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World Cancer Day: जमशेदपुर के MTMH में होता है कैंसर का विश्वस्तरीय इलाज

4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है. जमशेदपुर में कैंसर मरीजों के लिए मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल (MTMH) का निर्माण कराया गया है. जहां कैंसर मरीजों के इलाज के लिए विश्वस्तरीय तकनीक का उपयोग किया जाता है. जहां शहर के साथ-साथ अन्य प्रदेशों से भी कैंसर पीड़ित मरीज आकर अपनी इलाज करवाते हैं.

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Published : Feb 4, 2021, 5:53 AM IST

Updated : Feb 4, 2021, 12:52 PM IST

world cancer day celebrated on 4 february in jamshedpur
वर्ल्ड कैंसर डे

जमशेदपुर: कैंसर जैसी बीमारी का नाम सुनते ही रूह कांप जाती है. इस बीमारी के लिए काफी शोध किए गए हैं और समय के साथ बदलाव भी देखा जा रहा है. जमशेदपुर में टाटा स्टील कंपनी स्थापित करने के साथ आम जनता को चिकित्सा मुहैया कराने के लिए टाटा घराने ने टीएमएच अस्पताल का निर्माण कराया, लेकिन कैंसर जैसी बीमारी को देखते हुए शहर में कैंसर अस्पताल की सुविधा दी. जिसमें आज विश्वस्तरीय तकनीक के जरिए कैंसर पीड़ित मरीजों का इलाज हो रहा है. जहां शहर के ही नहीं बल्कि अन्य प्रदेशों से कैंसर पीड़ित मरीज आकर इलाज करवा रहे हैं. डॉक्टर की माने तो खान-पान और रहन-सहन में बदलाव कैंसर का मुख्य कारण है, जबकि आज अत्याधुनिक तरीके से इलाज के कारण कैंसर पीड़ितों की जिदंगी बढ़ गई है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
4 फरवरी को मनाया जाता है वर्ल्ड कैंसर डे

कैंसर एक ऐसी बीमारी जिसके नाम से ही जिंदगी छोटी होने लगती है. विश्व के प्रायः सभी देश कैंसर को मात देने के लिए शोध करने में लगे हैं. इस बीमारी के इलाज के लिए अस्पतालों की संख्या बढ़ी है. सरकारी और निजी सेक्टर कैंसर बीमारी के इलाज के लिए काम कर रहे हैं. कैंसर को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए प्रति वर्ष 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है. 100 साल पुराने जमशेदपुर शहर में सिर्फ कैंसर के इलाज के लिए 1975 में मेहरबाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल MTMH की स्थापना की गई. जिसका उद्घाटन जे आरडी टाटा ने किया. अस्पताल में सिर्फ 72 बेड थे. पूर्व में कम संख्या में कैंसर के मरीजों पहुंचते थे. समय के साथ-साथ कैंसर पीड़ितों के आंकड़े बढ़ने लगे. जिसे देखते हुए टाटा ट्रस्ट ने 2018 में MTMH को अपग्रेड करते हुए 128 बेड की व्यवस्था की. अस्पताल में इलाज के लिए विश्वस्तरीय नई तकनीक के अत्याधुनिक मशीन को स्थापित किया गया.

MTMH का इतिहास

  • जमशेदपुर में कैंसर के इलाज के लिए 1975 में मेहरबाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल MTMH की स्थापना
  • जेआरडी टाटा ने किया था अस्पताल का उद्घाटन
  • उदघाटन के समय अस्पताल में 72 बेड की थी व्यवस्था
  • मरीजों की बढ़ती संख्या देखते हुए टाटा ट्रस्ट ने 2018 में MTMH को किया अपग्रेड
  • 2018 में अपग्रेडेशन के बाद 128 बेड की व्यवस्था की गई

