जमुआ, गिरिडीह: मनरेगा सामग्री मद की राशि के भुगतान में मनमानी के आरोप में देवरी प्रखंड मुख्यालय परिसर में शुक्रवार को हंगामा हो गया. लोगों ने कंप्यूटर ऑपरेटर शंभु गिरी और मजीद अंसारी को हटाने की मांग की. देवरी प्रखंड मुख्यालय परिसर में लगभग आधा घंटा तक हंगामा चलता रहा.
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को सामग्री मद की राशि आवंटित की गई. जिसमें योजनाओं में राशि भुगतान करवाने को लेकर देवरी प्रखंड के विभिन्न पंचायत के मुखिया, पंचायत सचिव और रोजगार सेवक देवरी प्रखंड मुख्यालय परिसर में डटे हुए थे. योजनाओं के लिए राशि क्रेडिट करवाने को लेकर संबंधित कंप्यूटर ऑपरेटर मुखिया और पंचायत सचिव के डोंगल से योजनाओं में मेटेरियल मद की राशि क्रेडिट करने में जुट गए.
मनरेगा सामग्री के लिए आवंटित राशि खत्म
मनरेगा सामग्री के लिए आवंटित राशि खत्म हो जाने के बाद जिन पंचायत के योजनाओं के लए राशि क्रेडिट नहीं की गई. वहां के पंचायत प्रतिनिधी और लाभुक ने विरोध करना शुरू कर दिया. इस दौरान देवरी प्रखंड मुख्यालय परिसर में लगभग आधा घंटा तक हंगामा चलता रहा.
धरना पर बैठ गए पंचायत समिति सदस्य
सामग्री मद की राशि भुगतान के मनमानी के आरोप में परसाटांड़ पंचायत के पंचायत समिति सदस्य रउफ अंसारी, देवरी प्रखंड मुख्यालय के समक्ष धरना पर बैठ गए. धरना पर बैठे पंसस रउफ अंसारी और लाभुक महबुल अंसारी, मुख्तार अंसारी का कहना था कि पंचायत में मनरेगा योजना से सिंचाई कूप और पशु शेड निर्माण को लेकर राशि भुगतान करवाने का आग्रह किया गया. लेकिन राशि भूगतान नहीं किया गया. सदस्य द्वारा पंचायत के मुखिया पर मनमानी करने का आरोप लगा रहे थे.
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रिश्वत लेकर भेजी जाती है राशि
राजद नेता संगम यादव ने कंप्यूटर ऑपरेटर के विरुद्ध राशि भुगतान में मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कंप्यूटर ऑपरेटर रिश्वत लेकर योजनाओं में राशि भुगतान करने का कार्य करता है.
मनमानी किया जाना गलत: झामुमो नेता
झामुमो नेता किशोर वर्मा ने कहा कि मनमानी कर राशि भुगतान किया जाना गलत है. अधिकांश पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव कंप्यूटर चलाना नहीं जानते हैं, जिसका फायदा उठाकर कंप्यूटर ऑपरेटर मनमानी तरीके से पंचायतों में योजनाओं में राशि भुगतान कर दे रहा. मनमानी रवैया अपनाकर राशि भुगतान किया जाना गलत है.
कंप्यूटर ऑपरेटर ने आरोपों को बताया गलत
वहीं, कंप्यूटर ऑपरेटर मजीद अंसारी ने आरोपों को गलत बताया है और कहा कि महज दो से चार मिनट के लिए राशि भेजी जाती है. योजनाओं में जल्दबाजी में राशि भुगतान का दवाब रहता है.