक्ष की दलीलः जमीन विवाद में मारपीट को लेकर एक अन्य पक्ष के पुनीत साव व मुकेश साव शामिल हैं. घायल पुनीत साव के मुताबिक वो अपनी जमीन पर पशु शेड बनवा रहे थे. इसी दरम्यान श्यामसुंदर साव, प्रसाद साव, रामजी साव, नकुल साव, प्रदीप साव व राजू साव के द्वारा मारपीट किया गया.
कार्रवाई की मांगः दूसरी तरफ झामुमो के प्रखंड सचिव मोजाहिद अंसारी व भाकपा माले के प्रखंड सचिव ने इसे प्रशासन की लापरवाही का नतीजा माना है. उनका कहना है कि प्रशासन की चूक का नतीजा है कि यह घटना सामने आई. जब मामले की शिकायत की गई थी तो अंचल व थाना के अधिकारियों को तुरंत हो कार्यवाई करनी चाहिए थी.
चल रही थी जांच- सीओः इस विषय पर देवरी अंचलधिकारी राजमोहन तुरी का कहना है कि आवेदन पर जांच का निर्देश कर्मचारी को दिया गया था. इस मामले में जांच चल ही रही थी कि इस तरह की घटना घट गई.