गिरिडीह: जिले में धान की खेती के लिए अंतिम समय चल रहा है. खेतों में धान की फसलें लहलहा रही हैं. धान की बाली भी निकल चुकी है. ऐसे में रोज-रोज हो रही बारिश के कारण धान की फसलों को नुकसान पहुंच रहा है. इससे किसानों में मायूसी छाई हुई है. रोज रोज की बारिश के कारण बेहतर उत्पादन होने की संभावना पर खतरा मंडराने लगा है.
बारिश के कारण बढ़ी चिंता
किसानों के अनुसार इस बार अच्छी बारिश होने से खेतों में धान की फसलें लहलहा रही है. खेतों में फसलों को लहलहाता देख किसानों में इस बात को लेकर उत्साह था कि इस बार धान का उत्पादन अच्छा होगा, लेकिन अंतिम समय में और रात में बारिश होने से किसानों की उत्साह और उम्मीद टूटने लगी है.
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क्या कहते हैं किसान
किसानों का कहना है कि अगर बारिश होती, तो तब धान की फसलों को काफी नुकसान पहुंचने की संभावना है. किसानों के अनुरूप धान की खेती के लिए अब बारिश की जरूरत नहीं है. गिरिडीह जिले का इलाका कृषि बाहुल्य क्षेत्र हैं. यहां के किसानों की मुख्य फसल धान है. ऐसे में अगर धान की पैदावार बेहतर नहीं होगी. तब किसानों के सामने को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ सकती है. एक तरफ जहां कोरोना काल के कारण किसान- मजदूरों का हाल पहले से बुरा है, वहीं दूसरी ओर बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.