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हर्षोल्लास से मनाया गया बैसाखी पर्व, गुरुद्वारा में विशेष कार्यक्रम का आयोजन, अमृत छकने वाले तीन बच्चे सम्मानित

गिरिडीह में हर्षोल्लास के साथ बैसाखी पर्व मनाया गया. इस दौरान विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ तो अमृत छकने वाले तीन बच्चों को प्रधान सेवक ने सम्मानित भी किया.

baisakhi celebrated in giridih
हर्षोल्लास से मनाया गया बैसाखी पर्व
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Published : Apr 14, 2022, 10:00 AM IST

Updated : Apr 14, 2022, 2:32 PM IST

गिरिडीहः जिले में बैसाखी की धूम रही. सिख समुदाय ने बैसाखी पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया. स्टेशन रोड स्थित गुरुद्वारा में एक विशेष दीवान भी सजा. यहां पंजाब के पटियाला से आए भाई जसकरण सिंह और उनके जत्थे के द्वारा गुरू कीर्तन, गुरुवाणी सुनाई गई. कहा कि सिखों की पग की एक अलग पहचान है. सिखों को अपने धर्म को नहीं भूलना चाहिए और अपने धर्म का पालन बखूबी करना चाहिए.

उन्होंने ' अमृत पीवै अमर सो हाए, जो तिस भावै नानका साईं गल चंगी समेत कई कीर्तन प्रस्तुत किए. समाज के गुणवंत सिंह मोंगिया ने बताया कि बैसाखी के दिन ही सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह ने 1699 ई. में बैसाखी के दिन पंजाब के आनंदपुर साहिब में पंजप्यारों के शीश मांगकर खालसा पंथ की स्थापना की. उन्होंने बताया कि गुरु गोविंद सिंह ने लोगों को जुल्म के खिलाफ लड़ने, मजलूमों और कमजोरों की रक्षा करने की सीख दी. उन्होंने कहा कि बड़े ही धूमधाम से हमलोग वैशाखी पर्व मना रहे हैं.

देखें पूरी खबर
इस दौरान गुरूद्वारे में धनबाद से अमृत छक कर आए गिरिडीह के तीन बच्चों को गुरूद्वारा के प्रधान सेवक डाॅ गुणवंत सिंह मोंगिया के द्वारा सम्मानित किया गया. उसके बाद लंगर का भी आयोजन किया गया. इस मौके पर सचिव नरेंद्र सिंह सलूजा उर्फ सम्मी, परमजीत सिंह कालू, जिम्मी खालसा, चरणजीत सिंह सलूजा, देवेन्द्र सिंह, हरमिंदर सिंह बग्गा, रोमल सिंह, ऋषि चावला, राजू चावला, तरणजीत सिंह सलूजा, कुंवरजीत सिंह, संदीप सिंह, राजेंद्र सिंह बग्गा समेत सिख समाज के अलावा अन्य समुदाय के लोग भी मौजूद थे.

गिरिडीहः जिले में बैसाखी की धूम रही. सिख समुदाय ने बैसाखी पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया. स्टेशन रोड स्थित गुरुद्वारा में एक विशेष दीवान भी सजा. यहां पंजाब के पटियाला से आए भाई जसकरण सिंह और उनके जत्थे के द्वारा गुरू कीर्तन, गुरुवाणी सुनाई गई. कहा कि सिखों की पग की एक अलग पहचान है. सिखों को अपने धर्म को नहीं भूलना चाहिए और अपने धर्म का पालन बखूबी करना चाहिए.

उन्होंने ' अमृत पीवै अमर सो हाए, जो तिस भावै नानका साईं गल चंगी समेत कई कीर्तन प्रस्तुत किए. समाज के गुणवंत सिंह मोंगिया ने बताया कि बैसाखी के दिन ही सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह ने 1699 ई. में बैसाखी के दिन पंजाब के आनंदपुर साहिब में पंजप्यारों के शीश मांगकर खालसा पंथ की स्थापना की. उन्होंने बताया कि गुरु गोविंद सिंह ने लोगों को जुल्म के खिलाफ लड़ने, मजलूमों और कमजोरों की रक्षा करने की सीख दी. उन्होंने कहा कि बड़े ही धूमधाम से हमलोग वैशाखी पर्व मना रहे हैं.

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इस दौरान गुरूद्वारे में धनबाद से अमृत छक कर आए गिरिडीह के तीन बच्चों को गुरूद्वारा के प्रधान सेवक डाॅ गुणवंत सिंह मोंगिया के द्वारा सम्मानित किया गया. उसके बाद लंगर का भी आयोजन किया गया. इस मौके पर सचिव नरेंद्र सिंह सलूजा उर्फ सम्मी, परमजीत सिंह कालू, जिम्मी खालसा, चरणजीत सिंह सलूजा, देवेन्द्र सिंह, हरमिंदर सिंह बग्गा, रोमल सिंह, ऋषि चावला, राजू चावला, तरणजीत सिंह सलूजा, कुंवरजीत सिंह, संदीप सिंह, राजेंद्र सिंह बग्गा समेत सिख समाज के अलावा अन्य समुदाय के लोग भी मौजूद थे.
Last Updated : Apr 14, 2022, 2:32 PM IST
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