गिरिडीहः जिला में जमीन पर रार हो गया है. जमीन को लेकर भाजपा व झामुमो आमने सामने है. यहां बाबूलाल मरांडी के करीबी भाजपा नेता ने स्थानीय झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार पर भू माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया है. इस जमीन को लेकर बीजेपी और जेएमएम में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
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भाजपा नेता सुरेश साव ने विधायक सुदिव्य कुमार की रिसोर्ट उत्सव उपवन की जमीन को जंगल की जमीन बताया है. सुरेश ने न्यायालय के आदेश का हवाला देकर यहां तक कहा है कि रिसोर्ट समेत विधायक के नाम पर जिस 25 एकड़ जमीन की जमाबंदी कायम है, उसकी जांच करने का आदेश हजारीबाग कमिश्नर को मिला है साथ ही जमाबंदी को रद्द करने को कहा गया है. बताया कि सुरेश गुप्ता ने इस मामले के पीआईएल दाखिल किया था. 27 मार्च को उच्च न्यायालय का फैसला आया और हरसिंगरायडीह मौजा स्थित इस जमीन की जांच करने का आदेश देते हुए गलत जमाबंदी को रद्द करने का आदेश दिया. सुरेश साव ने यहां तक कहा कि वह दिन दूर नहीं जब झारखंड के बुलडोजर बाबू का जोर रहेगा.
क्या है बीजेपी का आरोप: भाजपा केंद्रीय कार्य समिति सदस्य सुरेश साव ने आरोप लगाया कि गिरिडीह में भू माफिया, सफेदपोश और उद्योगपतियों के सांठगांठ से जमीन की लूट मची है. पिछले दिनों पचम्बा बस डिपो की जमीन को यहां के विधायक के संरक्षण में जबरन घेराबंदी की गई, वह भी अधिकारियों की मौजूदगी में जबकि यह मामला न्यायालय में है. इस मामले में उद्योगपति गुणवंत सिंह द्वारा सुरेश गुप्ता उर्फ लोहा सिंह पर फर्जी मुकदमा कर दिया जिस मुकदमा को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया. सुरेश साव ने कहा कि इसी तरह डांडीडीह में दलित गोविंद दास को प्रताड़ित किया गया, बोडो निवासी हेमलाल साव भी भू माफिया से परेशान हैं. लोहपिट्टी के डीलचंद साव, शहर के बेवकूफ होटल के मालिक किरण भदानी भी माफियाओं से परेशान हैं.
मुद्दा विहीन भाजपा लगा रही है अर्नगल आरोप- जेएमएम: दूसरी तरफ झामुमो ने भाजपा नेता के इन आरोपों न सिर्फ गलत बताया बल्कि इसे अदालत की अवमानना करार दिया है. झामुमो के जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने इस विषय पर प्रेस वार्ता की है और विधायक के जमीन से जुड़े कई दस्तावेज भी मीडिया के समक्ष दिखाए. ये भी कहा कि विधायक का उत्सव उपवन रिसोर्ट वन भूमि नहीं है. यह भूमि प्रतिबंधित सूची से भी मुक्त है. साथ ही कहा कि अदालत ने याचिकाकर्ता को 15 दिनों का समय दिया है और हजारीबाग आयुक्त के सामने अपील करने का अवसर दिया है न कि विधायक की जमीन की जमाबंदी रद्द करने को कहा है. झामुमो जिलाध्यक्ष ने यहां तक कहा कि जरूरत पड़ने पर मानहानि का मुकदमा भी भाजपा नेता पर किया जाएगा.
109 वर्ष से है जमाबंदी- झामुमो: झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने जो दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं और कहा कि विधायक का रिसोर्ट वन भूमि नहीं है. जमींदारी उन्मूलन के पूर्व ही वर्ष 1914 में विधायक के दादा हरिलाल मिस्त्री ने निबंधित दस्तावेज से उक्त जमीन की खरीदी की थी. जमीन हासिल होने के बाद जमींदारी रसीद, जमींदारी उन्मूलन के बाद सरकारी लगान रसीद भी निर्गत हो रहा है. जेएमएम ने कहा कि 1914 से पहले ही जमीन की प्रकृति चेंज होकर खेत व टांड हो गया था.
इसके बाद जिला दंडाधिकारी के न्यायालय उत्सव उपवन की 3.51 एकड़ भूमि को प्रतिबंधित सूची से मुक्त कर दिया. उन्होंने कहा कि रही पचम्बा बस डिपो समेत अन्य जमीन की बात तो उसकी घेराबंदी का इससे जेएमएम का विधायक सुदिव्य का कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि सुरेश गुप्ता द्वारा दायर किये गए रिट याचिका में दिए गए हाई कोर्ट के आदेश के तथ्यों को भी भाजपा नेता ने गलत तरीके से लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया है. कहा कि वन विभाग भी सूचना अधिकार में यह बता चुका है कि हरसिंगरायडीह में अधिसूचित वन भूमि नहीं है. झामुमो जिलाध्यक्ष ने कहा कि वे इस संदर्भ में कानूनविदों से राय ले रहे हैं और जरूरत पड़ने पर भाजपा नेता के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जाएगा.