गिरिडीह: जिस व्यक्ति की मौत छह माह पहले हो गई थी उसे कोविशिल्ड का दूसरा डोज पड़ गया. यह मामला सदर प्रखंड के महेशलुंडी का है. अब परिजन के साथ-साथ विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं. मृतक के परिजनों के साथ-साथ स्थानीय बुद्धिजीवियों ने जांच की मांग की है. गिरिडीह में मृत व्यक्ति को कोरोना टीका दिए जाने के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठने लगे हैं.
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मृतक को वैक्सीन का डोज
बताया जाता है कि महेशलुंडी निवासी विश्वनाथ हजाम (68 वर्ष) की मौत 19 जून 2021 को हो गई. इस बीच 15 दिसम्बर को मृतक के पौत्र रविन्द्र कुमार अपनी मां को मिले वैक्सीन डोज का सर्टिफिकेट डाउनलोड करने के लिए एक साइबर कैफे में गया. यहां उसने अपने मोबाइल से लिंक घर के सभी सदस्यों के सर्टिफिकेट की पड़ताल शुरू की. इस क्रम में अपने दिवंगत दादा विश्वनाथ हजाम के सर्टिफिकेट को चेक किया तो वह दंग रह गया. देखा कि उसके दिवंगत दादा को भी 11 दिसम्बर 2021 को दूसरा डोज पड़ गया है. वह सोच में पड़ गया कि आखिर मृतक को वैक्सीन कैसे लगा. रविन्द्र ने बताया कि मरने से पहले 20 मार्च को उसके दादा विश्वनाथ ने कोविशिल्ड का पहला डोज लिया था. छह माह पूर्व उनका निधन हो गया. अब यह सवाल उठता है कि उनके दिवंगत दादा ने दूसरा डोज कैसे लिया.
इधर सामाजिक कार्यकर्ता गणेश ठाकुर व शिवनाथ साव का कहना है इससे पहले भी वैक्सीन के सर्टिफिकेट में गड़बड़ी का मामला सामने आता रहा है. उनके पंचायत में कई लोगों ने कोविशिल्ड का डोज लिया है लेकिन कइयों को कोवैक्सीन का सर्टिफिकेट मिल गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे मामले की जांच होनी ही चाहिए.
इधर इस मामले पर सिविल सर्जन डॉ एसपी मिश्रा ने कहा कि सम्भवता यह मानवीय चूक है. वैसे इन मामलों को देखा जाएगा.