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गौशाला मेला का 125वां साल, तैयारी पूरी, मौत का कुआं जैसे खतरनाक खेलों पर प्रतिबंध

छठ के बाद गिरिडीह में गोपाष्टमी मेला (Gaushala Mela in Giridih) की शुरुआत होती है. कोरोना के बाद इस साल मेला का भव्य आयोजन हो रहा है. हालांकि, इस सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है. प्रशासन ने खतरनाक खेल पर रोक लगा दी है.

Gaushala Mela in Giridih
Gaushala Mela in Giridih
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Published : Oct 30, 2022, 3:45 PM IST

गिरिडीह: पचंबा के गोपाल गौशाला में लगनेवाला गोपाष्टमी मेला 125 साल का हो गया (125th year of Gaushala Mela). सवा सौ साल के हो चुके इस मेले का आयोजन इस बार काफी भव्य तरीके से किया जा रहा है. इस बार मेला में लोगों के मनोरंजन के कई साधन की व्यवस्था की गई है. इन सबों के बीच मेला में खतरनाक खेल पर रोक लगा दिया गया है. इस बार मौत का कुआं लगाने की इजाजत प्रशासन ने नहीं दी है.

ये भी पढ़ें: Chhath Puja 2022: जानिए, छठ पूजा में दंड प्रणाम का क्या है विधान


सदर एसडीएम विशालदीप खलखो ने साफ कहा कि जिस खेल में मानव जीवन खतरे में पड़ जाए वैसे खेल के प्रदर्शन की अनुमति किसी भी हाल में नहीं दी जा सकती. बताया जा रहा है कि दुर्गापूजा के समय भी सुरक्षा को देखते हुए मौत का कुआं लगाने की इजाजत नहीं दी गई थी. वहीं, दो दिनों पहले शहर के भंडारीडीह में लगे एक मेला के झूला में हादसा हो गया था. जिसमें एक लड़की समेत तीन लोग घायल हो गए थे. इस घटना के बाद प्रशासन किसी भी तरह से खतरा नहीं लेना चाहती.

देखें पूरी खबर


इस बार मेला में क्या-क्या होगा: दूसरी तरफ इस बार मेला (Gaushala Mela in Giridih) में आकर्षक झूला, चलंत मूर्ति घर, मैजिक शो और परंपरागत बर्तन की दुकानें लग रही हैं. वहीं, सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा. आयोजक समिति के लोगों का कहना है कि यह मेला आठ दिनों तक चलेगा. लोगों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. 24 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है. समिति के सचिव ध्रुव संथालिया कहते हैं कि यहां पर दमकल के साथ-साथ एंबुलेंस की भी व्यवस्था रहेगी.

समिति के साथ प्रशासन की बैठक: मेला को शंतिपूर्ण आयोजित करने के लिए जिला प्रशासन भी एक्टिव है. यहां की समिति के साथ अधिकारियों ने बैठक की है. एसडीएम विशालदीप खलखो की अध्यक्षता में यह बैठक हुई है. एसडीएम के साथ एएसपी हरीश बिन जमां और एसडीपीओ अनिल सिंह भी यहां मौजूद रहे. बैठक में आयोजन समिति ने सारी तैयारियों से प्रशासन को अवगत कराया. इस दौरान सड़क से अतिक्रमण हटाने, यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने, अवैध शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग रखी गई. अधिकारियों ने पूरी सहायता करने का भरोसा भी दिया.

1897 से लग रहा है मेला: आयोजकों ने बताया कि गोपाल गौशाला की स्थापना 1897 में पचंबा के रहने वाले रामचंद्र सेठ ने की थी. उसके बाद से इस गौशाला का विस्तार होता गया. इस बार 1 नवंबर को गौशाला मेला का उद्घाटन होगा. मेला का उद्घाटन मंत्री बादल पत्रलेख, सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी और विधायक सुदिव्य कुमार करेंगे.

गिरिडीह: पचंबा के गोपाल गौशाला में लगनेवाला गोपाष्टमी मेला 125 साल का हो गया (125th year of Gaushala Mela). सवा सौ साल के हो चुके इस मेले का आयोजन इस बार काफी भव्य तरीके से किया जा रहा है. इस बार मेला में लोगों के मनोरंजन के कई साधन की व्यवस्था की गई है. इन सबों के बीच मेला में खतरनाक खेल पर रोक लगा दिया गया है. इस बार मौत का कुआं लगाने की इजाजत प्रशासन ने नहीं दी है.

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सदर एसडीएम विशालदीप खलखो ने साफ कहा कि जिस खेल में मानव जीवन खतरे में पड़ जाए वैसे खेल के प्रदर्शन की अनुमति किसी भी हाल में नहीं दी जा सकती. बताया जा रहा है कि दुर्गापूजा के समय भी सुरक्षा को देखते हुए मौत का कुआं लगाने की इजाजत नहीं दी गई थी. वहीं, दो दिनों पहले शहर के भंडारीडीह में लगे एक मेला के झूला में हादसा हो गया था. जिसमें एक लड़की समेत तीन लोग घायल हो गए थे. इस घटना के बाद प्रशासन किसी भी तरह से खतरा नहीं लेना चाहती.

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इस बार मेला में क्या-क्या होगा: दूसरी तरफ इस बार मेला (Gaushala Mela in Giridih) में आकर्षक झूला, चलंत मूर्ति घर, मैजिक शो और परंपरागत बर्तन की दुकानें लग रही हैं. वहीं, सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा. आयोजक समिति के लोगों का कहना है कि यह मेला आठ दिनों तक चलेगा. लोगों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. 24 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है. समिति के सचिव ध्रुव संथालिया कहते हैं कि यहां पर दमकल के साथ-साथ एंबुलेंस की भी व्यवस्था रहेगी.

समिति के साथ प्रशासन की बैठक: मेला को शंतिपूर्ण आयोजित करने के लिए जिला प्रशासन भी एक्टिव है. यहां की समिति के साथ अधिकारियों ने बैठक की है. एसडीएम विशालदीप खलखो की अध्यक्षता में यह बैठक हुई है. एसडीएम के साथ एएसपी हरीश बिन जमां और एसडीपीओ अनिल सिंह भी यहां मौजूद रहे. बैठक में आयोजन समिति ने सारी तैयारियों से प्रशासन को अवगत कराया. इस दौरान सड़क से अतिक्रमण हटाने, यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने, अवैध शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग रखी गई. अधिकारियों ने पूरी सहायता करने का भरोसा भी दिया.

1897 से लग रहा है मेला: आयोजकों ने बताया कि गोपाल गौशाला की स्थापना 1897 में पचंबा के रहने वाले रामचंद्र सेठ ने की थी. उसके बाद से इस गौशाला का विस्तार होता गया. इस बार 1 नवंबर को गौशाला मेला का उद्घाटन होगा. मेला का उद्घाटन मंत्री बादल पत्रलेख, सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी और विधायक सुदिव्य कुमार करेंगे.

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