MTMH में कैंसर मरीजों का बेहतर इलाज

MTMH की डायरेक्टर सुजाता मित्रा बताती हैं कि कैंसर के बेहतर इलाज के लिए आज दूरदराज से मरीज यहां आते हैं. शरीर में कैंसर डिटेक्ट करने के लिए पेट सीटी मशीन की व्यवस्था है. जो झारखंड में कहीं नहीं है. कीमोथैरेपी के लिए मरीजों को रुकना नहीं पड़ता है. इसके लिए डे केयर की व्यवस्था की गई है. मेडिकल ऑन्कोलॉजी और रेडियोथैरेपी की पूरी व्यवस्था यहां है. ल्यूकीमिया ब्लड कैंसर के ट्रीटमेंट के लिए मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ता है. उन्होंने बताया कि कैंसर अस्पताल प्रॉफिट के लिए नहीं बल्कि सेवा देने के लिए तत्पर है.

MTMH में कैंसर के मरीज

  • MTMH में प्रतिदिन कैंसर के आने वाले मरीजों की संख्या 100 के लगभग
  • अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज की संख्या 800 के लगभग प्रतिमाह
  • कैंसर से मृत्यु होने वालों की संख्या 20 से 22 प्रतिमाह


कई तरह के होते हैं कैंसर

कैंसर के कई रूप हैं, जिनमे ब्लड कैंसर, लंग्स कैंसर, ओरल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और बोन कैंसर के मरीज ज्यादा देखे जाते हैं. अस्पताल में मरीज के आने पर बायप्सी, ब्लड और मज्जा की जांच के जरिये कैंसर का सही पता चलता है. जिसके लिए लैब में जांच की जाती है. अत्याधुनिक मशीन के आने से मरीजों को जांच रिपोर्ट जल्द उपलब्ध हो पा रहा है.


जल्दी रिपोर्ट मिलने से जल्द होता है इलाज

MTMH लैब की हेड वनिता पांडेय बताती है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद डायग्नोसिस किया जाता है. अभी देखा जा रहा है कि कम उम्र के लोगों में कैंसर के लक्षण पाए जा रहे हैं. आज छोटे बच्चे के कैंसर को ब्लड से डायग्नोस करने के बाद ट्रीटमेंट जल्द शुरू होने से बेहतर परिणाम मिलता है. उन्होंने बताया है कि कैंसर के कई तरह की जांच के लिए मरीजों को बाहर जाने की जरूरत नहीं होती है. लैब में अत्याधुनिक सिस्टम होने से रिपोर्ट जल्द से जल्द मिल जाती है. जिसके कारण इलाज जल्द शुरू हो पाता है.

इसे भी पढ़ें-एड्स पीड़ितों को पेंशन योजना, आवास योजना और राशन कार्ड का मिलेगा लाभ



महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादा केस

समय के साथ अन्य बीमारियों की तुलना में कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जो चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती है. वहीं कैंसर के इलाज में कई बदलाव हुए हैं. पुरुषों के अलावा महिलाओं में कैंसर के ज्यादा आंकड़े सामने आ रहे हैं. पुरुषों में ब्लड कैंसर, ओरल कैंसर, लंग्स कैंसर के लक्षण ज्यादा देखने को मिल रहे हैं, जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादा मामले आ रहे हैं.

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर

  • भारत मे प्रतिवर्ष 30 लाख की आबादी कैंसर से प्रभावित होती है
  • 12 लाख के लगभग नए मरीज प्रतिवर्ष
  • कैंसर से मरने वालों की संख्या 8 लाख के लगभग प्रतिवर्ष

