गढ़वा: समाज का संस्कार और मानवता की डोर इस कदर कमजोर हो चुकी है कि स्वयं जन्मदाता ही अपने नवजात संतान का गला घोंटने को बड़ी सफलता मानने लगे हैं. ऐसी ही एक घटना गढ़वा में हुई, जिला मुख्यालय के एक छठ घाट पर एक नवजात बालक का शव देखा गया. इसके बाद वह कुत्तों का निवाला बन गया.
कपड़े में लपेटकर रखा गया था
बता दें कि सरकार के लाख प्रयास के बाद भी गढ़वा में नवजात बच्चों की हत्या का सिलसिला जारी है. ताजा मामला छठ घाट की है, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उस नवजात बालक को बजापते दी-तीन कपड़े में लपेटकर घाट पर रखा गया होगा. प्रचंड ठंड और मौसम खराब होने के कारण उसकी मौत हो गयी होगी. बताया जाता है कि उस बच्चे को देखने के लिए वहां काफी भीड़ भी लगी. तमाशबीन भीड़ वहां से जैसे ही लौटी कुत्ते उस नवजात को नोच-नोच कर खा गए. इस संवेदनहीन घटना के लिए कौन कितना जिम्मेवार है सबके लिए सोचनीय है.
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जागरूकता की जरूरत
थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस को इसकी सूचना किसी ने नहीं दी थी. समाजसेवी नंद कुमार गुप्ता ने कहा कि अवैध संबंध को छुपाने के लिए इस तरह की हो रही घटनाएं मानवता को शर्मसार करती है. इसके लिए समाज में जागरूकता की जरूरत है. बच्चों को संस्कार से जोड़ने की जरूरत है.