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Garhwa Kidnapping Case: बिहार पुलिस के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज, बाजार से जबरन दो लोगों को उठाने का आरोप

गढ़वा में बिहार पुलिस के खिलाफ भीड़ भरे बाजार से दो लोगों का अपहरण करने का मामला दर्ज किया गया है. बिहार के औरंगाबाद पुलिस पर नियम तोड़कर दूसरे राज्य में कार्रवाई का आरोप लगा है.

Garhwa kidnapping case
गढ़वा अपहरण कांड
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Published : Dec 15, 2021, 3:33 PM IST

Updated : Dec 15, 2021, 5:23 PM IST

गढ़वा: झारखंड के गढ़वा में बिहार पुलिस के खिलाफ भीड़ भरे बाजार से दो लोगों का अपहरण (Kidnapping Case) करने का मामला दर्ज किया गया है. गढ़वा पुलिस के अनुसार बिहार पुलिस की इस हरकत से लोगों के बीच दहशत का माहैल बन गया था और इसे नक्सली घटना से जोड़कर देखा जा रहा था.

ये भी पढ़ें- कुख्यात चंदन सोनार लाया गया रांची, कई राज्याें में अपहरण केस का है मास्टरमाइंड
क्या है पूरा मामला
दरअसल यह घटना जिले के मझिआंव थाना के खरसोता बाजार की है. खरसोता गांव के रणजीत मेहता और लल्लू मेहता को अचानक एक बोलेरो में खींचकर बैठा लिया गया और उनका अपहरण कर लिया गया. ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. बता दें कि खरसोता कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था. वहां नक्सली दिन में ही तांडव करते रहते थे। ग्रामीण अपहरण की इस घटना को नक्सलियों से जोड़कर देख रहे थे और उनके अंदर फिर से नक्सलियों का खौफ प्रबल हो रहा था.

बिहार पुलिस के खिलाफ कार्रवाई

एसडीपीओ अवध कुमार यादव ने कहा कि गढ़वा अपहरण केस में एफआईआर दर्ज किया गया है. जिसमें बिहार के अज्ञात पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है. दरअसल यह पता ही नहीं चला कि अपहरण की इस घटना को अंजाम कौन दे रहा था पुलिस या नक्सली. बाद में पता चला कि अपहर्ता बिहार के औरंगाबाद के दाउदनगर थाना की पुलिसकर्मी थे. उन्होंने कहा कि दरअसल दूसरे राज्यों में जाकर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के कुछ नियम होते हैं. पुलिस के वरीय पदाधिकारी और संबंधित राज्य के पुलिस पदाधिकारी को इसकी सूचना देनी होती है. उसके बाद सम्बंधित थाना और जिला के पुलिस पदाधिकारी को बताकर या साथ लेकर कार्रवाई करनी पड़ती है. लेकिन बिहार पुलिस ने इस रूल का पालन नहीं किया. इस कारण भय का माहौल बन गया और थाना में मुकदमा भी दर्ज करना पड़ा. अनुसंधान के दौरान इसके लिए औरंगाबाद के दाऊद नगर पुलिस को दोषी पाया गया उन्होंने कहा कि इस केस में नियम संगत कार्रवाई होगी.

गढ़वा: झारखंड के गढ़वा में बिहार पुलिस के खिलाफ भीड़ भरे बाजार से दो लोगों का अपहरण (Kidnapping Case) करने का मामला दर्ज किया गया है. गढ़वा पुलिस के अनुसार बिहार पुलिस की इस हरकत से लोगों के बीच दहशत का माहैल बन गया था और इसे नक्सली घटना से जोड़कर देखा जा रहा था.

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क्या है पूरा मामला
दरअसल यह घटना जिले के मझिआंव थाना के खरसोता बाजार की है. खरसोता गांव के रणजीत मेहता और लल्लू मेहता को अचानक एक बोलेरो में खींचकर बैठा लिया गया और उनका अपहरण कर लिया गया. ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. बता दें कि खरसोता कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था. वहां नक्सली दिन में ही तांडव करते रहते थे। ग्रामीण अपहरण की इस घटना को नक्सलियों से जोड़कर देख रहे थे और उनके अंदर फिर से नक्सलियों का खौफ प्रबल हो रहा था.

बिहार पुलिस के खिलाफ कार्रवाई

एसडीपीओ अवध कुमार यादव ने कहा कि गढ़वा अपहरण केस में एफआईआर दर्ज किया गया है. जिसमें बिहार के अज्ञात पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है. दरअसल यह पता ही नहीं चला कि अपहरण की इस घटना को अंजाम कौन दे रहा था पुलिस या नक्सली. बाद में पता चला कि अपहर्ता बिहार के औरंगाबाद के दाउदनगर थाना की पुलिसकर्मी थे. उन्होंने कहा कि दरअसल दूसरे राज्यों में जाकर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के कुछ नियम होते हैं. पुलिस के वरीय पदाधिकारी और संबंधित राज्य के पुलिस पदाधिकारी को इसकी सूचना देनी होती है. उसके बाद सम्बंधित थाना और जिला के पुलिस पदाधिकारी को बताकर या साथ लेकर कार्रवाई करनी पड़ती है. लेकिन बिहार पुलिस ने इस रूल का पालन नहीं किया. इस कारण भय का माहौल बन गया और थाना में मुकदमा भी दर्ज करना पड़ा. अनुसंधान के दौरान इसके लिए औरंगाबाद के दाऊद नगर पुलिस को दोषी पाया गया उन्होंने कहा कि इस केस में नियम संगत कार्रवाई होगी.

Last Updated : Dec 15, 2021, 5:23 PM IST
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