पुरुषों में कैंसर के प्रमुख कारण

  • तंबाकू का सेवन
  • धूम्रपान करना
  • अत्यधिक शराब का सेवन

कैंसर के शुरुआती लक्षण

MTMH के ओंकोलॉजिस्ट डॉ. तमोजित चौधरी बताते हैं कि शरीर मे बिना दर्द वाले गांठ का होना, लगातार सुखी खांसी होना, मुंह में छाले का ठीक न होना कैंसर के शुरुआती लक्षण हैं. खान-पान में बदलाव और रहन सहन में बदलाव कैंसर का मुख्य कारण है. साथ ही पर्यावरण का प्रदूषित होना और नशा का सेवन करना एक मुख्य कारण है. जिसके कारण प्रदूषण वाले प्रदेश में लंग्स कैंसर और ब्लड कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. वर्तमान समय में लोगों को समय-समय पर अपनी स्क्रीनिंग, जिसे शारीरिक जांच कहते हैं उसे कराने की जरूरत है. वो बताते हैं कि पूर्व में कैंसर मरीजों की उम्र सीमा कम होती थी. लेकिन वर्तमान में नई पद्धति से इलाज में सुविधाओं के मिलने से कैंसर मरीजों की उम्र बढ़ रही है. आम जनता को कैंसर को मात देने के लिए खुद को जागरुक करना होगा और अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव लाना होगा.


कैंसर के होते हैं चार स्टेज

डॉक्टर का कहना है कि कैंसर के चार स्टेज हैं. पहले स्टेज में लक्षण के पता चलने से इलाज के जरिए पूरी तरह कैंसर से छुटकारा मिलत जाता है, लेकिन धीरे-धीरे स्टेज बढ़ने से खतरा बढ़ जाता है. लोगों को सामने आकर सही समय पर इलाज कराने की जरूरत है.


हर उर्म के लोगों को हो रहा कैंसर

आज छोटे बच्चे, बूढ़े, जवान और महिलाओं में कैंसर का प्रभाव देखा जा रहा है. कैंसर के इलाज के लिए देश के शहरों में बड़े अस्पताल खोले गए हैं, लेकिन झारखंड में MTMH अस्पताल कैंसर पीड़ितों के लिए सबसे बड़े सहारे के रूप में है. जहां मध्य प्रदेश, ओडिशा, बंगाल, बिहार से मरीज इलाज करवाने आते हैं. बहरहाल, लौहनगरी में स्थापित MTMH कैंसर अस्पताल अपनी सेवा देने में पीछे नहीं है. लेकिन इस बीमारी से बचने के लिए डरने की नहीं लड़ने की जरूरत है और इसके लिए आम जनता को जागरूक होना पड़ेगा. अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव के साथ-साथ नशा से दूर रहना होगा.

जमशेदपुर: कैंसर जैसी बीमारी का नाम सुनते ही रूह कांप जाती है. इस बीमारी के लिए काफी शोध किए गए हैं और समय के साथ बदलाव भी देखा जा रहा है. जमशेदपुर में टाटा स्टील कंपनी स्थापित करने के साथ आम जनता को चिकित्सा मुहैया कराने के लिए टाटा घराने ने टीएमएच अस्पताल का निर्माण कराया, लेकिन कैंसर जैसी बीमारी को देखते हुए शहर में कैंसर अस्पताल की सुविधा दी. जिसमें आज विश्वस्तरीय तकनीक के जरिए कैंसर पीड़ित मरीजों का इलाज हो रहा है. जहां शहर के ही नहीं बल्कि अन्य प्रदेशों से कैंसर पीड़ित मरीज आकर इलाज करवा रहे हैं. डॉक्टर की माने तो खान-पान और रहन-सहन में बदलाव कैंसर का मुख्य कारण है, जबकि आज अत्याधुनिक तरीके से इलाज के कारण कैंसर पीड़ितों की जिदंगी बढ़ गई है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
4 फरवरी को मनाया जाता है वर्ल्ड कैंसर डे

