गढ़वा: जिले के मझिआंव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की एक नाबालिग छात्रा के मां बनने का खुलासा चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (सीडब्लूसी) ने किया है. उसने इस मामले में कार्रवाई के लिए डीसी, एसपी, सीआईडी, डीजीपी, जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग रांची और दिल्ली को अनुसंशा पत्र भेजा है. सीडब्लूसी के इस खुलासा से जिले के ऑफिसर हरकत में आ गए हैं.
सीडब्लूसी की रिपोर्ट के अनुसार, मझिआंव कस्तूरबा आवासीय विद्यालय की एक छात्रा को 27 जून 2019 को मझिआंव रेफरल अस्पताल में प्रसव पीड़ा होने पर भर्ती किया गया था. 28 जून को दोपहर में उसने एक लड़के को जन्म दिया. उस जन्मे बच्चे को वहां की नर्स निर्मला अपने पास रख लिया. नर्स ने उसे अपना बच्चा बनाने के लिए अस्पताल की बीएसटी में लड़की के जगह अपना नाम अंकित किया. लड़की को लोकलाज की बात समझाकर घर भेज दिया गया.
सीडब्लूसी के अध्यक्ष उपेंद्र दुबे ने कहा कि उन्हें जब इसकी सूचना मिली तो एक जांच टीम गठित कर इसकी बारीकी से जांच कराई. सभी संबंधित लोगों का बयान लिया गया. उन्होंने कहा कि तत्कालीन वार्डेन, गार्ड, विद्यालय की एएनएम ने लड़की को अस्पताल पहुंचाया था. उन्होंने कहा कि विद्यालय की बच्चियों को मोटरसाइकिल से बाहर ले लाया जाता था. रातभर उन्हें बाहर रखने के बाद अहले सुबह विद्यालय में लाया जाता था. अध्यक्ष ने इस जघन्य अपराध के लिए 18 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है, जिसमें विद्यालय की पूर्व, वर्तमान वार्डेन, गार्ड, एएनएम, एएनएम के पति, सेक्स रैकेट चलाने वाली दो महिलाएं, उन्हें स्पोर्ट करने वाले वार्ड पार्षद, डीईओ, डीएसई के नाम शामिल हैं.
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इस गंभीर पर डीसी हर्ष मंगला ने कहा कि उन्हें इसकी सूचना मिली है. कस्तूरबा गांधी स्कूल के स्तर पर यह भारी चूक लग रहा है. उन्होंने सिविल सर्जन और डीएसई से रिपोर्ट मांगा है. रिपोर्ट मिलने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.