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गिरिडीह में 3 साइबर अपराधी गिरफ्तार, ठगी के पैसे से कर रहे थे बिजनेस

गिरिडीह पुलिस को साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. इस बार पुलिस ने तीन ऐसे अपराधी को पकड़ा है, जो लोगों की गाढ़ी कमाई लूटने के बाद उस पैसे का उपयोग व्यवसाय को सुदृढ करने मे लगा रहे थे.

गिरिडाह में 3 साइबर अपराधी गिरफ्तार
3 cyber criminals arrested in Giridah
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Published : Aug 9, 2020, 9:58 PM IST

गिरिडीह: साइबर अपराधियों के खिलाफ जिला पुलिस को कामयाबी हाथ लगी है. इस बार पुलिस ने तीन ऐसे अपराधी को पकड़ा है, जो लोगों की गाढ़ी कमाई लूटने के बाद उस पैसे का उपयोग व्यवसाय को सुदृढ करने में लगा रहे थे.

डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी का बयान

ठगी के पैसों का व्यापार में कर रहे थे इस्तेमाल

गिरिडाह में साइबर थाना पुलिस के हत्थे इस बार दो सगे भाई समेत तीन ऐसे अपराधी चढ़े हैं, जो आम लोगों को ठगने के बाद इस रकम का उपयोग खुद के व्यवसाय को विस्तार करने में कर रहे थे. तीनों आरोपियों को पुलिस ने डुमरी थाना क्षेत्र के जीतकुंडी गांव से साइबर ठगी करने के दौरान गिरफ्तार किया है. यह सफलता डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी और थाना के एसआई ध्रुव कुमार की टीम को मिली है. गिरफ्तार तीनों आरोपी जीतकुंडी गांव निवासी अनिल मंडल, जागेश्वर मंडल और अशोक मंडल है. अनिल और जागेश्वर सगे भाई हैं और दोनों साइबर अपराध से कमाए पैसों से पेवर्स ब्लाॅक की फैक्ट्री लगाने में जुटे थे, जबकि तीसरा आरोपी अशोक मंडल साइबर अपराध के कमाए पैसे से डुमरी में मोबाइल फोन बेचने का व्यवसाय कर रहा था.

ये भी पढ़ें-आंध्र प्रदेश : विजयवाड़ा के कोविड केयर सेंटर में भीषण आग, दस की मौत

लिंक भेजकर करते थे ठगी

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने अशोक मंडल के पास से 22 मोबाइल बरामद किया है, साथ ही अशोक के घर से दो चार पहिया वाहन बरामद किया. छापेमारी के दौरान तीनों अपराधियों के पास से साइबर अपराध में इस्तेमाल किए गए पांच मोबाइल, छह सीम कार्ड, 23 चेकबुक और पासबुक, ई- POS मशीन के अलावा एक लाख 18 हजार रुपए नगद भी जब्त किया गया है. इसकी जानकारी रविवार को प्रेसवार्ता में डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी ने दी. संदीप ने बताया कि तीनों युवक काफी शातिर हैं और खाताधारकों के मोबाइल में कोटेक, महिंद्रा, पेटीएम समेत विभिन्न कम्पनियों का फर्जी बल्क मैसेज और लिंक भेजते हैं. खाताधारकों के नंबर में भेजे गए मैसेज और लिंक में शॉर्टकट तरीके से पैसे कमाने से जुड़ी बातों का जिक्र रहता था.

पुछताछ में बताया तीन कंपनी का नाम

डीएसपी ने बताया कि तीनों अपराधियों ने पूछताछ में इन तीनों कंपनियों के दिल्ली-मुंबई के कर्मियों का नाम भी कबूला है. जो इन अपराधियों को ठगी में सहयोग किया करते थे. अब उन कर्मियों की पहचान की जा रही है. डीएसपी ने बताया कि अनिल और जागेशवर पिछले कई सालों से साइबर अपराध में लिप्त हैं. इन लोगों ने काफी पैसा ठगा है और अभी पेवर्स ब्लॉक की फैक्ट्री लगाने वाले थे. करीब 25 लाख का मशीन भी दोनों ने मंगाया है. जिस जमीन पर प्लांट लगाना था. वहां शेड का निर्माण भी इनकी ओर से किया जा चुका है.

