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Leopard in Garhwa: तेंदुआ को मारने की समय सीमा कुछ ही घंटों में हो जाएगी खत्म, अभियान पड़ा धीमा

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Published : Jan 30, 2023, 8:53 PM IST

Updated : Jan 31, 2023, 7:49 AM IST

गढ़वा में तेंदुआ को मारने की समय सीमा कुछ ही घंटों में खत्म हो जाएगी. इस बीच तेंदुआ को पकड़ने का अभियान भी थोड़ा धीमा पड़ गया है. हैदराबाद से आए शूटर कुछ दिनों के लिए चले गए हैं वहीं संजय टाइगर रिजर्व की टीम भी दो दिनों के लिए चली गई है. विभाग इस अभियान को नए सिरे से चलाने का मन बना रहा है.

slow down campaign to catch leopard in Garhwa
तेंदुआ

पलामू: आदमखोर तेंदुआ को मारने की डेटलाइन मंगलवार को खत्म हो जाएगी. पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने तेंदुआ को 31 जनवरी तक मारने की अनुमति दी थी, जो कुछ ही घंटों में खत्म हो जाएगी. वहीं तेंदुआ को मारने के लिए हैदराबाद से गढ़वा पहुंचे महशूर शूटर नवाब शफत अली खान निजी कारणों से बाहर चले गए हैं, जबकि संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपर्ट भी दो दिनों के लिए गए है.
ये भी पढ़ें- Leopard In Garhwa: आदमखोर तेंदुआ को पकड़ने के लिए संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपर्ट पहुंचे गढ़वा, बदला जा रहा केज लगाने का तरीका
संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपर्ट ने गढ़वा के वन विभाग के कर्मियों को तेंदुआ को पकड़ने के लिए रहने दिया है. जिसके बाद वन विभाग की टीम तेंदुआ को पकड़ने के लिए अभियान चला रही है. गढ़वा सीएफ दिलीप कुमार ने बताया कि तेंदुआ को मारने की अनुमति खत्म होने के बाद फिर से प्रस्ताव तैयार किया जाना है. हालांकि इसके लिए सभी बिंदुओं पर फिर से रिपोर्ट तैयार किया जाएगा. तेंदुआ की गतिविधि की भी समीक्षा की जानी है.

नवाब शफत अली खान निजी कारणों से चार दिनों के लिए बाहर गए हैं. जबकि संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपर्ट दो दिनों के लिए गए है. दो दिनों के बाद वे वापस लौट आएंगे. डेटलाइन खत्म होने के बाद तेंदुआ को सिर्फ ट्रैंकुलाइज कर पकड़ा जा सकेगा. पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने तेंदुआ को मारने के लिए कई शर्तो को लागू किया था, तेंदुआ को पहले ट्रैंकुलाइज किया जाएगा, इस दौरान परिस्थिति अगर विपरीत रही तो तेंदुआ को मारा जाएगा. डेटलाइन खत्म होने के बाद तेंदुआ को अब ट्रैंकुलाइज किया जा सकेगा या केज के माध्यम से पकड़ा जाएगा. ट्रैंकुलाइजर की क्षमता मात्र 25 से 30 मीटर है. 28 दिसंबर के बाद तेंदुआ ने किसी भी मानव जीवन पर हमला नहीं किया है. गढ़वा जिला में तेंदुआ तीन बच्चों को अपना शिकार बना चुका है. तेंदुआ की गतिविधि लगातार मानव बस्ती के अगल बगल मौजूद रही है.

वन विभाग ने तेंदुआ को मानव जीवन के लिए खतरा बताते हुए मारने की अनुमति मांगी थी. तेंदुआ को पकड़ने के लिए 50 से अधिक ट्रैकिंग कैमरा लगाया गया है, जबकि छह विभिन्न इलाकों में केज लगाए गए हैं. नवाब शफत अली खान की टीम तीन जनवरी से इलाके में कैम्प कर रही थी. संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपोर्ट ने गढ़वा वन विभाग के केज में कई तरह के बदलाव किए.

पलामू: आदमखोर तेंदुआ को मारने की डेटलाइन मंगलवार को खत्म हो जाएगी. पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने तेंदुआ को 31 जनवरी तक मारने की अनुमति दी थी, जो कुछ ही घंटों में खत्म हो जाएगी. वहीं तेंदुआ को मारने के लिए हैदराबाद से गढ़वा पहुंचे महशूर शूटर नवाब शफत अली खान निजी कारणों से बाहर चले गए हैं, जबकि संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपर्ट भी दो दिनों के लिए गए है.
ये भी पढ़ें- Leopard In Garhwa: आदमखोर तेंदुआ को पकड़ने के लिए संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपर्ट पहुंचे गढ़वा, बदला जा रहा केज लगाने का तरीका
संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपर्ट ने गढ़वा के वन विभाग के कर्मियों को तेंदुआ को पकड़ने के लिए रहने दिया है. जिसके बाद वन विभाग की टीम तेंदुआ को पकड़ने के लिए अभियान चला रही है. गढ़वा सीएफ दिलीप कुमार ने बताया कि तेंदुआ को मारने की अनुमति खत्म होने के बाद फिर से प्रस्ताव तैयार किया जाना है. हालांकि इसके लिए सभी बिंदुओं पर फिर से रिपोर्ट तैयार किया जाएगा. तेंदुआ की गतिविधि की भी समीक्षा की जानी है.

नवाब शफत अली खान निजी कारणों से चार दिनों के लिए बाहर गए हैं. जबकि संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपर्ट दो दिनों के लिए गए है. दो दिनों के बाद वे वापस लौट आएंगे. डेटलाइन खत्म होने के बाद तेंदुआ को सिर्फ ट्रैंकुलाइज कर पकड़ा जा सकेगा. पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने तेंदुआ को मारने के लिए कई शर्तो को लागू किया था, तेंदुआ को पहले ट्रैंकुलाइज किया जाएगा, इस दौरान परिस्थिति अगर विपरीत रही तो तेंदुआ को मारा जाएगा. डेटलाइन खत्म होने के बाद तेंदुआ को अब ट्रैंकुलाइज किया जा सकेगा या केज के माध्यम से पकड़ा जाएगा. ट्रैंकुलाइजर की क्षमता मात्र 25 से 30 मीटर है. 28 दिसंबर के बाद तेंदुआ ने किसी भी मानव जीवन पर हमला नहीं किया है. गढ़वा जिला में तेंदुआ तीन बच्चों को अपना शिकार बना चुका है. तेंदुआ की गतिविधि लगातार मानव बस्ती के अगल बगल मौजूद रही है.

वन विभाग ने तेंदुआ को मानव जीवन के लिए खतरा बताते हुए मारने की अनुमति मांगी थी. तेंदुआ को पकड़ने के लिए 50 से अधिक ट्रैकिंग कैमरा लगाया गया है, जबकि छह विभिन्न इलाकों में केज लगाए गए हैं. नवाब शफत अली खान की टीम तीन जनवरी से इलाके में कैम्प कर रही थी. संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपोर्ट ने गढ़वा वन विभाग के केज में कई तरह के बदलाव किए.

Last Updated : Jan 31, 2023, 7:49 AM IST
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