ETV Bharat / state

Encroachment Of Government Drain: सरकारी नाले पर कब्जे का प्रयास, जांच के दायरे में जैन संस्था - giridih news

जैन धर्म के तीर्थस्थल मधुबन में जमीन की हेराफेरी का मामला लगातार सामने आ रहा है. इस बार सरकारी नाले पर अतिक्रमण व उसमें छेड़छाड़ की शिकायत पर जिला प्रशासन रेस हुआ है और अब जांच शुरू की गई है.

Attempt to encroach on government drain in Giridih
सरकारी नाले का अतिक्रमण
author img

By

Published : Mar 6, 2023, 5:10 PM IST

Updated : Mar 6, 2023, 5:30 PM IST

देखें वीडियो

गिरिडीहः सरकारी नाला, नदी, तालाब का अतिक्रमण नहीं हो इसे लेकर समय समय पर सरकार के स्तर से निर्देश जारी होता है. इसके बावजूद इस तरह की करतूत कुछ लोग करते हैं. ताजा मामला जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन से जुड़ा है. यहां पर एक नाले के स्वरूप को बदलने का प्रयास किया गया है. नाले के ऊपर बगैर सरकारी अनुमति के एक पुलिया बना दी गई है. इसकी शिकायत लोगों ने पीरटांड़ अंचल से की है. जिसके बाद अंचलाधिकारी ने जैन संस्था सम्मेदाचल को नोटिस भेजा है. इस नोटिस की पुष्टि अंचलाधिकारी विनय प्रकाश तिग्गा ने की है.

ये भी पढ़ेंः Sahiya protest In Holi in Giridih: चारों ओर होली की खुमारी, सहियाओं को धरना देने की लाचारी!

क्या कहते हैं अंचलाधिकारीः अंचलाधिकारी कहते हैं कि उन्हें शिकायत मिली थी कि सम्मेदाचल संस्था द्वारा जेसीबी चलाकर सरकारी नाले के स्वरूप को बदला जा रहा है. इस शिकायत के बाद संस्था को नोटिस किया गया कि इस तरह का कृत्य करने पर अतिक्रमण की कार्रवाई होगी. कहा कि अब नाले पर ब्रिज बनाने की शिकायत मिली है. ब्रिज बगैर अनुमति के बनाया गया है इस पर कार्रवाई होगी.

सरकारी भूमि पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहींः अपर समाहर्ता विलक्षण भेंगरा ने कहा कि सरकारी भूमि, नाला का अतिक्रमण होने की सूचना पर अविलंब कार्रवाई करने का निर्देश सभी अंचलाधिकारी को दिया गया है. नाला का स्वरूप भी कोई बदलने का प्रयास करता है तो उसपर कार्रवाई होगी. मधुबन में यदि इस तरह की करतूत हुई है तो नियम संगत कार्रवाई होगी.

संस्था का तर्कः इधर इस मामले पर संस्था के सुभाष जैन कहते हैं कि गुणायतन और सम्मेदाचल के बीच नाला पर अस्थायी पुलिया का निर्माण हुआ है. यह सब दोनों मंदिर के आने जाने के लिए किया गया है. वैसे संस्था का मानना है कि इतने बड़े जैन तीर्थस्थल में बह रहे गंदा नाला का जीर्णोद्धार होना चाहिये. इसके लिए संस्था के द्वारा एसडीएम को पत्र लिखा गया है.

जमीन को लेकर हो रहा है विवादः यहां बता दें कि जैन तीर्थस्थल मधुबन में जमीन को लेकर विवाद वर्षों से चला आ रहा है. यहां सार्वजनिक सड़क पर निर्माण, गैरमजरूआ भूमि पर निर्माण, बगैर अनुमति के पेड़ों की कटाई करने के बाद निर्माण, भूदान पर मिली जमीन पर बने इंदिरा आवास को तोड़कर उसपर निर्माण जैसी शिकायत आये दिन सामने आती रहती है. इसी तरह की शिकायत पर तीन वर्ष पूर्व जांच करने रांची से अधिकारी आये. जांच सरकारी भूमि पर निर्माण को लेकर था लेकिन बाद में जांच ही शिथिल पड़ गई.

देखें वीडियो

गिरिडीहः सरकारी नाला, नदी, तालाब का अतिक्रमण नहीं हो इसे लेकर समय समय पर सरकार के स्तर से निर्देश जारी होता है. इसके बावजूद इस तरह की करतूत कुछ लोग करते हैं. ताजा मामला जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन से जुड़ा है. यहां पर एक नाले के स्वरूप को बदलने का प्रयास किया गया है. नाले के ऊपर बगैर सरकारी अनुमति के एक पुलिया बना दी गई है. इसकी शिकायत लोगों ने पीरटांड़ अंचल से की है. जिसके बाद अंचलाधिकारी ने जैन संस्था सम्मेदाचल को नोटिस भेजा है. इस नोटिस की पुष्टि अंचलाधिकारी विनय प्रकाश तिग्गा ने की है.

ये भी पढ़ेंः Sahiya protest In Holi in Giridih: चारों ओर होली की खुमारी, सहियाओं को धरना देने की लाचारी!

क्या कहते हैं अंचलाधिकारीः अंचलाधिकारी कहते हैं कि उन्हें शिकायत मिली थी कि सम्मेदाचल संस्था द्वारा जेसीबी चलाकर सरकारी नाले के स्वरूप को बदला जा रहा है. इस शिकायत के बाद संस्था को नोटिस किया गया कि इस तरह का कृत्य करने पर अतिक्रमण की कार्रवाई होगी. कहा कि अब नाले पर ब्रिज बनाने की शिकायत मिली है. ब्रिज बगैर अनुमति के बनाया गया है इस पर कार्रवाई होगी.

सरकारी भूमि पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहींः अपर समाहर्ता विलक्षण भेंगरा ने कहा कि सरकारी भूमि, नाला का अतिक्रमण होने की सूचना पर अविलंब कार्रवाई करने का निर्देश सभी अंचलाधिकारी को दिया गया है. नाला का स्वरूप भी कोई बदलने का प्रयास करता है तो उसपर कार्रवाई होगी. मधुबन में यदि इस तरह की करतूत हुई है तो नियम संगत कार्रवाई होगी.

संस्था का तर्कः इधर इस मामले पर संस्था के सुभाष जैन कहते हैं कि गुणायतन और सम्मेदाचल के बीच नाला पर अस्थायी पुलिया का निर्माण हुआ है. यह सब दोनों मंदिर के आने जाने के लिए किया गया है. वैसे संस्था का मानना है कि इतने बड़े जैन तीर्थस्थल में बह रहे गंदा नाला का जीर्णोद्धार होना चाहिये. इसके लिए संस्था के द्वारा एसडीएम को पत्र लिखा गया है.

जमीन को लेकर हो रहा है विवादः यहां बता दें कि जैन तीर्थस्थल मधुबन में जमीन को लेकर विवाद वर्षों से चला आ रहा है. यहां सार्वजनिक सड़क पर निर्माण, गैरमजरूआ भूमि पर निर्माण, बगैर अनुमति के पेड़ों की कटाई करने के बाद निर्माण, भूदान पर मिली जमीन पर बने इंदिरा आवास को तोड़कर उसपर निर्माण जैसी शिकायत आये दिन सामने आती रहती है. इसी तरह की शिकायत पर तीन वर्ष पूर्व जांच करने रांची से अधिकारी आये. जांच सरकारी भूमि पर निर्माण को लेकर था लेकिन बाद में जांच ही शिथिल पड़ गई.

Last Updated : Mar 6, 2023, 5:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.