गिरिडीह: साइबर अपराधियों के खिलाफ जिला पुलिस को कामयाबी हाथ लगी है. इस बार पुलिस ने तीन ऐसे अपराधी को पकड़ा है, जो लोगों की गाढ़ी कमाई लूटने के बाद उस पैसे का उपयोग व्यवसाय को सुदृढ करने में लगा रहे थे.

डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी का बयान

ठगी के पैसों का व्यापार में कर रहे थे इस्तेमाल

गिरिडाह में साइबर थाना पुलिस के हत्थे इस बार दो सगे भाई समेत तीन ऐसे अपराधी चढ़े हैं, जो आम लोगों को ठगने के बाद इस रकम का उपयोग खुद के व्यवसाय को विस्तार करने में कर रहे थे. तीनों आरोपियों को पुलिस ने डुमरी थाना क्षेत्र के जीतकुंडी गांव से साइबर ठगी करने के दौरान गिरफ्तार किया है. यह सफलता डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी और थाना के एसआई ध्रुव कुमार की टीम को मिली है. गिरफ्तार तीनों आरोपी जीतकुंडी गांव निवासी अनिल मंडल, जागेश्वर मंडल और अशोक मंडल है. अनिल और जागेश्वर सगे भाई हैं और दोनों साइबर अपराध से कमाए पैसों से पेवर्स ब्लाॅक की फैक्ट्री लगाने में जुटे थे, जबकि तीसरा आरोपी अशोक मंडल साइबर अपराध के कमाए पैसे से डुमरी में मोबाइल फोन बेचने का व्यवसाय कर रहा था.

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लिंक भेजकर करते थे ठगी

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने अशोक मंडल के पास से 22 मोबाइल बरामद किया है, साथ ही अशोक के घर से दो चार पहिया वाहन बरामद किया. छापेमारी के दौरान तीनों अपराधियों के पास से साइबर अपराध में इस्तेमाल किए गए पांच मोबाइल, छह सीम कार्ड, 23 चेकबुक और पासबुक, ई- POS मशीन के अलावा एक लाख 18 हजार रुपए नगद भी जब्त किया गया है. इसकी जानकारी रविवार को प्रेसवार्ता में डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी ने दी. संदीप ने बताया कि तीनों युवक काफी शातिर हैं और खाताधारकों के मोबाइल में कोटेक, महिंद्रा, पेटीएम समेत विभिन्न कम्पनियों का फर्जी बल्क मैसेज और लिंक भेजते हैं. खाताधारकों के नंबर में भेजे गए मैसेज और लिंक में शॉर्टकट तरीके से पैसे कमाने से जुड़ी बातों का जिक्र रहता था.

पुछताछ में बताया तीन कंपनी का नाम

डीएसपी ने बताया कि तीनों अपराधियों ने पूछताछ में इन तीनों कंपनियों के दिल्ली-मुंबई के कर्मियों का नाम भी कबूला है. जो इन अपराधियों को ठगी में सहयोग किया करते थे. अब उन कर्मियों की पहचान की जा रही है. डीएसपी ने बताया कि अनिल और जागेशवर पिछले कई सालों से साइबर अपराध में लिप्त हैं. इन लोगों ने काफी पैसा ठगा है और अभी पेवर्स ब्लॉक की फैक्ट्री लगाने वाले थे. करीब 25 लाख का मशीन भी दोनों ने मंगाया है. जिस जमीन पर प्लांट लगाना था. वहां शेड का निर्माण भी इनकी ओर से किया जा चुका है.

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