गिरिडीह: जिले के सरिया प्रखंड का बकराडीह एक ऐसा गांव हैं, जहां बहुत कम लोग बाहर कमाने के लिए जाते हैं. इस गांव की आबादी एक हजार के करीब है. इस गांव की विशेषता यह है कि यहां के खेतों में सालों भर हरियाली छाई रहती है. ग्रामीणों के जीविकोपार्जन का मुख्य पेशा कृषि है. इसे लेकर कृषि विभाग किसानों को प्रेरित भी करता है.
कई तरह की फसलों की होती है खेती
यहां उपजाए जाने वाले मुख्य फसलों में गेहूं, धान, मकई, आलू, गोभी, मटर, बैगन, टमाटर, मिर्ची, चना और सरसों शामिल हैं. किसानों को कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कृषि विभाग की ओर से ग्रामीणों को प्रेरित भी किया जाता है. विभाग की ओर से किसानों को बीज और खाद भी उपलब्ध कराए जाते हैं. यहां की लगभग 50 एकड़ भूमि पर हमेशा हरियाली रहती है. एक फसल समाप्त होते ही दूसरे फसल लगा दिए जाते हैं.
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कृषि पर निर्भर लोग
गांव के किनारे से गुजरती नदी और कुआं के पानी से फसलों की सिंचाई की जाती है. तैयार फसलों को लोकल बाजारों में बेचा जाता है. बताया जाता है कि यहां के सभी परिवार कृषि कार्य में दिलचस्पी रखते हैं. इसके लिए जानवरों पर ग्रामीणों का नियंत्रण रहता है. जानवरों को बांध कर रखा जाता है. जानवरों की ओर से फसलों को नुकसान पहुंचाए जाने पर हर्जाना वसूला जाता है. बताया जाता है कि रोजगार की तलाश में इक्का-दुक्का लोग ही इस गांव से पलायन करते हैं. लोग कृषि पर ही निर्भर हैं और इससे उनका परवरिश भी बढ़िया से हो जाता है.