गढ़वा/रांची: गढ़वा में घूम रहा आदमखोर तेंदुआ दिन ब दिन घातक होता जा रहा है. तीन मासूम बच्चों की जान लेने के बाद वह आए दिन अलग-अलग गांवों में घुसकर बकरियों को अपना निवाला बनाने लगा है. देश के नामचीन शिकारी नवाब शफत अली खान पिछले 3 जनवरी से उस तेंदुए को ट्रैप करने की कोशिश कर रहे हैं. 18 जनवरी की शाम तक उनके पास तेंदुए को सिर्फ ट्रैंकोलाइज (बेहोश) करने का आर्डर था. लेकिन अब चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने हालात के हिसाब से शूट करने की अनुमति दे दी है.
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तेंदुआ के मारने के आदेश के बाद शूटर नवाब शफत अली खान बेहद एक्साइटेड हैं. ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह से फोन पर हुई बातचीत के दौरान कहा कि उन्होंने कई घातक जानवरों को मारकर इंसानी जानमाल को बचाया है लेकिन यह तेंदुआ बहुत चालाक है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों तेंदुआ ने एक गांव में बकरी को शिकार किया था. उन्हें उम्मीद थी कि देर रात के बाद वह अपने शिकार को ले जाने आएगा. इसके लिए नवाब शफत अली ने एक एस्बेस्टस शीट वाले छत पर पूरी रात उसका इंतजार किया. लेकिन वह नहीं आया. आमतौर पर तेंदुआ अपना शिकार लेने जरूर आता है.
नवाब शफत अली खान ने कहा कि इतने दिनों में छह बार तेंदुआ की झलक दिखी है. अब वह अलग-अलग गांवों में छोटे जानवरों को निशाना बना रहा है. उसके टारगेट पर छोटे बच्चे भी हैं. इसलिए रात भर उसकी तलाश के दौरान संभावित गांव के लोगों को जागरूक करना पड़ रहा है. उन्होंने भारी मन से ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि कई गांव के घरों में दरवाजा तक नहीं है. वैसे घरों को चिन्हित कर अपनी टीम के सहयोग से चौकी या खाट लगाकर गेट को कवर करना पड़ रहा है.
उन्होंने बताया कि लाख समझाने के बावजूद रात के वक्त लोग जंगल के आसपास शौच के लिए निकल जा रहे हैं. कई जगह तो छोटे बच्चों के साथ महिलाएं आग तापती नजर आई हैं. उन्होंने बेहद अदब के साथ संभावित खतरे का हवाला देते हुए घरों में जाने को कहा. उनके मुताबिक जिस तेंदुए की तलाश की जा रही है भारी भरकम नहीं बल्कि छोटे साइज का है. वह बेहद फुर्तीला है. शिकार का पैटर्न बदल रहा है. उन्होंने कहा कि इतने दिनों में एक बार टैप केज के बगल से गुजर चुका है. इसलिए जंगल से लगे गांव के लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. आपको बता दें कि शूटर नवाब शफत अली खान इस ऑपरेशन का पूरा खर्च खुद वहन कर रहे हैं.