गढ़वा: जिले के भवनाथपुर के जंगल में तेजी से वनभूमि पर कब्जा किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. इसमें स्थानीय लोगों के साथ दूसरे प्रखंड के कई लोग शामिल हैं. वो जंगल काटकर वहां झोपड़ी बना रहे हैं. साथ ही खाली जमीन को खेती योग्य भूमि बना रहे हैं. इस मामले को लेकर विभाग के पदाधिकारी इसकी जांच कर कार्रवाई की बात कही है.

भवनाथपुर प्रखंड मुख्यालय और टाउनशिप के निकट भवनाथपुर उत्तरी वन क्षेत्र के असली उत्तरी, कैलान, सिंदुरिया के जंगल में वन विभाग के कर्मचारियों और वन समिति के लोगों से मिलीभगत कर बड़े पैमाने पर वनभूमि पर कब्जा किया जा रहा है. स्थानीय लोगों के अलावा केतार और खरौंधी प्रखंड के कई लोग जंगल का अस्तित्व खत्म कर वहां अपना आशियाना तैयार करने में जुटे हैं. वो खेती योग्य भूमि भी तैयार करने में लगे हुए है. खुलेआम हो रहे जंगलों के अतिक्रमण पर वन समिति के लोग मौन हैं. यहां तक की वन समिति के अध्यक्ष हरिदास सिंह पर पैसे लेकर पेड़ कटवाने और अवैध रूप से वन भूमि पर कब्जा करवाने का आरोप भी लगता रहा है.
इसे भी पढ़ें- झारखंड में कोरोना से संक्रमित हुए एक और विधायक, आजसू एमएलए लंबोदर महतो निकले कोरोना पॉजिटिव
वन क्षेत्र पदाधिकारी अजित सिंह ने कहा कि वन समिति के अध्यक्ष के खिलाफ पहले से भी आरोप लगते रहे हैं, अब उन्हें हटा दिया जाएगा. अब वो वनभूमि पर हुए कब्जे की जांच कराएंगे. अवैध कब्जा करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा. वनभूमि को अवैध कब्जा से मुक्त कराया जाएगा.