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गढ़वाः भालू से घंटों किया मुकाबला तब बची जान, घायल होकर पहुंचे अस्पताल लेकिन नहीं मिली दवा

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Published : Sep 9, 2020, 6:41 PM IST

गढ़वा के भंडरिया प्रखंड में एक भालू ने टेहरी गांव के शिवमुनी सिंह पर हमला कर दिया. वह भालू से लड़कर किसी तरह बच गए और खून से लथपथ सरकारी अस्पताल पहुंचे. शिवमुनी सिंह ने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त दवा भी नहीं मिली. उन्हें बाहर से दवा खरीदनी पड़ी.

man fights with bear to save his life in garhwa
पीड़ित

गढ़वाः जिले के भंडरिया प्रखंड में जंगली भालुओं ने आतंक मचा रखा है. वे लोगों पर जानलेवा हमला कर रहे हैं. इसी क्रम में एक भालू ने टेहरी गांव के शिवमुनी सिंह पर हमला कर दिया. वह भालू से लड़कर किसी तरह बच गए और खून से लथपथ सरकारी अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें पर्याय दवा नहीं मिली.

देखें पूरी खबर

भालू से डटकर किया मुकाबला

जानकारी के अनुसार शिवमुनी सिंह शौच करने बनखेता पहाड़ की ओर गए थे. शौच के बाद अपनी खेत मे लगे फसल को देख रहे थे. उसी समय दो भालू वहां पहुंच गए. उसमें से एक भालू ने उनपर हमला कर दिया. वह अपनी टांगी और लाठी से भालू से डटकर मुकाबला करने लगे. इस दौरान भालू बुरी तरह से शिवमुनी सिंह को नोचता रहा, लेकिन उन्होंने धैर्य और साहस नहीं खोया. उन्होंने भी डटकर मुकाबला किया. अंत मे भालू थककर वापस लौट गया. इधर शिवमुनी भी बुरी तरह घायल हो गए थे. वह किसी तरह गांव पहुंचे. उन्हें ग्रामीणों ने इलाज के लिए भंडरिया सरकारी अस्पताल में पहुंचाया.

और पढ़ें- रांची में विवाहिता की संदेहास्पद मौत, परिजनों का आरोप जहर दे कर मार डाला

शिवमुनी सिंह ने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त दवा भी नहीं मिली. उन्हें बाहर से दवा खरीदनी पड़ीं. लगता है कि उनके हाथ-पांव के हड्डी चूर हो गए हैं, लेकिन उसका इलाज नहीं हुआ. गजब की विडंबना है जहां एक ओर जंगलों में वास करने वाले झारखंड के मूल निवासी कहे जाने वाले आदिवासी समाज के लोग अपना जीवन बचाने के लिए गरीबी के साथ जंगली जानवरों से लड़ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सरकारी दुर्व्यवस्था का भी शिकार होना पड़ रहा है.

गढ़वाः जिले के भंडरिया प्रखंड में जंगली भालुओं ने आतंक मचा रखा है. वे लोगों पर जानलेवा हमला कर रहे हैं. इसी क्रम में एक भालू ने टेहरी गांव के शिवमुनी सिंह पर हमला कर दिया. वह भालू से लड़कर किसी तरह बच गए और खून से लथपथ सरकारी अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें पर्याय दवा नहीं मिली.

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भालू से डटकर किया मुकाबला

जानकारी के अनुसार शिवमुनी सिंह शौच करने बनखेता पहाड़ की ओर गए थे. शौच के बाद अपनी खेत मे लगे फसल को देख रहे थे. उसी समय दो भालू वहां पहुंच गए. उसमें से एक भालू ने उनपर हमला कर दिया. वह अपनी टांगी और लाठी से भालू से डटकर मुकाबला करने लगे. इस दौरान भालू बुरी तरह से शिवमुनी सिंह को नोचता रहा, लेकिन उन्होंने धैर्य और साहस नहीं खोया. उन्होंने भी डटकर मुकाबला किया. अंत मे भालू थककर वापस लौट गया. इधर शिवमुनी भी बुरी तरह घायल हो गए थे. वह किसी तरह गांव पहुंचे. उन्हें ग्रामीणों ने इलाज के लिए भंडरिया सरकारी अस्पताल में पहुंचाया.

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शिवमुनी सिंह ने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त दवा भी नहीं मिली. उन्हें बाहर से दवा खरीदनी पड़ीं. लगता है कि उनके हाथ-पांव के हड्डी चूर हो गए हैं, लेकिन उसका इलाज नहीं हुआ. गजब की विडंबना है जहां एक ओर जंगलों में वास करने वाले झारखंड के मूल निवासी कहे जाने वाले आदिवासी समाज के लोग अपना जीवन बचाने के लिए गरीबी के साथ जंगली जानवरों से लड़ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सरकारी दुर्व्यवस्था का भी शिकार होना पड़ रहा है.

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