कैंसर एक ऐसी बीमारी जिसके नाम से ही जिंदगी छोटी होने लगती है. विश्व के प्रायः सभी देश कैंसर को मात देने के लिए शोध करने में लगे हैं. इस बीमारी के इलाज के लिए अस्पतालों की संख्या बढ़ी है. सरकारी और निजी सेक्टर कैंसर बीमारी के इलाज के लिए काम कर रहे हैं. कैंसर को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए प्रति वर्ष 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है. 100 साल पुराने जमशेदपुर शहर में सिर्फ कैंसर के इलाज के लिए 1975 में मेहरबाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल MTMH की स्थापना की गई. जिसका उद्घाटन जे आरडी टाटा ने किया. अस्पताल में सिर्फ 72 बेड थे. पूर्व में कम संख्या में कैंसर के मरीजों पहुंचते थे. समय के साथ-साथ कैंसर पीड़ितों के आंकड़े बढ़ने लगे. जिसे देखते हुए टाटा ट्रस्ट ने 2018 में MTMH को अपग्रेड करते हुए 128 बेड की व्यवस्था की. अस्पताल में इलाज के लिए विश्वस्तरीय नई तकनीक के अत्याधुनिक मशीन को स्थापित किया गया.

MTMH का इतिहास

  • जमशेदपुर में कैंसर के इलाज के लिए 1975 में मेहरबाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल MTMH की स्थापना
  • जेआरडी टाटा ने किया था अस्पताल का उद्घाटन
  • उदघाटन के समय अस्पताल में 72 बेड की थी व्यवस्था
  • मरीजों की बढ़ती संख्या देखते हुए टाटा ट्रस्ट ने 2018 में MTMH को किया अपग्रेड
  • 2018 में अपग्रेडेशन के बाद 128 बेड की व्यवस्था की गई

MTMH में कैंसर मरीजों का बेहतर इलाज

MTMH की डायरेक्टर सुजाता मित्रा बताती हैं कि कैंसर के बेहतर इलाज के लिए आज दूरदराज से मरीज यहां आते हैं. शरीर में कैंसर डिटेक्ट करने के लिए पेट सीटी मशीन की व्यवस्था है. जो झारखंड में कहीं नहीं है. कीमोथैरेपी के लिए मरीजों को रुकना नहीं पड़ता है. इसके लिए डे केयर की व्यवस्था की गई है. मेडिकल ऑन्कोलॉजी और रेडियोथैरेपी की पूरी व्यवस्था यहां है. ल्यूकीमिया ब्लड कैंसर के ट्रीटमेंट के लिए मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ता है. उन्होंने बताया कि कैंसर अस्पताल प्रॉफिट के लिए नहीं बल्कि सेवा देने के लिए तत्पर है.

MTMH में कैंसर के मरीज

  • MTMH में प्रतिदिन कैंसर के आने वाले मरीजों की संख्या 100 के लगभग
  • अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज की संख्या 800 के लगभग प्रतिमाह
  • कैंसर से मृत्यु होने वालों की संख्या 20 से 22 प्रतिमाह


कई तरह के होते हैं कैंसर

कैंसर के कई रूप हैं, जिनमे ब्लड कैंसर, लंग्स कैंसर, ओरल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और बोन कैंसर के मरीज ज्यादा देखे जाते हैं. अस्पताल में मरीज के आने पर बायप्सी, ब्लड और मज्जा की जांच के जरिये कैंसर का सही पता चलता है. जिसके लिए लैब में जांच की जाती है. अत्याधुनिक मशीन के आने से मरीजों को जांच रिपोर्ट जल्द उपलब्ध हो पा रहा है.


जल्दी रिपोर्ट मिलने से जल्द होता है इलाज

MTMH लैब की हेड वनिता पांडेय बताती है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद डायग्नोसिस किया जाता है. अभी देखा जा रहा है कि कम उम्र के लोगों में कैंसर के लक्षण पाए जा रहे हैं. आज छोटे बच्चे के कैंसर को ब्लड से डायग्नोस करने के बाद ट्रीटमेंट जल्द शुरू होने से बेहतर परिणाम मिलता है. उन्होंने बताया है कि कैंसर के कई तरह की जांच के लिए मरीजों को बाहर जाने की जरूरत नहीं होती है. लैब में अत्याधुनिक सिस्टम होने से रिपोर्ट जल्द से जल्द मिल जाती है. जिसके कारण इलाज जल्द शुरू हो पाता है.

