गढ़वा: जिला पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. हत्या और रंगदारी के तीन दर्जन से अधिक मुकदमों के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. विकास दुबे को जेल से निकलने के 20 दिनों के अंदर ही दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया. उसके घर से एक अवैध रायफल और जिंदा कारतूस बरामद किया गया है.
एसडीपीओ ओमप्रकाश तिवारी ने कहा कि जेल से निकलने के बाद विकास दुबे अपराध के लिए युवाओं को संगठित कर रहा था. टेंडर मैनेज से लेकर ऑटो-बस स्टैंड से रंगदारी वसूली का काम, उसने फिर से शुरु कर दिया था. जिसके बाद उसके घर में छापेमारी की गई. जहां से एक अवैध रायफल और 13 कारतूस बरामद किया गया. उन्होंने बताया कि विकास दुबे के साथ उसके एक प्रमुख सहयोगी शशिकांत मिश्रा को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. अपराधी सक्रिय हो उसके पहले ही पुलिस ने अपनी कार्रवाई करते हुए अपराधियों को जेल भेजना शुरु कर दिया है.
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दो हत्या करने के आरोप में गया था जेल
बता दें, कि विकास दुबे गढ़वा जिले के मझिआंव थाना के चौका गांव का रहने वाला है. 27 अक्टूबर 2007 को रंगदारी नहीं देने पर गढ़वा के एक इंजीनियर सीपी यादव की हत्या कर दी गई थी. जिसका आरोप उसपर लगा था. पुलिस जब तक उसे गिरफ्तार करती तब तक शहर के एक बड़े व्यवसायी बड़कू की भी हत्या कर दी गई. दोनों घटनाओं के बाद विकास दुबे का भय क्षेत्र में व्यापक रूप ले लिया. जिसके बाद विकास दुबे के नाम पर सरकारी कर्मी से लेकर व्यवसायी तक रंगदारी देने को विवश हो गए. विकास दुबे के खिलाफ तीन दर्जन से ज्यादा हत्या और अपराध के मुकदमे दर्ज हैं. 2010 में एसपी साकेत कुमार सिंह की मजबूत सूचना तंत्र के बदौलत विकास को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. 8 अगस्त 2019 को उसे बेल पर जेल से रिहा किया गया था.