गिरिडीहः जिले के 12 प्रवासी मजदूरों के आश्रितों को सरकारी स्तर पर एक- एक लाख लाख रूपए मुआवजा दिया गया है. इसे लेकर गुरुवार को बगोदर प्रखंड स्थित जरमुन्ने पूर्वी पंचायत सचिवालय में श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित कर वैसे प्रवासी मजदूरों के परिजनों को मुआवजा राशि का प्रमाण पत्र दिया गया जिनकी मौत महानगरों में हादसे में हो गई थी.
बता दें कि बगोदर विधान सभा के 10 एवं डुमरी के दो कुल 12 मजदूरों के आश्रितों को मुआवजा राशि दी गई है. कार्यक्रम में बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह एवं श्रम अधीक्षक गोपी शंकर मुख्य रूप से उपस्थित थे.
विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को निबंधन कराना जरूरी है. निबंधित प्रवासी मजदूरों की अगर किसी हादसे में मौत हो जाती है तब इस स्थिति में उनके आश्रितों को डेढ़ लाख रूपए मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है.
निबंधन नहीं कराने वाले मजदूर के आश्रित को एक लाख रूपये मुआवजा दिए जाते हैं. विदेशों में अगर किसी हादसे में मौत होने पर प्रवासी मजदूर के आश्रित को पांच लाख रूपए मुआवजा दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि इसके लिए मजदूर का मृत्यु प्रमाण पत्र, संबंधित थाने में दर्ज मामले की कॉपी एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट विभाग के पास जमा करनी पड़ती है.
उन्होंने कहा है कि विभाग के अलावा भाकपा माले कार्यालय में भी वे अपना प्रमाण पत्र जमा करा सकते हैं. श्रम अधीक्षक रवी शंकर ने प्रवासी मजदूर एवं उनके परिजनों से भी अपील किया कि पलायन के पूर्व वे अपना निबंधन जरूर करा लें. इससे न सिर्फ विकट परिस्थितियों में उनके परिजनों को सहूलियत होगी बल्कि विभाग के पास भी एक आंकड़े होंगे.
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इस मौके पर जिला परिषद सदस्य पूनम महतो, सरिता महतो, उप प्रमुख सरिता साव, मुखिया संतोष रजक, श्रमिक मित्र मनोज कुमार, राज किशोर प्रसाद राणा, भाकपा माले के वरीय नेता परमेश्वर महतो, मनोज पांडेय, पवन महतो, धीरन सिंह, पूरन कुमार महतो आदि उपस्थित थे.
श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के द्वारा धोती- साड़ी योजना की भी मौके पर शुरुआत की गई. भवन निर्माण में कार्यरत पंजीकृत मजदूरों के बीच धोती, साड़ी एवं पैंट- शर्ट का वितरण किया गया.