इसे भी पढ़ें-एड्स पीड़ितों को पेंशन योजना, आवास योजना और राशन कार्ड का मिलेगा लाभ



महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादा केस

समय के साथ अन्य बीमारियों की तुलना में कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जो चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती है. वहीं कैंसर के इलाज में कई बदलाव हुए हैं. पुरुषों के अलावा महिलाओं में कैंसर के ज्यादा आंकड़े सामने आ रहे हैं. पुरुषों में ब्लड कैंसर, ओरल कैंसर, लंग्स कैंसर के लक्षण ज्यादा देखने को मिल रहे हैं, जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादा मामले आ रहे हैं.

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर

  • भारत मे प्रतिवर्ष 30 लाख की आबादी कैंसर से प्रभावित होती है
  • 12 लाख के लगभग नए मरीज प्रतिवर्ष
  • कैंसर से मरने वालों की संख्या 8 लाख के लगभग प्रतिवर्ष

पुरुषों में कैंसर के प्रमुख कारण

  • तंबाकू का सेवन
  • धूम्रपान करना
  • अत्यधिक शराब का सेवन

कैंसर के शुरुआती लक्षण

MTMH के ओंकोलॉजिस्ट डॉ. तमोजित चौधरी बताते हैं कि शरीर मे बिना दर्द वाले गांठ का होना, लगातार सुखी खांसी होना, मुंह में छाले का ठीक न होना कैंसर के शुरुआती लक्षण हैं. खान-पान में बदलाव और रहन सहन में बदलाव कैंसर का मुख्य कारण है. साथ ही पर्यावरण का प्रदूषित होना और नशा का सेवन करना एक मुख्य कारण है. जिसके कारण प्रदूषण वाले प्रदेश में लंग्स कैंसर और ब्लड कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. वर्तमान समय में लोगों को समय-समय पर अपनी स्क्रीनिंग, जिसे शारीरिक जांच कहते हैं उसे कराने की जरूरत है. वो बताते हैं कि पूर्व में कैंसर मरीजों की उम्र सीमा कम होती थी. लेकिन वर्तमान में नई पद्धति से इलाज में सुविधाओं के मिलने से कैंसर मरीजों की उम्र बढ़ रही है. आम जनता को कैंसर को मात देने के लिए खुद को जागरुक करना होगा और अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव लाना होगा.


कैंसर के होते हैं चार स्टेज

डॉक्टर का कहना है कि कैंसर के चार स्टेज हैं. पहले स्टेज में लक्षण के पता चलने से इलाज के जरिए पूरी तरह कैंसर से छुटकारा मिलत जाता है, लेकिन धीरे-धीरे स्टेज बढ़ने से खतरा बढ़ जाता है. लोगों को सामने आकर सही समय पर इलाज कराने की जरूरत है.


हर उर्म के लोगों को हो रहा कैंसर

आज छोटे बच्चे, बूढ़े, जवान और महिलाओं में कैंसर का प्रभाव देखा जा रहा है. कैंसर के इलाज के लिए देश के शहरों में बड़े अस्पताल खोले गए हैं, लेकिन झारखंड में MTMH अस्पताल कैंसर पीड़ितों के लिए सबसे बड़े सहारे के रूप में है. जहां मध्य प्रदेश, ओडिशा, बंगाल, बिहार से मरीज इलाज करवाने आते हैं. बहरहाल, लौहनगरी में स्थापित MTMH कैंसर अस्पताल अपनी सेवा देने में पीछे नहीं है. लेकिन इस बीमारी से बचने के लिए डरने की नहीं लड़ने की जरूरत है और इसके लिए आम जनता को जागरूक होना पड़ेगा. अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव के साथ-साथ नशा से दूर रहना होगा.

Last Updated : Feb 4, 2021, 12:52 PM IST
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