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FDI के खिलाफ मजदूर यूनियन का बंद असरदार, कोयला उत्पादन प्रभावित

कोल इंडिया में एफडीआई के विरोध में हड़ताल के समर्थकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सरकार पर मजदूर विरोधी होने का भी आरोप लगाया गया. कहा गया कि एक सोची समझी साजिश के तहत मोदी सरकार कोयला सेक्टर में एफडीआई कर रही है. सरकार का यह फैसला जन विरोधी है.

FDI के खिलाफ मजदूर यूनियन का बंद
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Published : Sep 24, 2019, 12:20 PM IST

गिरिडीह: कोल इंडिया में 100 फीसदी एफडीआई के विरोध में हुई हड़ताल का गिरिडीह कोलियरी में व्यापक असर देखा गया. यहां के दोनों माइंस में कर्मी हड़ताल पर रहे, जिससे उत्पादन ठप रहा.

वीडियो में देखें पूरी खबर

मंगलवार सुबह से ही कई मजदूर यूनियन नेताओं का जमावड़ा कोलियरी के विभिन्न कार्यालयों और माइंस में जुटने लगा. हड़ताल के समर्थकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सरकार पर मजदूर विरोधी होने का भी आरोप लगाया गया. कहा गया कि एक सोची समझी साजिश के तहत मोदी सरकार कोयला सेक्टर में एफडीआई कर रही है. सरकार का यह फैसला जन विरोधी है.

ये भी पढ़ें- जमशेदपुरः फांसी लगाए युवक को मृत बताने पर अस्पताल में हंगामा, डॉक्टर और नर्स की कर दी पिटाई

इस दौरान कांग्रेस के पूर्व सांसद डॉ सरफराज अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार को जनता के हितों से कोई वास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी की सरकार ने कोलियरी का राष्ट्रीयकरण किया था. जिससे मजदूरों को काफी लाभ मिला. अब मोदी सरकार अपने फायदे के लिए 100 प्रतिशत एफडीआई कर रही है. भाकपा माले नेता राजेश यादव ने कहा कि इस सरकार को गरीब मजदूरों की चिंता नहीं है. वहीं, राजेश सिन्हा ने कहा कि एफडीआई के लिए भाजपा के साथ ही कांग्रेस भी जिम्मेदार है.

गिरिडीह: कोल इंडिया में 100 फीसदी एफडीआई के विरोध में हुई हड़ताल का गिरिडीह कोलियरी में व्यापक असर देखा गया. यहां के दोनों माइंस में कर्मी हड़ताल पर रहे, जिससे उत्पादन ठप रहा.

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मंगलवार सुबह से ही कई मजदूर यूनियन नेताओं का जमावड़ा कोलियरी के विभिन्न कार्यालयों और माइंस में जुटने लगा. हड़ताल के समर्थकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सरकार पर मजदूर विरोधी होने का भी आरोप लगाया गया. कहा गया कि एक सोची समझी साजिश के तहत मोदी सरकार कोयला सेक्टर में एफडीआई कर रही है. सरकार का यह फैसला जन विरोधी है.

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इस दौरान कांग्रेस के पूर्व सांसद डॉ सरफराज अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार को जनता के हितों से कोई वास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी की सरकार ने कोलियरी का राष्ट्रीयकरण किया था. जिससे मजदूरों को काफी लाभ मिला. अब मोदी सरकार अपने फायदे के लिए 100 प्रतिशत एफडीआई कर रही है. भाकपा माले नेता राजेश यादव ने कहा कि इस सरकार को गरीब मजदूरों की चिंता नहीं है. वहीं, राजेश सिन्हा ने कहा कि एफडीआई के लिए भाजपा के साथ ही कांग्रेस भी जिम्मेदार है.

Intro:गिरिडीह। कोल इंडिया में 100 प्रतिशत एफडीआई के विरोध में आहूत हड़ताल का गिरिडीह कोलियरी पर व्यापक असर देखा गया. यहां की दोनों माइंस में उत्पादन ठप्प रहा. कर्मी भी हड़ताल में शामिल रहे.Body:मंगलवार की सुबह से ही विभिन्न मजदूर यूनियन के नेताओं का जमावड़ा कोलियरी के विभिन्न कार्यालयों व माइंस में जुटने लगा. हड़ताल के समर्थकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सरकार पर मजदूर विरोधी होने का भी आरोप लगाया गया. कहा गया कि एक सोची समझी साजिश के तहत मोदी सरकार कोयला सेक्टर में एफडीआई कर रही है. सरकार का यह फैसला जन विरोधी है. इस दौरान कांग्रेस के पूर्व सांसद डॉ सरफराज अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार को जनता के हितों से कोई वास्ता नहीं है. कहा कि इंदिरा गांधी की सरकार ने कोलियरी का राष्ट्रीयकरण किया था जिससे मजदूरों को काफी लाभ मिला. अब मोदी सरकार अपने फायदे के लिए 100 प्रतिशत एफडीआई कर रही है.Conclusion:भाकपा माले नेता राजेश यादव ने कहा कि इस सरकार को गरीब मजदूरों की चिंता नहीं है. वहीं राजेश सिन्हा ने कहा कि एफडीआई के लिए भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस भी जिम्मेदार है.

बाइट 1: राजेश यादव, माले नेता
बाइट 2: डॉ सरफराज अहमद, पूर्व सांसद
बाइट 3: राजेश सिन्हा
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