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सूकर का लालच देकर तेंदुआ को ट्रैप करने की कोशिश, हैदराबाद के नवाब सफत अली खान और वन विभाग ने बनाई रणनीति - Garhwa News

गढ़वा में कई लोगों की जान ले चुके तेंदुए को ट्रेंकुलाइज किया जा रहा है. इसके लिए हैदराबाद से नवाब सफत अली खान की टीम गढ़वा आई है. वन विभाग के साथ मिलकर उन्होंने तेंदुआ को ट्रैप करने की योजना बनाई है. इस योजना के तहत वे सूकर का लालच देकर तेंदुआ को ट्रैप करने की कोशिश कर रहे हैं (Trap leopard by luring pigs in Garhwa).

Trap leopard by luring pigs in Garhwa
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Published : Jan 7, 2023, 6:30 PM IST

गढ़वा: जिला में मानव जीवन के लिए खतरा बन चुके तेंदुआ को ट्रैप करने के लिए सूकर का लालच दिया जा रहा है. हैदराबाद के मशहूर शूटर नवाब सफत अली खान की टीम और वन विभाग ने मिलकर एक रणनीति तैयार किया है (Trap leopard by luring pigs in Garhwa). तेंदुआ सूकर, बकरी और कुत्ते को बड़े चाव से खाता है. वन विभाग ने करीब 20 सूकर खरीदा है और तेंदुआ को ट्रैप करने के लिए इसके इस्तेमाल की योजना बनाई है. नवाब सफत अली खान के नेतृत्व में टीम ने भंडरिया के इलाके में तेंदुआ को ट्रैप करने की योजना बनाई है. 10 से 12 अलग-अलग इलाकों में सूकर को खुले में रखा गया है.

ये भी पढ़ें: तेंदुए को ट्रैंकुलाइज करने के लिए हैदराबाद से गढ़वा पहुंचे नवाब सफत अली खान, अब तक 3 लोगों की ले चुका है जान


नवाब सफत की टीम और विभाग सूकर का लालच देकर तेंदुआ को बुला रहे हैं, ताकि उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके. डीएफओ दिलीप कुमार ने बताया कि विभाग ने घेराबंदी को बढ़ा दी है. टीम का दायरा बढ़ाते हुए उन्हें अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया गया है. कैमरा ट्रैप के एरिया को बढ़ा दिया गया है और केज भी रखा गया है. उन्होंने बताया कि तेंदुआ का फूड लिस्ट काफी लंबा है, लेकिन सूकर, कुत्ता और बकरी उसका पसंदीदा भोजन है.

तेंदुआ का नवाब की टीम के साथ नहीं हुआ सामना, बाहर से मंगवाई गई ट्रेंकुलाइज की मेडिसिन: नवाब की टीम पिछले 48 घंटे से गढ़वा के भंडरिया, रंका और रमकंडा के इलाके में तेंदुआ को ढूंढ रही है, लेकिन अभी तक नवाब की टीम का तेंदुआ से सामना नहीं हुआ है. नवाब की टीम के पास मौजूद ट्रेंकुलाइजर करीब 30 मीटर का निशाना साध सकता है. नवाब तेंदुआ को 30 मीटर दूर से निशाना साधेंगे. शुक्रवार को ट्रेंकुलाइजर में इस्तेमाल होने वाले मेडिसिन को बाहर के राज्यों से मंगवाया गया है. 28 दिसंबर के बाद से तेंदुआ को किसी भी व्यक्ति ने नहीं देखा है. गढ़वा के भंडरिया, रंका और रमकंडा के अलग-अलग इलाके में तेंदुआ ने 3 बच्चों पर हमला कर उनकी जान ले ली. इस दौरान तेंदुआ ने तीन लोगों को जख्मी भी किया था. लगातार हो रहे हमले के बाद विभाग ने तेंदुआ को मानव जीवन के लिए खतरा बताते हुए ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति ली.

गढ़वा: जिला में मानव जीवन के लिए खतरा बन चुके तेंदुआ को ट्रैप करने के लिए सूकर का लालच दिया जा रहा है. हैदराबाद के मशहूर शूटर नवाब सफत अली खान की टीम और वन विभाग ने मिलकर एक रणनीति तैयार किया है (Trap leopard by luring pigs in Garhwa). तेंदुआ सूकर, बकरी और कुत्ते को बड़े चाव से खाता है. वन विभाग ने करीब 20 सूकर खरीदा है और तेंदुआ को ट्रैप करने के लिए इसके इस्तेमाल की योजना बनाई है. नवाब सफत अली खान के नेतृत्व में टीम ने भंडरिया के इलाके में तेंदुआ को ट्रैप करने की योजना बनाई है. 10 से 12 अलग-अलग इलाकों में सूकर को खुले में रखा गया है.

ये भी पढ़ें: तेंदुए को ट्रैंकुलाइज करने के लिए हैदराबाद से गढ़वा पहुंचे नवाब सफत अली खान, अब तक 3 लोगों की ले चुका है जान


नवाब सफत की टीम और विभाग सूकर का लालच देकर तेंदुआ को बुला रहे हैं, ताकि उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके. डीएफओ दिलीप कुमार ने बताया कि विभाग ने घेराबंदी को बढ़ा दी है. टीम का दायरा बढ़ाते हुए उन्हें अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया गया है. कैमरा ट्रैप के एरिया को बढ़ा दिया गया है और केज भी रखा गया है. उन्होंने बताया कि तेंदुआ का फूड लिस्ट काफी लंबा है, लेकिन सूकर, कुत्ता और बकरी उसका पसंदीदा भोजन है.

तेंदुआ का नवाब की टीम के साथ नहीं हुआ सामना, बाहर से मंगवाई गई ट्रेंकुलाइज की मेडिसिन: नवाब की टीम पिछले 48 घंटे से गढ़वा के भंडरिया, रंका और रमकंडा के इलाके में तेंदुआ को ढूंढ रही है, लेकिन अभी तक नवाब की टीम का तेंदुआ से सामना नहीं हुआ है. नवाब की टीम के पास मौजूद ट्रेंकुलाइजर करीब 30 मीटर का निशाना साध सकता है. नवाब तेंदुआ को 30 मीटर दूर से निशाना साधेंगे. शुक्रवार को ट्रेंकुलाइजर में इस्तेमाल होने वाले मेडिसिन को बाहर के राज्यों से मंगवाया गया है. 28 दिसंबर के बाद से तेंदुआ को किसी भी व्यक्ति ने नहीं देखा है. गढ़वा के भंडरिया, रंका और रमकंडा के अलग-अलग इलाके में तेंदुआ ने 3 बच्चों पर हमला कर उनकी जान ले ली. इस दौरान तेंदुआ ने तीन लोगों को जख्मी भी किया था. लगातार हो रहे हमले के बाद विभाग ने तेंदुआ को मानव जीवन के लिए खतरा बताते हुए ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति ली.

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