बगोदर, गिरिडीह: बगोदर बीडीओ रवींद्र कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को बगोदर सभागार में बैठक हुई. बैठक में प्रखंड कार्यालय के तमाम कर्मचारियों के साथ झारखंड राज्य आजिविका मिशन के बीपीओ भी उपस्थित थे. बैठक में बीडीओ रवींद्र कुमार ने विकास योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर कर्मचारियों को कई प्रकार के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
बैठक में अधिकाधिक प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने पर जोर दिया गया. इसके अलावा राजस्व गांवों में मनरेगा के तहत विकास की पांच योजनाओं का चयन और क्रियान्वयन करने, मनरेगा अंतर्गत बिरसा हरित आम ग्राम आम बागवानी योजना, नीलांबर- पीतांबर जल समृद्धि योजना का क्रियान्वयन करने के साथ पीएम आवास योजना को समय पर पूरा करने का निर्णय लिया गया.
क्या है नीलांबर- पीतांबर जल समृद्धि योजना
झारखंड में जल संचय बहुत जरूरी है, ताकि बहुफसलीय खेती की जा सके. पौधारोपण पूर्व से ही होता रहा है लेकिन अब पौधरोपण कर आर्थिक लाभ लोगों को पहुंचाना है. इसी के तहत इस योजना से जल संरक्षण के विभिन्न संरचनाओं का निर्माण होगा. राज्य की वार्षिक जल संरक्षण क्षमता में पांच लाख करोड़ लीटर की वृद्धि इस योजना के माध्यम से होगी. बंजर भूमि को खेती योग्य बनाने के लिए पांच लाख एकड़ बंजर भूमि का संवर्धन होगा. इससे मनरेगा के तहत 10 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया जायेगा.
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क्या है पीएम आवास योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना भारत में सरकार द्वारा शुरू की गई स्कीम है, जिसका उद्देश्य कमजोर आय वर्ग के लोगों को शहरी और ग्रामीण इलाकों में सस्ते घर उपलब्ध करवाना है. यह योजना 25 जून, 2015 को शुरू की गई थी और 31 मार्च, 2022 तक इसके तहत 2 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस प्रमुख योजना के अंतर्गत पहली बार घर खरीदने वालों को CLSS या क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दी जाती है. यानी घर खरीदने के लिए होम लोन पर ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाती है. यह सब्सिडी अधिकतम 2.67 लाख रुपये तक हो सकती है. यह केंद्र सरकार द्वारा स्पांसर्ड स्कीम है.
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क्या है बिरसा हरित आम ग्राम आम बागवानी योजना
इस योजना का उद्देश्य वनीकरण के लिए दो लाख एकड़ से अधिक अप्रयुक्त सरकारी परती भूमि का उपयोग करना है. इसके तहत लगभग पांच लाख परिवारों को 100 फल देने वाले पौधे दिये जाएंगे और इनके वृक्षारोपण, रखरखाव, भूमि कार्य एवं वनीकरण कार्य की ज़िम्मेदारी उन ग्रामीण परिवारों के पास होगी जबकि भूमि का स्वामित्त्व सरकार के पास रहेगा. इस योजना के तहत अगले कुछ महीनों में पांच करोड़ से अधिक फल देने वाले पौधे लगाए जाने की उम्मीद जताई गई है. इस योजना से प्रत्येक परिवार को तीन वर्ष के बाद इन पौधों से लगभग 50,000 रुपये की वार्षिक आय प्राप्त होने का अनुमान लगाया गया है.