गढ़वा: जेल की पहचान भले ही पनिशमेंट केंद्र के रूप में होता है, जहां दूसरों की जान लेने से लेकर कई तरह के अपराध के आरोपी रखे जाते हैं. मगर जानलेवा बने कोरोना वायरस को रोकने के लिए उसी प्रकृति के लोग अपना समर्पण दिखा रहे हैं और कोरोना वॉरियर्स को बचाने के लिए पीपीई किट का निर्माण कर रहे हैं.
डीसी ने जेल के कैदियों के हाथों से बने 100 पीपीई किट सदर अस्पताल को प्रदान किया है. बता दें कि गढ़वा जेल में कई लोग जाने-अनजाने में हुए अपराध की सजा काट रहे हैं. लेकिन उनके अंदर तरह-तरह की प्रतिभाएं और हुनर भी मौजूद है, जिसे जेल अधीक्षक साकेत बिहारी सिंह निखारने का पूरा अवसर प्रदान कर रहे हैं. जेल में कई तरह के प्रोडक्ट बनाये जा रहे हैं. फिलहाल जेल में मास्क के उत्पादन के साथ-साथ पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट किट का निर्माण किया जा रहा. पीपीई कोरोना से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार माना जाता है. वहीं, इसकी कमी के कारण कोरोना के खिलाफ लड़ाई भी धीमी पड़ जाती है.
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डीसी हर्ष मंगला ने जेल में बनवाये गए 100 पीपीई किट सिविल सर्जन को प्रदान किया. साथ ही कहा कि अब जिले में पीपीई की आवश्यकता को पूरा करने में आसानी होगी. सिविल सर्जन डॉ एनके रजक ने कहा कि जेल में बनाये जा रहे पीपीई किट को रीयूज किया जा सकता है, वहीं उसे सेनेटाइज कर बार-बार प्रयोग में लाया जा सकता है. डीसी ने उन्हें 100 पीपीई किट प्रदान किया है. इसका उपयोग कम जोखिम वाले कार्य में किया जाएगा. इस कारण बाहर से मंगाए जाने वाले किट का खर्च भी कम होगा.