गढ़वाः झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह से किसान परेशान हैं. किसानों को पर्याप्त ग्राहक नहीं मिल रहे हैं. इस वजह से सब्जियां सूखकर खराब हो जाती हैं. स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान सब्जी विक्रेताओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क लगाकर दिन में दो बजे तक ही सब्जी बेचने की इजाजत दी गई है. सरकार के इस नियम से दिहाड़ी सब्जी विक्रेताओं को काफी समस्या हो रही है. पहले की तुलना में 25 प्रतिशत किसान ही सब्जी बेचने आ रहे हैं.
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क्या कहते हैं किसान
किसानों की समस्या यह है कि प्रतिदिन खेत में हरी सब्जियां तैयार हो जाती हैं. जिनको तोड़ना उनकी मजबूरी बन जाती है. खेत से तोड़ी गई सब्जियों को लेकर वे चिलचिलाती धूप में दो बजे तक खुले आसमान में बैठते हैं. इतनी परेशानी उठाने के बाद भी उन्हें खरीदार नहीं मिलते हैं. दोपहर दो बजे तक सब्जी बेचने की पाबंदी की वजह से औने-पौने दाम लगाने के बाद भी सारी सब्जियां नहीं बिक पाती हैं. ऐसे में किसानों की सब्जियां सूख जाती हैं, जिसे वे जानवर को खिला देते हैं या फेंक देते हैं. किसान कमलेश महतो और किसान संगीत देवी ने ईटीवी भारत को बताया कि पहले वे लोग शाम तीन बजे सब्जी लेकर बाजार आते थे और शाम सात बजे तक बेचते थे. अब दोपहर दो बजे के बाद पुलिस सख्ती करने लगती है.
सरकार और प्रशासन के सामने एक तरफ कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने की चुनौती है तो दूसरी ओर किसानों और रोजाना कमाने-खाने वालों की बेबसी. लॉकडाउन की अनिश्चितता और आजीविका की चिंता दोनों किसानों के लिए दोहरी मार साबित हो रही है.