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गिरिडीह में कोयला का उत्पादन जल्द होगा शुरू, सीसीएल ढोरी एरिया जीएम ने किया आश्वस्त - कोयला का उत्पादन ठप

गिरिडीह में कोयला का उत्पादन दो-तीन माह में शुरू होगा. गिरिडीह कोयलांचल के लोगों के दिन जल्द ही बेहतर हो सकते हैं. यहां पर पिछले चार साल से बंद कबरीबाद व एक वर्ष से बंद गिरिडीह माइंस से कोयला का उत्पादन (Coal production in Giridih) शुरू हो सकता है. इसका संकेत ढोरी के जीएम ने दिया है.

Coal production in Giridih will start in two-three months
गिरिडीह
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Published : Oct 6, 2022, 11:00 AM IST

गिरिडीहः पर्यावरण मंजूरी व कंसर्ट टू ऑपरेट (CTO) के अभाव में सीसीएल गिरिडीह परियोजना का दोनों माइंस बंद (Coal production in Giridih) हैं. चार साल से कबरीबाद तो 9 माह से ओपनकास्ट माइंस से कोयला उत्पादन नहीं हो रहा है. कोयला उत्पादन बंद रहने से स्थानीय लोगों की आर्थिक परेशानियां भी बढ़ गई हैं. लेकिन सीसीएल ढोरी एरिया जीएम ने गिरिडीह में कोयला का उत्पादन दो-तीन माह में शुरू होने का भरोसा दिया (Coal production will start in coming months) है.

इसे भी पढ़ें- आर्थिक अपराध को ले सख्त हुई पुलिस, माफियाओं की खंगाली जा रही है कुंडली

इन सबों के बीच पर्यावरण मंजूरी (Environmental Clearance) और सीटीओ (Consent to Operate) कैसे मिले इसे लेकर स्थानीय विधायक सुदिव्य कुमार के अलावा सीसीएल ढोरी एरिया के जीएम मनोज कुमार अग्रवाल, परियोजना पदाधिकारी एसके सिंह की टीम का प्रयास जारी है. अब इसपर जीएम मनोज कुमार अग्रवाल ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो गिरिडीह कोलियरी का कबरीबाद माइंस 2 से ढाई माह में (Coal mining closed) चालू हो जाएगा. इसके एक माह के बाद ओपेनकास्ट माइंस के भी चालू होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि संभवतः कबरीबाद में ढाई माह में उसी लगन वह गति से कोयला का उत्पादन होने लगेगा.

सीसीएल ढोरी एरिया के जीएम मनोज कुमार अग्रवाल
उन्होंने कहा कि गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के प्रयास से बहुत जल्द माइंस संचालन को लेकर जो अड़चने व बाधाएं हैं, उसे दूर कर लेंगे. गिरिडीह कोलियरी प्रतिवर्ष 150 करोड़ के घाटे में है. हमलोग कबरीबाद व ओपनकास्ट से 13 लाख टन कोयला उत्पादन की दिशा में कार्य कर रहे है. उम्मीद है कि सीटीओ मिलने के बाद इस साल गिरिडीह कोलियरी 4 से 5 लाख टन कोयला उत्पादन करने में सफल रहेगा. इससे जो घाटा होता है वह आधे पर आ जाएगा. अगले वित्तीय वर्ष में सबकुछ ठीक रहा तो हमलोग 13 लाख टन कोयला का उत्पादन करेंगे इससे घाटे की जगह कोलियरी प्रॉफिट में रहेगा.

अवैध उत्खनन पर रोकः उन्होंने कहा कि गिरिडीह कोलियरी के लिए सबसे बड़ा अभिशाप कोयला का अवैध खनन रहा है. 50 वर्ष से अधिक समय से यह अवैध धंधा जारी है. लेकिन हाल के डेढ़ दो वर्ष में सदर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में बेहतर काम हुआ और कोयला के अवैध खनन पर काफी हद तक विराम लगा है.

गिरिडीहः पर्यावरण मंजूरी व कंसर्ट टू ऑपरेट (CTO) के अभाव में सीसीएल गिरिडीह परियोजना का दोनों माइंस बंद (Coal production in Giridih) हैं. चार साल से कबरीबाद तो 9 माह से ओपनकास्ट माइंस से कोयला उत्पादन नहीं हो रहा है. कोयला उत्पादन बंद रहने से स्थानीय लोगों की आर्थिक परेशानियां भी बढ़ गई हैं. लेकिन सीसीएल ढोरी एरिया जीएम ने गिरिडीह में कोयला का उत्पादन दो-तीन माह में शुरू होने का भरोसा दिया (Coal production will start in coming months) है.

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इन सबों के बीच पर्यावरण मंजूरी (Environmental Clearance) और सीटीओ (Consent to Operate) कैसे मिले इसे लेकर स्थानीय विधायक सुदिव्य कुमार के अलावा सीसीएल ढोरी एरिया के जीएम मनोज कुमार अग्रवाल, परियोजना पदाधिकारी एसके सिंह की टीम का प्रयास जारी है. अब इसपर जीएम मनोज कुमार अग्रवाल ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो गिरिडीह कोलियरी का कबरीबाद माइंस 2 से ढाई माह में (Coal mining closed) चालू हो जाएगा. इसके एक माह के बाद ओपेनकास्ट माइंस के भी चालू होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि संभवतः कबरीबाद में ढाई माह में उसी लगन वह गति से कोयला का उत्पादन होने लगेगा.

सीसीएल ढोरी एरिया के जीएम मनोज कुमार अग्रवाल
उन्होंने कहा कि गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के प्रयास से बहुत जल्द माइंस संचालन को लेकर जो अड़चने व बाधाएं हैं, उसे दूर कर लेंगे. गिरिडीह कोलियरी प्रतिवर्ष 150 करोड़ के घाटे में है. हमलोग कबरीबाद व ओपनकास्ट से 13 लाख टन कोयला उत्पादन की दिशा में कार्य कर रहे है. उम्मीद है कि सीटीओ मिलने के बाद इस साल गिरिडीह कोलियरी 4 से 5 लाख टन कोयला उत्पादन करने में सफल रहेगा. इससे जो घाटा होता है वह आधे पर आ जाएगा. अगले वित्तीय वर्ष में सबकुछ ठीक रहा तो हमलोग 13 लाख टन कोयला का उत्पादन करेंगे इससे घाटे की जगह कोलियरी प्रॉफिट में रहेगा.

अवैध उत्खनन पर रोकः उन्होंने कहा कि गिरिडीह कोलियरी के लिए सबसे बड़ा अभिशाप कोयला का अवैध खनन रहा है. 50 वर्ष से अधिक समय से यह अवैध धंधा जारी है. लेकिन हाल के डेढ़ दो वर्ष में सदर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में बेहतर काम हुआ और कोयला के अवैध खनन पर काफी हद तक विराम लगा है.

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