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कोरोना लॉकडाउन: लाचार मां-बाप का श्रवण कुमार, ठेले पर लेकर पहुंचा अस्पताल

गढ़वा में एंबुलेंस नहीं मिलने पर एक पुत्र ने अपने लकवाग्रस्त पिता को ठेला पर लिटाकर 15 किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाकर इलाज कराया. गढ़वा थाना के महुलिया गांव के जीतू राम अचानक लकवा से ग्रसित हो गए. उनके पुत्र सकेंद्र राम ने 108 एंबुलेंस को फोन किया. एंबुलेंस आने से इनकार कर दिया. उसके बाद भी सकेंद्र ने हिम्मत नहीं हारी और स्वयं से ही कुछ करने की ठान ली.

Sick father arrived to get treatment on a cart in garhwa
ठेला
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Published : Apr 9, 2020, 5:57 PM IST

गढ़वा: लॉकडाउन में आम लोगों की समस्याएं दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. इसमें ज्यादा परेशानी मरीज और उनके परिजनों को हो रही है. संकट की इस घड़ी में जान बचाने के लिए कठिन से कठिन यत्न करने पड़ रहे हैं. इसी तरह की एक घटना गढ़वा में घटित हुई. एंबुलेंस नहीं मिलने पर एक पुत्र ने अपने लकवाग्रस्त पिता को ठेला पर सुलाकर 15 किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाकर इलाज कराया.

जानकारी के अनुसार, गढ़वा थाना के महुलिया गांव के जीतू राम अचानक लकवा से ग्रसित हो गए. उनके पुत्र सकेंद्र राम ने 108 एंबुलेंस को फोन किया. एंबुलेंस आने से इनकार कर दिया. उसके बाद भी सकेंद्र ने हिम्मत नहीं हारी और स्वयं से ही कुछ करने की ठान ली. उन्होंने अपने पड़ोसी से उसकी ठेला मांगी. उस पर बिस्तर डालकर पिता को सुला दिया.

ये भी पढ़ें: बेजुबानों पर पड़ रही है लॉकडाउन की दोहरी मार, ईटीवी भारत के सुझाव की मेयर ने की तारीफ

इसके बाद खुद ठेला चलाकर अपने पिता को गांव से 15 किलोमीटर दूर मेराल प्रखंड मुख्यालय स्थित एक निजी क्लिनिक में इलाज करवाया. सकेंद्र ने कहा कि उसने 108 एंबुलेंस को फोन किया था, लेकिन जवाब मिला कि एंबुलेंस खाली नहीं है. फिलहाल, कोई उपाय नहीं है. उसके बाद अपने उपाय से पिता जी को अस्पताल पहुंचाया.

गढ़वा: लॉकडाउन में आम लोगों की समस्याएं दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. इसमें ज्यादा परेशानी मरीज और उनके परिजनों को हो रही है. संकट की इस घड़ी में जान बचाने के लिए कठिन से कठिन यत्न करने पड़ रहे हैं. इसी तरह की एक घटना गढ़वा में घटित हुई. एंबुलेंस नहीं मिलने पर एक पुत्र ने अपने लकवाग्रस्त पिता को ठेला पर सुलाकर 15 किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाकर इलाज कराया.

जानकारी के अनुसार, गढ़वा थाना के महुलिया गांव के जीतू राम अचानक लकवा से ग्रसित हो गए. उनके पुत्र सकेंद्र राम ने 108 एंबुलेंस को फोन किया. एंबुलेंस आने से इनकार कर दिया. उसके बाद भी सकेंद्र ने हिम्मत नहीं हारी और स्वयं से ही कुछ करने की ठान ली. उन्होंने अपने पड़ोसी से उसकी ठेला मांगी. उस पर बिस्तर डालकर पिता को सुला दिया.

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इसके बाद खुद ठेला चलाकर अपने पिता को गांव से 15 किलोमीटर दूर मेराल प्रखंड मुख्यालय स्थित एक निजी क्लिनिक में इलाज करवाया. सकेंद्र ने कहा कि उसने 108 एंबुलेंस को फोन किया था, लेकिन जवाब मिला कि एंबुलेंस खाली नहीं है. फिलहाल, कोई उपाय नहीं है. उसके बाद अपने उपाय से पिता जी को अस्पताल पहुंचाया.

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