जमशेदपुरः टाटा स्टील ने अपने अधिकारियों के लिए पूर्व से घोषित एजाइल वर्किंग मॉडल को लागू कर दिया है. सोमवार से लागू इस नई कार्य प्रणाली के अनुसार अब टाटा स्टील के अधिकारी अगले एक साल तक देश के किसी भी शहर में रह कर अपने काम को कर पाएंगे. पायलट प्रोजेक्ट पर शुरू किए गए इस मॉडल से प्राप्त फीडबैक और रिव्यू के बाद आगे बढ़ाया जाएगा.
एजाइल वर्किंग मॉडल नीति शुरू
कोरोना काल के दौरान वर्क फ्रॉम होम कार्य प्रणाली लागू होने के बाद कंपनी और प्रबंधन ने यह महसूस किया कि ऐसे कई ऑफिस और काम हैं जिनके अधिकारी अगर ऑफिस नहीं भी आते हैं, तो काम पूरा हो सकता है. कंपनी को इस वर्क मॉडल से काफी लाभ भी होगा. कई तरह के ऑफिशियल खर्च में भी कमी की जा सकेगी. टाटा स्टील एक भरोसेमंद और परिणाम आधारित कार्य संस्कृति की ओर बढ़ रही है. इसलिए अपने कर्मचारी को अधिक लचीलापन देने के लिए एजाइल वर्किंग मॉडल नीति शुरू की है.
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कार्य के अनुकूल परिवेश
टाटा स्टील के वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी ने कहा कि फ्लेक्सिबल वर्किंग समूचे भौगोलिक क्षेत्रों में अपने विविध कार्यबल की जरूरतों को पूरा करने के कंपनी के इरादे को बयां करता है. कोरोना महामारी ने हमें उत्पादकता के लिए कार्यालय के माहौल में काम के निश्चित घंटों पर निर्भर होने की पारंपरिक सोच से निकलने और रिमोट वर्किंग के कई मिथकों को दूर करने में मदद की है. यह नीति बेहतर कार्य के साथ जीवन में संतुलन सुनिश्चित करेगी, रहने की जगह चुनने के लिए अधिक लचीलापन देगी. दिव्यांगों के लिए उनके संबंधित कार्य के अनुकूल परिवेश में काम की निरंतरता सुनिश्चित करेगी.