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गिरिडीह में बाल मजदूरी के खिलाफ बच्चों ने आवाज की बुलंद, कहा- बाल मजदूरी उन्मूलन कानून को सख्ती से लागू कराए सरकार

गिरिडीह में स्वयंसेवी संस्था बनवासी विकास आश्रम और चाइल्ड लाइन बगोदर के सौजन्य से वैश्विक बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर बच्चों ने बाल मजदूरी प्रथा के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद किया. बच्चों ने मौके पर बाल मजदूरी का विरोध किया.

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Published : Jun 12, 2020, 9:04 PM IST

Children opposed child labor in Giridih
गिरिडीह में बच्चों ने बाल मजदूरी का किया विरोध

बगोदर, गिरिडीह: जिले में स्वयंसेवी संस्था बनवासी विकास आश्रम और चाइल्ड लाइन बगोदर के सौजन्य से वैश्विक बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर बच्चों ने बाल मजदूरी प्रथा के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद की. प्रखंड के तिरला में आयोजित उक्त कार्यक्रम में बच्चों को बाल श्रम की समस्या और उसके समाधान हेतु संस्था के द्वारा जागरूक किया गया. चाइल्ड लाइन के टीम लीडर विनय पाठक ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व बालश्रम निषेध दिवस पूरे विश्व मे बाल मजदूरी प्रथा के विरोध में मनाया जाता है.

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झारखंड सहित पूरे भारत में बाल मजदूरी बहुत बड़ी समस्या है. बच्चे भगवान का रूप होते हैं. फिर भी बच्चों से बाल मजदूरी कराया जाता है. गरीब बच्चे रोजी रोटी के लिए स्कूल न जाकर जोखिम भरे काम में लग जाते हैं. इससे बच्चो के अधिकार का हनन होता है. बच्चों को बताया कि पड़ोस का कोई बच्चा अगर पढ़ाई छोड़ बाल मजदूरी करता है तो तुरंत चाइल्ड लाइन निशुल्क फोन सेवा 1098 में फोन करना सुनिश्चित करें. ताकि कोई भी बच्चें शिक्षा से वंचित नहीं रह सकें. चाइल्ड लाइन टीम सदस्य अंजुम आरा ने कहा कि आज बाल मजदूरी हमारे समाज पर कलंक है. सरकार को बाल मजदूरी उन्मूलन कानून को सख्ती से लागू करना होगा.

बगोदर, गिरिडीह: जिले में स्वयंसेवी संस्था बनवासी विकास आश्रम और चाइल्ड लाइन बगोदर के सौजन्य से वैश्विक बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर बच्चों ने बाल मजदूरी प्रथा के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद की. प्रखंड के तिरला में आयोजित उक्त कार्यक्रम में बच्चों को बाल श्रम की समस्या और उसके समाधान हेतु संस्था के द्वारा जागरूक किया गया. चाइल्ड लाइन के टीम लीडर विनय पाठक ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व बालश्रम निषेध दिवस पूरे विश्व मे बाल मजदूरी प्रथा के विरोध में मनाया जाता है.

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झारखंड सहित पूरे भारत में बाल मजदूरी बहुत बड़ी समस्या है. बच्चे भगवान का रूप होते हैं. फिर भी बच्चों से बाल मजदूरी कराया जाता है. गरीब बच्चे रोजी रोटी के लिए स्कूल न जाकर जोखिम भरे काम में लग जाते हैं. इससे बच्चो के अधिकार का हनन होता है. बच्चों को बताया कि पड़ोस का कोई बच्चा अगर पढ़ाई छोड़ बाल मजदूरी करता है तो तुरंत चाइल्ड लाइन निशुल्क फोन सेवा 1098 में फोन करना सुनिश्चित करें. ताकि कोई भी बच्चें शिक्षा से वंचित नहीं रह सकें. चाइल्ड लाइन टीम सदस्य अंजुम आरा ने कहा कि आज बाल मजदूरी हमारे समाज पर कलंक है. सरकार को बाल मजदूरी उन्मूलन कानून को सख्ती से लागू करना होगा.

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