गिरिडीह: राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो समेत पांच लोगों पर गबन का आरोप लगने के बाद राजनीति गर्म है. चर्चा का बाजार भी गर्म हो चुका है. इन सबों के बीच ईटीवी भारत की टीम ने पूरे मामले को समझने का प्रयास किया है. बारिश के बीच ईटीवी भारत के संवाददाता अमरनाथ सिन्हा व शशि जायसवाल उस झारखण्ड कॉमर्स इंटर कॉलेज डुमरी भी पहुंचे जहां का यह मामला है.
यहां पर प्रभारी प्राचार्य, महाविद्यालय के प्रोफेसर, कर्मियों से बात की. ईटीवी की टीम ने जब प्रभारी प्राचार्य से बात की तो इनका कहना था कि आरोप लगानेवाला डेगलाल राम खुद ही गंभीर आरोपों से घिरा है. डेगलाल के खिलाफ पहले ही प्रबंधन के द्वारा मुकदमा किया गया था. वहीं 2008 में ही डेगलाल को प्राचार्य के पद से मुक्त किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि डेगलाल द्वारा गलत आरोप लगाया जा रहा है. मंत्री को भी बदनाम किया जा रहा है.
महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य सुरेंद्र कुमार ने कहा कि मंत्री सह महाविद्यालय के अध्यक्ष जगरनाथ महतो पर लगाया गया आरोप पूरी तरह गलत है. उन्होंने कहा कि यह राशि जैक व सरकार से जिले के ट्रेजरी में आती है. ट्रेजरी से अनुशंसा होकर महाविद्यालय के खाते में आता है. यहां सचिव के अध्यक्ष के हस्ताक्षर के बाद शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारियों के खाते में सीधा ट्रांसफर होता है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष जो रकम कॉलेज के खाते से पैसा कर्मियों के खाते में ट्रांसफर किया गया है.
2008 में ही प्राचार्य पद से मुक्त हुआ था डेगलाल
महाविद्यालय के कामेश्वर नारायण व अन्य कर्मियों ने कहा कि 2008 में इलाहाबाद बैंक में संचालित बैंक खाते से डेगलाल ने एकल हस्ताक्षर कर राशि की निकासी की थी. इसके बाद डेगलाल को प्राचार्य पद समेत सभी सेवाओं से हटा दिया गया है. इसके बाद से वे कॉलेज कैम्पस नहीं घुसे इसके बावजूद इस तरह का आरोप उनके द्वारा लगाया जा रहा है.
ठगी का आरोपी है डेगलाल
इधर इस मामले पर डेगलाल से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वे मिले नहीं. पता चला कि डेगलाल के खिलाफ डुमरी थाना में ठगी की प्राथमिकी दर्ज है. इस मामले में ही वे फरार हैं. इस कांड के अनुसंधानकर्ता जेना बलमुचू से संपर्क किया गया तो उन्होंने प्राथमिकी की पुष्टि की. यह भी बताया कि डेगलाल की खोज जारी है लेकिन वे क्षेत्र से फरार हैं.